किसानों की मांग, कोल्ड स्टोरेज की हो घोषणा
प्रधानमंत्री 24 अप्रैल को मधुबनी आ रहे हैं, जहां किसानों को कोल्ड स्टोरेज की उम्मीद है। जिले में एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है, जिससे फल और सब्जियां बर्बाद होती हैं। किसानों का मानना है कि अगर कोल्ड...

मधुबनी। देश के प्रधानमंत्री 24 अप्रैल को मधुबनी के विदेश्वरस्थान आ रहे हैं। ऐसे में जिले के किसानों को प्रधानमंत्री से कई उम्मीदें है। खासकर जिले में जिले में एक कोल्ड स्टोरेज स्थापित करने की उम्मीदें बढ़ गयी है। दो लोकसभा वाले मधुबनी जिले में अभी एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है। जिससे फल और सब्जी रख रखाव के अभाव में बर्बाद होता है। किसानों को आलू, प्याज, सब्जी और ल भंडारण के लिए मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर कोल्ड स्टोरेज जाना पड़ता है। जो समय और दूरी के हसिाब से काफी महगा साबित होता है। किसानों को उम्मीद है कि इस बार प्रधानमंत्री मिथिला की भूमि से मधुबनी जिले में सरकारी कोल्ड स्टोरेज खोलने की घोषणा कर सकते हैं। फल बिक्रेता अशोक कुमार, मनोज कुमार, आलू उत्पादक किसान संतोष कुमार ने बताया कि जिले में कोल्ड स्टोरेज नहीं रहने से बहुत परेशानी होती है। छोटे फल बिक्रेताओं को अधिक नुकसान होता है। पपीता, सेब, संतरा, अनार आदि फल गर्मी में बगैर कोल्ड स्टोरेज के बहुत जल्द खराब हो जाता है। यही हाल आलू और प्याज का है। ऐसे में किसानों की नजर प्रधानमंत्री के भाषण पर टिकी है। अगर मधुबनी में कोल्ड स्टोरेज खोलने की घोषणा की जाती है तो इससे पांच लाख से अधिक फल और सब्जी उत्पादक किसानों को फायदा होगा। सीमावर्ती नेपाल के किसान भी यहां आ कर अपना फल व सब्जी कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षित रख सकेंगे। इससे कारोबारियों के साथ किसानों को भी फायदा होगा। मधुबनी जिला कृषि प्रधान जिला है। ऐसे में यहां कोल्ड स्टोरेज की मांग पूरी होने पर प्रधानमंत्री की जय जय कार होगी। वर्षो से लोग मुख्यमंत्री से कोल्ड स्टोरेज की मांग करते आ रहे हैं।
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