काउंटर से ओपीडी तक कतार,मर्ज बढ़ा दे रहा कड़ी धूप में लंबा इंतजार
मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में मरीजों को लंबी कतारों और डॉक्टरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रजिस्ट्रेशन से लेकर ओपीडी तक की प्रक्रिया में घंटों लगते हैं, जिससे गरीब मरीजों की परेशानी बढ़...
मुजफ्फरपुर। उत्तर बिहार की उम्मीद कहे जाने वाले एसकेएमसीएच में मरीज नाउम्मीद हो रहे हैं। सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी, बेतिया तक से हर दिन डेढ़ से दो हजार लोग इलाज कराने आते हैं, लेकिन यहां की व्यवस्था उनके मर्ज को ठीक करने की बजाय बढ़ा देती है। मरीजों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन काउंटर से लेकर ओपीडी की लंबी कतार में लगने के बाद डॉक्टर महज दो मिनट का समय देते हैं। सिर्फ लक्षण पूछकर दवा लिख देते हैं। मेडिसिन ओपीडी के बाहर शेड नहीं होने से कड़ी धूप में तपना पड़ता है। गरीबों के लिए श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल ही एकमात्र सहारा है। मरीजों की भीड़ के हिसाब से अगर सुविधाएं नहीं बढ़ेंगी तो लोग कहां जाएंगे। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कई जगहों से थके-हारे लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन यहां की परेशानियां मरीजों की थकान और भी बढ़ा देती हैं। श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रजिस्ट्रेशन से लेकर ओपीडी और जांच के लिए लंबी कतार मरीजों की सबसे बड़ी परेशानी है।
मरीजों का कहना है कि दूर के जिलों से आने के कारण सुबह पांच-छह बजे ही हम अस्पताल पहुंच जाते हैं। यहां आकर रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पर्चा कटाते हैं, लेकिन हमारा नंबर घंटों बाद आता है। इसके बाद वहां से निकलते हैं तो ओपीडी की लाइन में लग जाना पड़ता है। जब हमारा नंबर आता है तो ओपीडी में खड़े-खड़े ही इलाज कर दिया जाता है। डॉक्टर साहब बीमारी पूछकर इलाज कर देते हैं। न आला लगाते हैं और न नब्ज देखते हैं। दो मिनट में हमें ओपीडी से बाहर भेज दिया जाता है। मरीजों का कहना है कि ओपीडी के बाहर शेड नहीं होने से धूप और बारिश में काफी परेशानी होती है। महिला मरीजों का कहना है कि लंबे इंतजार के कारण हमलोग लाइन में ही बैठ जाते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्ग मरीजों को होती है।
दम फूल रहा है, ओपीडी में नहीं आया नंबर :
एसकेएमसीएच में मेडिसिन ओपीडी के बाहर खड़े सीतामढ़ी से आये भिखारी महतो ने बताया कि वह अपने बेटे को दिखाने आये हैं। सुबह 9 बजे से लाइन में लगे हैं, लेकिन 11 .30 तक नंबर नहीं आया है। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर भी काफी देर तक खड़ा रहना पड़ा था। उसके बाद पर्चा कटा है। ओपीडी में हमारा नंबर कब आयेगा, इसका पता नहीं है। सीतामढ़ी से ही आये सत्येंद्र भगत ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें एक जांच लिखी है। जांच कराने जब पैथोलॉजी केंद्र गये तो वहां बताया गया कि डॉक्टर नहीं हैं, एक हफ्ते बाद आना। इससे पहले भी ओपीडी में डॉक्टर से मिलने के लिए कई बार गये, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। जांच नहीं होने से परेशानी हो रही है। कोई बता भी नहीं रहा है कि जांच कब होगी और डॉक्टर कब आयेंगे। सरैया से आई राधा देवी ने कहा कि दम फूल रहा है, लेकिन अब तक ओपीडी में मेरा नंबर नहीं आया है। लाइन में लगने से भी परेशानी हो रही है।
अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे के लिए लंबी कतार :
