कचरा वर्गीकरण प्लांट की बदलेगी डिजाइन
मुजफ्फरपुर में कचरा प्रबंधन के लिए नया एमआरएफ (मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) और कंपोस्ट प्लांट बनाया जाएगा। केंद्रीय मंत्रालय द्वारा पुराने डिजाइन में संशोधन किया गया है। नए डिजाइन के तहत प्रति घंटे 10 टन...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता शहर से निकले कचरा के वर्गीकरण के लिए नये डिजाइन के एमआरएफ (मेटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) का निर्माण होगा। साथ ही कंपोस्ट प्लांट भी बनाए जाएंगे। इसको लेकर केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय के स्तर से पुराने डिजाइन में संशोधन किया गया है। नये डिजाइन के तहत प्रतिघंटे 10 टन कचरे का वर्गीकरण होगा। इस संबंध में नगर विकास एवं आवास विभाग ने निर्देश जारी किया है।
दरअसल, एमआरएफ में कचरा अलग-अलग करने की तकनीकी व्यवस्था होगी। इसमें सूखा या गीला कचरे के अलावा दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले कपड़ा, शीशा, प्लास्टिक व अन्य मेटल भी अलग किए जाएंगे। इसको लेकर स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के अंतर्गत एमआरएफ बनाए जाने हैं। इससे ठोस अपशिष्ट का प्रसंस्करण बढ़ेगा। इस संबंध में नगर विकास विभाग के इंजीनियरिंग सेल ने निगम को संशोधित डिजाइन व एस्टीमेट भेजा है।
नये सिरे से टेंडर की तैयारी
संशोधित डिजाइन व एस्टीमेट के आधार पर एमआरएफ के निर्माण के लिए नए सिरे से टेंडर निकालने की तैयारी हो रही है। इसके पहले भी निगम ने टेंडर जारी किया था, जिसे तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए वापस ले लिया गया था।
दो वर्षों से कचरा का निष्पादन ठप
नगर निगम में करीब दो वर्षों से कचरा का निष्पादन बंद है। इस कारण रौतनिया डंपिंग सेंटर में ढाई लाख टन से अधिक कचरा जमा हो गया है। शहर से रोज औसतन 170 टन से अधिक कचरे का उठाव होता है। निष्पादन नहीं होने से रौतनिया में कचरे के पहाड़ का दायरा बढ़ रहा है। पिछले साल राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम को कचरा निष्पादन के पैमाने पर शून्य अंक मिले थे। निगम बोर्ड ने 31 जनवरी 2023 को ही रौतनिया डंपिंग सेंटर के कचरा निष्पादन से जुड़े प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी थी। हालांकि, अब तक उसकी प्रक्रिया फाइलों में ही उलझी है।
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