जर्जर सड़क व पानी संकट से बेहाल मोहल्ले में पसरी गंदगी से मुसीबत
मधुबनी नगर निगम के वार्ड 10 के लोग वर्षों से बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। नल जल योजना विफल होने, सफाई की कमी और राशन वितरण में अनियमितताओं के कारण स्थानीय लोग परेशान हैं। नागरिकों ने...

मधुबनी । मधुबनी शहर के वार्ड 10 के लोग वर्षों से परेशानियों के बीच रहने को विवश हैं। क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी ने लोगों का जनजीवन मुश्किल बना दिया है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में नगर निगम के प्रति भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि वर्षों से समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं और जनप्रतिनिधियों से लेकर निगम के अधिकारियों तक किसी ने इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। स्थानीय उर्मिला देवी, मालती देवी और कला देवी ने बताया कि वार्ड में नल जल योजना पूरी तरह विफल है। पाइपलाइन बिछाई गई, लेकिन समय रहते उसकी मरम्मत या देखरेख नहीं की गई। परिणामस्वरूप गर्मी के मौसम में जब जलस्तर नीचे चला जाता है, तब नलों से पानी आना बंद हो जाता है। साथ ही, चापाकल से भी पानी नहीं निकलता। लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। वार्ड में नाला निर्माण नहीं हुआ है, जिससे बरसात के मौसम में सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बन जाती है। जलजमाव के कारण लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है। सड़कें पहले से ही कच्ची हैं, और हल्की बारिश में ही कीचड़ जम जाता है। कीचड़ वाले रास्तों पर चलना किसी चुनौती से कम नहीं होता और हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।
स्वच्छता की हालत भी बेहद चिंताजनक :वार्ड में नियमित सफाई नहीं होती, जिससे गंदगी चारों तरफ फैली रहती है। नालियों में कचरा जमा रहता है और सड़कों के किनारे कूड़े का अंबार लगा रहता है। इससे बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है और मच्छरों का प्रकोप भी लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार नगर निगम के अधिकारियों और वार्ड पार्षद से मिलकर समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला, कोई अमल नहीं हुआ। वार्ड संख्या 10 के निवासियों की मांग है कि नल जल योजना को पुन: चालू किया जाए। नालियों का निर्माण कराया जाए। कच्ची सड़कों को पक्का किया जाए और सफाई व्यवस्था को नियमित किया जाए।
राशन कार्ड धारकों को राशन कम मिलने से परेशानी: मधुबनी नगर निगम के वार्ड 10 में राशन वितरण प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्हें निर्धारित मात्रा में राशन नहीं मिल पा रहा है। प्रत्येक महीने मिलने वाले अनाज में 1 से 2 किलो तक की कटौती कर दी जाती है, जिससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। वार्ड की जनता का कहना है कि राशन कार्ड पर जितनी मात्रा अंकित है, उतनी मात्रा में राशन नहीं दिया जाता। जब डीलर से सवाल किया जाता है तो वह कभी वजन मशीन खराब होने का बहाना बनाता है, तो कभी वितरण में गलती बताकर मामला टाल देता है। कई बार तो लोगों को डराया-धमकाया भी जाता है ताकि वे ज्यादा सवाल न करें।
इन समस्याओं के समाधान के लिए लोगों ने कई बार पार्षद, नगर निगम अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला। अब जरूरत है कि प्रशासन नींद से जागे और वार्डवासियों की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ हल करें।
आवास योजना की जियो टैगिंग में अनियमितता
मधुबनी नगर निगम के वार्ड संख्या 10 में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश देखा जा रहा है। लाभार्थियों का आरोप है कि योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी प्रक्रिया विशेष रूप से जियो टैगिंग में भारी अनियमितता हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अधिकारी और कर्मचारी प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी कर रहे है। वार्ड के लोगों का आरोप है जो उन्हें लाभ पहुंचाता है उसे पहले जियो टैगिंग कर दे रहे हैं।
इसके अलावे वार्ड संख्या 10 में स्मार्ट मीटर भी लोगों को परेशान कर रही है। पहले जहां बिजली का मासिक बिल आता था और लोग उसे समय पर भर देते थे। वहीं अब स्मार्ट मीटर की व्यवस्था ने आम नागरिकों की परेशानी बढ़ा दी है। बिल भी अधिक आता है। इस आधुनिक तकनीक के कारण अब उपभोक्ताओं को प्रीपेड रिचार्ज करना होता है। बिजली अचानक कट जाती है। इससे उन्हें परेशानी होती है।
स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं होने से समस्या
मधुबनी नगर निगम के वार्ड संख्या 10 में बुनियादी सुविधाओं की कमी एक गंभीर मुद्दा बनती जा रही है। क्षेत्र की अधिकांश सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है, जिससे रात के समय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अंधेरे में सड़क पर चलना जोखिम भरा हो गया है, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं के लिए। स्थानीय नागरिकों ने बताया कि रात होते ही पूरा इलाका अंधेरे में डूब जाता है। गलियों और मुख्य मार्गों पर रोशनी न होने के कारण दुर्घटना और अपराध का खतरा बढ़ जाता है। कई बार नगर निगम से शिकायत करने के बावजूद अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है। ऐसे में वार्ड के जागरूक लोगों ने आपस में चंदा इकट्ठा कर मुख्य चौराहों और जरूरतमंद स्थानों पर निजी रूप से स्ट्रीट लाइट लगवानी शुरू की है। उनका कहना है कि प्रशासन जब जिम्मेदारी नहीं निभा रहा, तो हम खुद आगे आकर कम से कम जरूरी जगहों पर रोशनी की व्यवस्था कर रहे हैं ताकि लोगों को आने-जाने में थोड़ी सुविधा हो सके।
बोले जिम्मेदार
आवास योजना में गड़बड़ी की पुष्टि होने पर कई संबंधित लोगों पर कार्रवाई की गई है। सड़क, नाला और पेय जल की समस्याएं मुख्यतः विस्तारित क्षेत्र में सामने आई हैं। इन समस्याओं के समाधान के लिए नगर निगम ने टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से काम शुरू किया है। कई वार्डों में पहले से ही कार्य प्रारंभ हो चुका है और अन्य क्षेत्रों में भी जल्द काम शुरू होगा। कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नाला सफाई, पाइपलाइन बिछाने और सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है। अगले कुछ महीनों में वार्ड संख्या 10 समेत अन्य प्रभावित इलाकों में हालात में सुधार दिखेगा। -अरुण राय, मेयर
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