ओपीडी के अलावा अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे कराने में भी लंबी कतार से मरीज परेशान हैं। अपनी बेटी का अल्ट्रासाउंड कराने आई एक महिला ने कहा कि उनकी बेटी के पेट में बहुत दर्द है, लेकिन भीड़ इतनी है कि वह अल्ट्रासाउंड गेट तक नहीं पहुंच पा रही हैं। सावित्री देवी ने बताया कि उन्हें अल्ट्रासाउंड कराने की तारीख 9 अप्रैल की ही मिली थी, लेकिन 10 अप्रैल को दोपहर 12 बजे तक उनका नंबर नहीं आया है। नौ अप्रैल को आकर वह अस्पताल में ही रह गई थी, ताकि सुबह में उनका नंबर आ जाये। 10 अप्रैल को सुबह पांच बजे आने के बाद भी उनका नंबर नहीं आया है। इससे परेशनी बढ़ गई है।
इमरजेंसी वार्ड में बेड खाली जमीन पर मरीज का इलाज :
श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज में बनी 20 बेड की दूसरी इमरजेंसी में बेड खाली है, मगर अस्पताल की मेन इमरजेंसी में जमीन पर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। पूर्वी चंपारण के मधुबन से आई राजपति देवी को पेशाब में परेशानी होने के बाद एसकेएमसीएच की इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। उनके परिजन ने बताया कि बुधवार रात नौ बजे से वह इमरजेंसी में भर्ती है, लेकिन बेड नहीं मिला है। बेड मांगने पर बताया गया कि बेड खाली नहीं है। इसके उलट दूसरी इमरजेंसी में लगभग 80 प्रतिशत बेड खाली थे। राजपति देवी के अलावा मेन इमरजेंसी में कई अन्य मरीज भी जमीन पर लेटे हुए थे, जिन्हें पानी चढ़ाया जा रहा था। इन मरीजों को भी बताया गया कि बेड खाली नहीं है। एसकएमसीएच में पिछले दिनों 20 बेड की नई इमरजेंसी बनी है। इसमें हर दिन 100 से अधिक मरीज आते हैं।
दुश्वारियां ये भी :
बाहर से लेनी पड़ रही कुछ दवा :
1. एसकेएमसीएच की स्किन ओपीडी में अपनी भाभी को दिखाने आये नितेश ने कहा कि अस्पताल की ओपीडी में जो दवा लिखी गई, वह ओपीडी के काउंटर पर नहीं मिली। अब यह दवा बाहर से लेनी पड़ेगी। एक भी दवा हमें काउंटर पर नहीं दी गई। एक मरीज मुकेश कुमार ने कहा कि ओपीडी में जो दवा लिखी जाती है, उनमें से सभी दवाइयां नहीं मिल पाती हैं। एसकेएमसीएच में सभी दवाइयों का इंतजाम किया जाना चाहिए।
जांच कहां होगी, बताने वाला नहीं :
2. एसकेएमसीएच में दिखाने आये राजेश्वर ने बताया कि डॉक्टर ने उन्हें स्पूटम जांच के लिए लिखा है, मगर यह जांच कहां होगी, यह नहीं बताया। सभी लोगों से पूछ रहे हैं, लेकिन कोई नहीं बता रहा है। हमलोग शिवहर से आये हैं, इसलिए अस्पताल के बारे में कोई जानकारी नहीं है। एसकेएमसीएच की ऑर्थो ओपीडी के बाहर बैठे 75 साल के हरेंद्र राम का कहना था कि उन्हें अपना टूटा हाथ दिखाना था, लेकिन ओपीडी के बाहर भीड़ है और वह इतनी देर खड़े नहीं हो सकते हैं, इसलिए बाहर बैठ गये हैं। जब भीड़ कम होगी तो वह ओपीडी में जाकर डॉक्टर से मिलेंगे। इसी तरह कई मरीजों की अलग-अलग समस्याएं थीं। इनका कहना था कि अस्पताल कर्मियों का रवैया सहयोगात्मक रहना चाहिए।
बोले जिम्मेदार :
एसकेएमसीएच में शेड के लिए बीएमएसआईसीएल से बात हो रही है। अल्ट्रासाउंड से लेकर ओपीडी तक में जैसे नंबर आता है, मरीज का इलाज किया जाता है। अल्ट्रासाउंड में अब जल्द ही मरीज को नंबर मिल जा रहा है, इसमें पहले की तरह देरी नहीं हो रही है। मरीज को कौन-सी दवा नहीं मिली, इसके बारे में जानकारी ली जायेगी। मरीजों को पूरी तरह से सभी सुविधाएं मिलें, इसके लिए मेडिकल प्रशासन तत्पर है।
-डॉ. कुमारी विभा, अधीक्षक, एसकेएमसीएच
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