नेपाल, बांग्लादेश के सीमाई इलाकों में हो रही विदेशी पिस्टल की डिलीवरी
मुजफ्फरपुर में नेपाल और बांग्लादेश के बॉर्डर से विदेशी पिस्टल की तस्करी हो रही है। मोतीपुर से गिरफ्तार चार तस्करों ने पुलिस को जानकारी दी है कि यह पिस्टल जर्मनी और स्पेन में बनती हैं। पुलिस ने तस्करों...

मुजफ्फरपुर, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। नेपाल और बांग्लादेश के बॉर्डर इलाकों में विदेशी पिस्टल की डिलेवरी हो रही है। यहां से स्थानीय लाइनर विदेशी तस्करों से पिस्टल खरीद कर मुजफ्फरपुर सहित उत्तर बिहार के कई जिलों में पहुंचा रहे है। मोतीपुर से गिरफ्तार तस्कर ने पुलिस की पूछताछ में यह बड़ा खुलासा किया है। तस्करों की निशानदेही पर पुलिस नेटवर्क को खंगाल रही है। बताया गया कि शातिरों पास से जब्त यह पिस्टल अमूमन जर्मनी और स्पेन में बनती है। इसकी कीमत 12 लाख रुपये से शुरू होती है। इधर, ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया कि गिरफ्तार चारों आरोपितों से पूछताछ और उसके पास से जब्त मोबाइल की जांच में पुलिस को कई अहम जानकारी मिली है। गोपनीय तरीके से उसकी जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
बता दें कि मोतीपुर थाना के धूमनगर के पास से सरगना पंकज सहित चार शातिरों को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से एक स्पेनिश कंपनी एललामा की 9 एमएम पिस्टल और एक देसी स्तर की बनी पिस्टल जब्त की गई थी। बताया गया था कि प्रेमिका के लिए कथैया के कुड़िया गांव में वर्चस्व बनाने को लेकर फायरिंग के बाद शातिर सुजीत सहित तीन अपराधी फायरिंग कर कार से भागे थे। तीनों को मोतीपुर इलाके में घेराबंदी कर पकड़ा गया। पुलिस की पूछताछ में शातिरों ने फायरिंग की बात स्वीकारने के साथ गिरोह से जुड़े आर्म्स सप्लायर सहित दस शातिरों का नाम बताया था।
बड़े हत्याकांडों में विदेशी हथियार का इस्तेमाल :
जानकारी हो कि 23 सितंबर 2018 की शाम पूर्व मेयर समीर कुमार और उनके चालक की अत्याधुनिक हथियार से हत्या की गई थी। वारदात में इस्तेमाल हथियार आज तक पुलिस बरामद नहीं कर सकी। इसके अलावा 21 जुलाई 2023 की रात शहर के चर्चित प्रॉपर्टी डीलर आशुतोष शाही और उनके तीन बॉडीगार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात में भी चार अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हुआ था, जिसमे से महज दो हथियार ही पुलिस बरामद कर पाई। मिठनपुरा के तीन कोठियां में रामप्रवेश सिंह की हत्या में इस्तेमाल अत्याधुनिक हथियार भी आज तक बरामद नहीं हुआ। बताया जाता है कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में हुई कई हत्याकांड में विदेशी अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हुआ। ज्यादातर वारदातों में इस्तेमाल हथियार आज तक बरामद नहीं हो सका है।
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