Muzaffarpur Teachers Struggle with Salary Delays and Online Attendance Issues नियोजित से विशिष्ट दर्जा पाए शिक्षकों को सुविधाएं तो दूर, समय पर वेतन तक नहीं, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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नियोजित से विशिष्ट दर्जा पाए शिक्षकों को सुविधाएं तो दूर, समय पर वेतन तक नहीं

मुजफ्फरपुर में 8000 से अधिक विशिष्ट शिक्षक वेतन की देरी और ऑनलाइन उपस्थिति की समस्या से जूझ रहे हैं। दक्षता परीक्षा पास करने के बाद भी कई शिक्षकों का वेतन बकाया है। प्रशासनिक लापरवाही के कारण शिक्षकों...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरMon, 14 April 2025 05:33 PM
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नियोजित से विशिष्ट दर्जा पाए शिक्षकों को सुविधाएं तो दूर, समय पर वेतन तक नहीं

मुजफ्फरपुर। नियोजित से विशिष्ट बने शिक्षक अपने हाल पर आंसू बहा रहे हैं। इनकी पीड़ा है कि कहने को हम विशिष्ट हैं, लेकिन वेतन भी समय पर नहीं मिल पा रहा है। बरसों पहले दक्षता साबित करने के बाद भी सरकार की शर्तों के अनुसार फिर से अपनी दक्षता साबित की। इस दौरान विभागीय कार्रवाई की जद में भी आए। पहले घर के नजदीक थे, अब 20 से 30 किमी दूर का स्कूल मिला है, जहां समय पर पहुंचने की आपाधापी में सड़क हादसों का शिकार होना पड़ता है। ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनने पर स्पष्टीकरण मांगा जाता है, मगर नेटवर्क की समस्या का समाधान नहीं निकाला जा रहा है। इतनी मुश्किलें झेलकर विशिष्ट दर्जा पाए हैं तो यह हमें मिलने वाली सुविधाओं में झलकना चाहिए।

मुजफ्फरपुर जिले के आठ हजार से अधिक विशिष्ट शिक्षक कई स्तरों पर समस्याओं से जूझ रहे हैं। सक्षमता एक और दो की परीक्षा पास कर नियोजित से विशिष्ट का दर्जा तो पा गए, लेकिन कभी तकनीकी त्रुटि तो कभी लापरवाही से अब तक 500 से अधिक शिक्षकों की ऑनबोर्डिंग नहीं हुई है। कभी ऑनलाइन योगदान तो कभी प्रान जेनरेट के लिए चक्कर काटते रहते हैं। जिले में अब तक तीन हजार शिक्षकों का प्रान जेनरेट भी नहीं हो पाया है, जिस कारण उन्हें नियुक्ति के बाद से वेतन नहीं मिला है। वेतन निर्धारण नहीं होने से इनके वेतन की राशि चालू वित्तीय वर्ष में एरियर के रूप में बकाया रह जाने की चिंता सता रही है। विशिष्ट शिक्षकों का कहना है कि सक्षमता परीक्षा पास करने के बाद उम्मीद जगी थी कि वेतन के साथ अन्य समस्याओं का समाधान हो जायेगा, मगर नियुक्ति के तीन माह बाद भी वेतन नहीं मिला है, जिससे आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। प्रेमचंद, विवेक कुमार, लखनलाल निषाद, मृत्युजंय कुमार समेत अन्य शिक्षकों ने कहा कि किसी का फरवरी का वेतन मिल गया, मगर जनवरी का नहीं मिला। जिले के 2385 शिक्षक इस समस्या से जूझ रहे हैं।

समय पर नहीं जमा होता एडवाइस :

परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के लखनलाल निषाद ने कहा कि शिक्षकों ने बकाया भुगतान को लेकर बीते 15 फरवरी को शिक्षा कार्यालय में धरना-प्रदर्शन भी किया। स्थिति यह है कि प्रखंडों से जिला स्तर पर हर महीने निर्धारित तिथि को 50 फीसदी शिक्षकों का भी एडवाइस जमा नहीं होता है। जिस प्रखंड में नजराना दिया जाता है, वहां से एडवाइस आ जाता है। प्रखंड स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण जिला में एडवाइस देर से पहुंचता है। जिला में एडवाइस आने पर भी यह कार्यालय में पड़ा धूल फांकता रहता है।

वरीयता का नहीं किया गया निर्धारण :

बिहार स्टेट टीचर एसोसिएशन गोपगुट के विवेक कुमार कहते हैं कि किसी तरह की शिकायत लेकर जिला कार्यालय पहुंचने पर परेशानियों का सामना करना पड़ता है। विद्यालय से छुट्टी के बाद कार्यालय में आने पर पांच बज जाते हैं। उसके बाद आवेदन लेने के लिए काउंटर पर कोई कर्मी नहीं रहते। शिक्षकों ने कहा कि स्कूलों में नियोजित, विशिष्ट, बीपीएससी शिक्षक कार्यरत हैं, जिनका वरीयता निर्धारण के लिए पत्र नहीं निकला है। वरीयता को लेकर आए दिन शिक्षकों के बीच विवाद होता रहता है।

एफएलएन किट मिली, मगर ट्रेनिंग नहीं :

शिक्षकों ने कहा कि समस्या सिर्फ हमारी ही नहीं, बल्कि स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था और बच्चों को लेकर भी है। एफएलएन किट विभाग की ओर से दी गई, मगर इससे पढ़ाने के लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग नहीं दी गई। शिक्षक अभी पुराने ढर्रे पर ही छात्र-छात्राओं को पढ़ा रहे हैं। अभी भी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को जमीन पर ही बैठना पड़ता है। ऊपर की कक्षा के विद्यार्थियों के लिए ही बेंच-डेस्क उपलब्ध हैं। इसको लेकर आए दिन अभिभावक हंगामा करते हैं। शिक्षकों को अधिकारियों से लेकर अभिभावकों का गुस्सा झेलना पड़ता है। इन सबमें सुधार होना चाहिए।

बोले जिम्मेदार :

जिले के जिन विशिष्ट शिक्षकों का डाटा एचआरएमएस पर ऑनबोर्डिंग नहीं हुई है, उनके वेतन भुगतान में देरी हो रही है। एचआरएमएस पर तकनीकी दिक्कतों के कारण डाटा अपलोड नहीं हो पा रहा है। शिक्षकों के डाटा में जो गड़बड़ी थी, उसमें सुधार की प्रक्रिया चल रही है। विशिष्ट शिक्षकों के जनवरी-फरवरी के वेतन भुगतान को लेकर विभागीय स्तर से हरी झंडी मिलते ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी। ऑनलाइन हाजिरी सभी शिक्षकों को बनानी है। नहीं बनाने वाले पर कार्रवाई का निर्देश विभाग से ही मिला हुआ है।

- अजय कुमार सिंह, डीईओ

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