अब तक 4 मरे और 100 घायल, पटना में यहां बंदरों का आंतक; खौफ में जी रही महिलाएं और बच्चे
- वहीं बंदरों के भय से भागने के क्रम में कई लोग छत से गिरकर हड्डी तुड़वा चुके हैं। सिटी चौक के आसपास के इलाकों में बंदरों के भय से महिलाएं और बच्चों ने छत पर जाना छोड़ दिया है। वहीं ज्यादातर घरों में छतों पर लोहे की जाल लगायी गयी है। खासकर बड़े इमारतों में बंदरों का प्रकोप ज्यादा है।

बिहार की राजधानी पटना में बंदरों के आतंक से लगभग एक दर्जन मोहल्लों में घरों में रह रहे लोग पिंजरे में कैद हो रहे हैं। छत से लेकर बालकनी तक लोहे के जाल से घिर गया है। पटना सिटी इलाके में बंदरों के हमले से अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 100 से अधिक लोग जख्मी भी हुए हैं। गुरु गोविंद सिंहजी के 350वें प्रकाश पर्व के पहले वन विभाग और जिला प्रशासन के सहयोग से अभियान चलाकर बंदरों को पकड़ा गया था, पर हकीकत यह है कि अब बंदरों की संख्या पांच गुणी बढ़ गई है। बंदरों की बढ़ती संख्या ने कई मोहल्लों में लोगों को छत पर चढ़ना मुश्किल कर रखा है। वहीं सब्जी मंडी से फल, सब्जी या अन्य खाद्य पदार्थ लेकर लौटना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है।
गुरुद्वारा आने वाले श्रद्धालु भी हो रहे बंदरों का शिकार
पलक झपकते डब्बा गायब की तर्ज पर बंदर सामान झपट कर रफूचक्कर हो जाते हैं और लोग खड़े रह जाते हैं। कुछ वर्षों पहले बंदर ने मच्छरहट्टा मंडी में एक कारोबारी से रुपए का बंडल झपट लिया था। आए दिन बाललीला गुरुद्वारा और तख्त साहिब के आसपास बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी बंदरों का शिकार हो रहे हैं।
भय से महिलाएं और बच्चों ने छत पर जाना छोड़ा
बंदरों के आतंक के कारण क्षेत्र में एक महिला की मौत हो गयी थी। पन्द्रह वर्ष पूर्व हरिमंदिर गली में छत पर कपड़ा डालने गयी महिला बंदर के भय से नीचे कूद गयी गयी थी। जिससे उसकी मौत हो गयी थी। वर्ष 2015 में मिरचाई गली में बंदर ने ईंट गिरा दिया था, जिससे एक पुजारी की मौत हो गई थी। रामबाग में भी बंदर ने छत पर रखा ईंट गली में गिरा दिया था, जिससे सड़क पर कपड़ों की गठरी बांध रहा एक कर्मचारी की सिर फटने से मौत हो गयी थी।
वहीं बंदरों के भय से भागने के क्रम में कई लोग छत से गिरकर हड्डी तुड़वा चुके हैं। सिटी चौक के आसपास के इलाकों में बंदरों के भय से महिलाएं और बच्चों ने छत पर जाना छोड़ दिया है। वहीं ज्यादातर घरों में छतों पर लोहे की जाल लगायी गयी है। खासकर बड़े इमारतों में बंदरों का प्रकोप ज्यादा है। जहां बॉलकनी और लिफ्ट स्पेश के पास बंदर पहुंच जाते हैं और बरामदा में पड़े सामानों को बर्बाद कर देते हैं। इन बंदरों से खोमचे वाले भी काफी तबाह हैं। कई बार छीना झपटी में लोग घायल भी हो जाते हैं।
सिटी और अजीमाबाद अंचल में फैला है बंदरों का झुंड
पटना नगर निगम के सिटी और अजीमाबाद अंचल के एक दर्जन से अधिक मोहल्लों में इन बंदरों का आतंक है। अशोक राजपथ से गंगा तट के बीच के मोहल्लों से लेकर पटना साहिब स्टेशन के आसपास के मोहल्लों में भी बंदरों का आतंक कायम हो चुका है। दिनों दिन बंदरों की बढ़ती संख्या के कारण सिटीवासियों के अलावा देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। एसडीओ, पटना सिटी, ने कहा कि विभिन्न मोहल्लों में आतंक का कारण बन रहे बंदरों को पकड़कर जैविक उद्यान में डालने को लेकर वन विभाग के अधिकारियेां को पत्र लिखा जाएगा।