शाम में दो घंटे की झमाझम बारिश ने फिजा में घोली ठंडक
लों को बारिश से हुई है काफी फायदा जिले में अब तक 70 प्रतिशत तक दमाही का काम हो चुका है संपन्न जो किसान अब तक मूंग की फसल नहीं लगाए हैं वे जल्द से जल्द

मुंगेर, निज प्रतिनिधि। असम और बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव के कारण बिहार में नमी युक्त हवाएं आ रही है। इस कारण मौसम बदला और झमाझम बारिश प्रारंभ हो गयी। बुधवार व गुरुवार को जिले में लगभग 12 एमएम बारिश हुई है। मुंगेर जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्र में गुरुवार की सुबह व शाम में मौसम की बेरुखी से किसानों के सामने नयी मुसीबत आ गयी है। बारिश से गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। खेतों में जहां एक तरफ किसान गेहूं काटने में लगे हुए थे तो कहीं किसान गेहूं की थ्रेसिंग कर रहे थे, कि अचानक मौसम ने करवट बदला और झमाझम बारिश की शुरुआत हो गयी। बारिश देख किसान अपने फसलों को भींगते देखकर चिंतित हो गए हैं।
खेतों में तैयार गेहूं के अलावा खलिहान पर ही गेहूं की बोझ बारिश के पानी में बर्बाद हो गया। इस बार किसानों की नजर गेहूं की फसल पर टिकी थी, वह भी मौसम की भेंट चढ़ता दिख रहा है। सैकड़ों क्विंटल गेहूं की फसल बर्बाद हो गयी। गौरतलब है कि गेहूं के फसल की क्रॉप कटिंग के जरिए फसल आकलन को लेकर पहले ही आकलन किया जा चुका है। जिले में अब तक 70 प्रतिशत तक दमाही का काम संपन्न हो गया है। जबकि पिछात गेहूं की बुवाई करने वालों किसानों के समक्ष बेमौसम बारिश ने सब कुछ बर्वाद कर दिया।
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क्या कहते हैं किसान:
प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों से किसान नारयण ठाकुर, मुकेश सिंह, बबलू यादव,अमर कुमार मंडल, फानो सरदार, मुकेश कुमार समेत अन्य ने कहा कि गेहूं की फसल तो बर्बाद हुई, लेकिन मक्का की फसल को थोड़ा फायदा हुआ है क्योंकि अत्यधिक तापमान के कारण मक्के के पौधे सूखने के कगार पर थे। उन्होंने बताया कि पटवन के बावजूद खेतों से नमी गायब हो जाती थी। उन्होंने कहा कि आम, लीची और मूंग की फसल को लाभ हुआ है। खेत में गिरी फसल तेज हवा के संग वर्षा प्रभावित हुई है। वर्षा से तापमान में गिरावट आयी है व गर्मी से राहत मिली है। गुरुवार को हुई बारिश से वैसे किसानों में खुशहाली आ गयी है, जो अपने गेहूं कटनी के बाद मुंग बुआई के लिए पटवन कर रहे थे। वहीं मक्का और सब्जी को भी लाभ मिला है, लेकिन कटी हुई गेहूं का तैयारी प्रभावित हो गयी है।
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कहते हैं कृषि विशेषज्ञ:
इस समय हो रही हल्की वर्षा और चल रही हल्की पूर्वी हवाएं गरमा फसल एवं आम तथा लीची के लिए लाभकारी हैं। लेकिन, खेतों में लगे एवं कटकर तैयार होने के लिए रखी रबी की फसलों के लिए यह वर्षा लाभदायक नहीं है। यदि आने वाले दिनों में तेज हवा के साथ बर्फबारी होती है तो आम, लीची एवं विभिन्न गरमा फसलों को भारी नुकसान हो सकता है।
-डॉ विनोद कुमार, कृषि वैज्ञानिक, कृषि
विज्ञान केंद्र, मुंगेर
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दक्षिण पश्चिम एवं उससे सटे दक्षिण- पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना है, जो उत्तर- पश्चिम की ओर बढ़ गया है। इसके साथ ही उत्तर एवं पश्चिम में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है। ऐसे में एक चक्रवाती हवा का परिसंचरण मुंगेर के ऊपर बना हुआ है। इन सब के मिले-जुले प्रभाव से मुंगेर में वर्षा हो रही है और मौसम में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यह स्थिति अगले दो-तीन दिनों तक बनी रह सकती है। ऐसे में, मुंगेर के लोगों को गर्मी से कुछ राहत मिलती रहेगी। इस दौरान तापमान में हल्का उतार-चढ़ाव हो सकता है। किसान भाई को सलाह है कि, वे मौसम की अनिश्चितता को देखते हुए खेतों की निगरानी करते रहें और जरूरत के अनुसार फसलों की सुरक्षा करें।
-मुकेश कुमार, वरीय वैज्ञानिक सह प्रधान,
कृषि विज्ञान केंद्र, मुंगेर
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मुंगेर। गुरुवार की शाम लगभग दो घंटे की मूसलाधार बारिश से शहर पानी पानी हो गया। शहर के तापमान गिरावट आ गया। शहर के कई इलाकों में कुछ देर के लिये जलभराव हो गया जिससे आवगम प्रभावित हुआ। दशभुजी दुर्गा स्थान जाने वाली सड़क पर जलजमाव से गुजने वाला एक ऑटो पलट गया। छोटे चौपहिया वाहनों को निकलने में परेशानी हुई। बाजार में बाटा चौक, गुलजार पोखर आदि जगहों पर कुछ देर के बारिश का पानी आया फिर तुरंत निकल गया।
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