Delay in Administrative Approval for Mortuary and Prison Ward Construction in SKMCH Bihar मुर्दाघर को चार माह से मुख्यालय की मंजूरी का इंतजार, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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मुर्दाघर को चार माह से मुख्यालय की मंजूरी का इंतजार

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में मुर्दाघर और कैदी वार्ड के निर्माण के लिए बीएमएसआईसीएल ने स्वीकृति दी है, लेकिन प्रशासनिक मंजूरी का इंतजार चार महीने से जारी है। मुर्दाघर की कमी के कारण लावारिस शवों का...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 27 April 2025 07:04 PM
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मुर्दाघर को चार माह से मुख्यालय की मंजूरी का इंतजार

मुजफ्फरपुर, कुंदन कुमार। बीएमएसआईसीएल से स्वीकृति के बाद भी एसकेएमसीएच को पिछले चार माह से मुर्दाघर और कैदी वार्ड की प्रशासनिक मंजूरी का इंतजार है। मुख्यालय में यह फाइल अपर मुख्य सचिव के स्तर पर लंबित है। मुर्दाघर के अभाव में शवों को तत्काल पोस्टमार्टम हाउस में ही रखने की विवशता है। इस कारण बिना पहचान वाले शवों का परिजनों के आने का इंतजार किए बिना अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।

बिहार मेडिकल सर्विस एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) ने एसकेएमसीएच में मुर्दाघर और कैदी वार्ड के निर्माण को मंजूरी दी है। इनके निर्माण के लिए 4.98 करोड़ की राशि का तकनीकी अनुमोदन मिल गया है, लेकिन प्रशासनिक स्वीकृति के अभाव में योजना अटकी है। बीएमएसआईसीएल के मुख्य परियोजना महाप्रबंधक ने इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को भी पत्र लिखा है।

उन्होंने बताया है कि एसकेएमसीएच में अलग मोर्चरी और कैदी वार्ड के लिए परामर्शी एजेंसी स्पेश ऐश गुरुग्राम ने डीपीआर तैयार की है। यह डीपीआर कुल 4,98,16,000 रुपये की है, जिसे तकनीकी अनुमोदन मिल गया है। अब प्रशासनिक अनुमोदन मिलने पर काम शुरू हो पाएगा। उन्होंने बताया है कि एजेंसी की डीपीआर को बीते जनवरी में ही स्वीकृति मिल गई है। इधर, इस अवधि में एसकेएमसीएच अधीक्षक ने अपर मुख्य सचिव को प्रशासनिक स्वीकृति के लिए तीसरी बार पत्र लिखा है।

चीनी नागरिक के अलावा कोई शव नहीं रखा गया सुरक्षित

लावारिस शवों को कम से कम 72 घंटे तक सुरक्षित रखने का नियम है, ताकि यदि परिजन को जानकारी मिले तो वह अंतिम दर्शन के साथ अपने धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार कर सके। लेकिन एसकेएमसीएसच में मुर्दाघर के अभाव में सभी शवों का तुरंत अंतिम संस्कार कर देना पड़ता है। बीते दिनों एक चीनी नागरिक की इलाज के दौरान मौत के बाद उसके शव को दो माह तक सुरक्षित रखना प्रशासनिक मजबूरी हो गई तो उसे परिजन के आने तक एनाटोमी विभाग में रखना पड़ा।

सुरक्षित वार्ड के अभाव में इलाज के दौरान भागे कैदी

अहियापुर के खालिकपुर निवासी धीरज राय शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में बंद था। उसे इलाज के लिए एसकेएमसीएच ले जाया गया। पर्याप्त सुरक्षा के अभाव में वह 23 अप्रैल 2024 को अस्थायी कैदी वार्ड से फरार हो गया। हालांकि, पुलिस ने उसे 12 घंटे में पकड़ लिया। अप्रैल 2023 में मीनापुर निवासी एक कैदी इलाज के दौरान अस्थायी कैदी वार्ड से फरार हो गया। वहीं, आठ अगस्त 2024 को सीतामढ़ी जेल से इलाज के लिए एसकेएमसीएच लाया गया नथुनी साह फरार हो गया। इसके बाद छपरा जेल से इलाज के लिए लाया गया कैदी इरफान खान 16 जनवरी 2023 को फरार हो गया था।

पोस्टमार्टम हाउस के दोनों फ्रीजर सालों से खराब :

मेडिकल पोस्टमार्टम हाउस के दोनों फ्रीजर सालों से खराब पड़े हैं। मरम्मत होने के बाद भी नहीं चले। कोरोना काल में शवों को रखने के लिए दो फ्रीजर मंगाए गए थे। इनमें भी एक ही फ्रीजर कुछ दिनों तक चला। लो वोल्टेज के कारण वह भी सही से कम नहीं कर रहा है। फिलहाल किसी शव को ज्यादा दिन रखने की जरूरत होती है तो एनाटॉमी विभाग में छात्रों की पढ़ाई के लिए रखे जाने वाले फ्रीजर में रखा जाता है।

बयान:

एसकेएमसीएच में बंदी वार्ड निर्माण की प्रक्रिया काफी तेज हो चुकी है। इसकी डिजाइन भी तैयार हो चुकी है। बीएमएसआईसीएल जगह चिह्नित कर आगे की कागजी प्रक्रिया पूरी करने में जुटा है। इसके पूरा होने के बाद डीपीआर तैयार होगी। फिर सरकार के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

- डॉ. विभा, अधीक्षक एसकेएमसीएच

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