सेक्स करो, गर्भवती बनाओ और 5 लाख ले जाओ; प्लेबॉय और जिगोलो बनाने के नाम पर चल रही थी ठगी
जाल में फंसे उपभोक्ताओं को निसंतान महिलाओं को गर्भवती बनाने पर 5 लाख रुपये देने का झांसा दिया जाता था, जिन्हें बच्चे नहीं होते थे। इसके एवज में उपभोक्ताओं से रजिस्ट्रेशन फी के नाम पर 500 से 1000 रुपये लिये जाते थे। फिर ठगी की रकम लाखों में पहुंच जाती थी।

साइबर ठग लोगों को ठगने के नए- नए हथकड़े अपना रहे हैं। लेकिन नवादा से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जहां युवकों को प्लेबॉय और जिगोलो बनाने के नाम पर ठगा जा रहा है। इसके लिए निसंतान महिलाओं को गर्भवती करने पर 5 लाख का ऑफर दिया जा रहा था। प्ले ब्वाय जॉब और बेबी बर्थ सर्विस के नाम पर महिलाओं को गर्भवती बनाने का झांसा देकर ऑनलाइन ठगी करते एक साइबर अपराधी को एसआईटी ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। घटना गुरुवार की रात कादिरगंज थाना क्षेत्र के पचम्बा मोड़ के पास की है। पचम्बा मोड़ स्थित कचरा भवन के समीप बधार में छापेमारी कर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार 22 वर्षीय सोनू कुमार मुफस्सिल थाना क्षेत्र के गुरमा गांव के अर्जुन प्रसाद का बेटा बताया जाता है। उसकी तलाशी के क्रम में दो मोबाइल व चार फर्जी सिम बरामद किये गये हैं। मोबाइल से विभिन्न प्रकार के अश्लील फोटो व वीडियो समेत साइबर ठगी से जुड़े कई साक्ष्य बरामद किये गये हैं। नवादा के एसपी अभिनव धीमान के निर्देश पर की गयी छापेमारी का नेतृत्व एसआईटी के टीम लीडर कादिरगंज एसएचओ श्रवण कुमार राम ने किया। जबकि अभियान में कादिरगंज थाने के अन्य पुलिस पदाधिकारी व डीआईयू की टीम शामिल थी।
गर्भवती बनाने पर पांच लाख का झांसा
पुलिस को साइबर अपराधियों द्वारा ऑल इंडिया जॉब सॉल्यूशन, प्रिग्नेंसी वुमन हेल्थ एवं प्ले ब्वाय सर्विस के नाम पर ऑनलाइन ठगी किये जाने की सूचना मिली थी। सूचना पर एसपी द्वारा टीम का गठन किया गया। टीम द्वारा की गयी छापेमारी में रात के अंधेरे में भागते हुए एक युवक को गिरफ्तार किया गया। जबकि उसके शेष साथी भाग निकले। पूछताछ में आरोपित युवक ने स्वीकार किया कि उसके व उसके अन्य साथियों द्वारा महिलाओं को गर्भवती बनाने का झूठा प्रलोभन देकर विभिन्न राज्यों के उपभोक्ताओं से लाखों की ठगी की जा रही थी।
जाल में फंसे उपभोक्ताओं को निसंतान महिलाओं को गर्भवती बनाने पर 5 लाख रुपये देने का झांसा दिया जाता था, जिन्हें बच्चे नहीं होते थे। इसके एवज में उपभोक्ताओं से रजिस्ट्रेशन फी के नाम पर 500 से 1000 रुपये लिये जाते थे। इसके बाद सेक्युरिटी फीस के नाम पर 5000 से 15000 की ठगी की जाती थी। एक बार जाल में फंसने के बाद ठगी की रकम लाखों में पहुंच जाती थी। ये रुपये यूपीआई के माध्यम से विभिन्न अकाउंट में ट्रांसफर कराये जाते थे।
मोबाइल में कई साक्ष्य, सिम भी फर्जी
मोबाइल की जांच में ठगी से संबंधित कई साक्ष्य पुलिस को मिले हैं। वाट्सएप चैट में पार्ट टाइम जॉब, ऑल इंडिया प्ले ब्वाय जॉब कम्पनी, ऑल इंडिया जॉब सॉल्यूशन व इंडिया नॉन जूडिशयल बेबी बर्थ से संबंधित एग्रिमेंट लेटर, वीडियो व कई झूठी सूचनाएं बरामद की गयी है। साथ ही कई उपभोक्ताओं से ठगी किये गये रुपयों के ट्रांजेक्शन का भी पता चला है।
पुलिस इस आधार पर ठगी के शिकार लोगों का पता लगा रही है। वहीं इसके अलावा आरोपित की मोबाइल से जब्त की गयी सभी चार सिम फर्जी पाये गये हैं। इस मामले में कादिरगंज थाने में गुरुवार की रात प्राथमिकी दर्ज की गयी है। आरोपित को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।