हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर डॉक्टरों की कमी व सुविधाओं के अभाव में नहीं मिल रही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
रक्सौल प्रखंड में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की संख्या बढ़ाई गई है, लेकिन सुविधाओं में सुधार नहीं हुआ है। डॉक्टरों और नर्सों की कमी से मरीजों की जांच और इलाज में दिक्कतें आ रही हैं। कई सेंटरों में जरूरी...

रक्सौल,एक संवाददाता। रक्सौल प्रखंड में ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की संख्या बढ़ा दी गई हैं,लेकिन,इलाज और सुविधा में ज्यादा इजाफा नहीं हो सका है। डॉक्टरों के साथ नर्स ,पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी से मरीजों की जांच और इलाज की सुविधा में बढ़ोतरी नहीं हो सकी है। पदस्थापित डॉक्टर भी कभी लेट नहीं ,कभी भेंट नहीं वाली स्थिति में दिखते हैं।वहीं,इन सेंटरों पर गर्भवती महिलाओं की जांच,गैर संचारी रोगों की जांच ,टीकाकरण ,टेलीमेडिसिन सेवा जैसी सुविधाएं आज भी जारी है। सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने प्रखंड के 4अतिरक्ति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को स्तरोन्नति कर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना दिया गया है।वहीं,प्रखंड
के सभी 16हेल्थ सब सेंटर को आयुष्मान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बना दिया गया है,जहां ,सीएचओ को इंचार्ज बनाया गया है,जिससे स्वास्थ्य सेवा थोड़ी व्यवस्थित हुई है,लेकिन,बेहतर नहीं हो सका है। इनमें अधिकांश सेंटर अपने भवन और जरूरी सुविधा संसाधन को तरस रहे हैं। अतिरक्ति प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बने सेंटरों की स्थिति भी ठीक नहीं है। भेलाही और पलनवा सेंटर्स का अपना भवन नहीं है। वहीं,नोनियाडीह और लौकरिया की स्थिति भी बदहाल है।जरूरी सुविधा संसाधन की कमी है।पूरे जिले में लौकरिया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर टॉप था,लेकिन,इसकी भी स्थिति अब फिसड्डी हो गई है। 20सेंटरों में केवल लौकरिया में ही एंबुलेस की सुविधा है,वह भी कई महीनों के बाद नई एंबुलेंस मिलने से यह सेवा दुबारा बहाल हो सकी है।
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