गुणवत्तापूर्ण शोध से बचेगा उच्च शिक्षा का अस्तित्व : वीसी
मुजफ्फरपुर में एलएनटी कॉलेज में राजनीति शास्त्र विभाग के तत्वावधान में रिसर्च मेथोडोलॉजी पर कार्यशाला शुरू हुई। यह छह दिवसीय बहु-विषयक कार्यशाला है, जिसमें विभिन्न विषयों के प्रतिभागी और संकाय शामिल...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता ललित नारायण तिरहुत (एलएनटी) कॉलेज में सोमवार को राजनीति शास्त्र विभाग, आईक्यू एसी सेल व एमएमटीसी (बीआरबीबीयू) के तत्वावधान में प्रविधि (रिसर्च मेथोडोलॉजी) पर कार्यशाला शुरू हुई। यह छह दिवसीय शोध कार्यशाला मल्टी डिसिप्लिनरी है। इसमें सभी विषयों के प्रतिभागी एवं संकाय के प्राध्यापक शामिल हुए।
इसकी शुरुआत बीआरए बिहार विवि के कुलपति प्रो. दिनेश चंद्र राय की अध्यक्षता में हुई। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शोध ही उच्च शिक्षा का अस्तित्व बचा सकता है। शोधार्थी को एक लक्ष्य निर्धारित कर शोध की दिशा में आगे बढ़ने के लिए संकल्पित होना चाहिए। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अभय कुमार सिंह ने अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कुलपति, एमएमटीसी के निदेशक राजीव झा और मुख्य साधनसेवी प्रो. रणविजय नारायण सिन्हा को शाल एवं पुष्प गुच्छ भेंट किया। कहा कि ज्ञान का संवर्धन शोध से संभव है। शोध के लिए नवीन नवाचारों का उपयोग किया जाना चाहिए। प्रो. राजीव ने कहा कि शोध को बहुआयामी बनाने की आवश्यकता है। तथ्यपरक शोध से समाज को नई दिशा दें सकते हैं। शोध सत्य की खोज है। प्रो. रणविजय ने कहा कि बहुआयामी शोध के अवसर तलाशने के लिए विभिन्न विषयों में अंतर्संबंध स्थापित करना चाहिए। पहले सत्र में मंच संचालन डॉ. अर्चना सिंह ने किया।
दूसरे सत्र के वक्ता पटना सांइस के भौतिकीशास्त्र के प्रोफेसर डॉ. शंकर कुमार थे। उनका व्याख्यान शोध की संपूर्णता (रिसर्च आवर व्यू) पर था। उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि आज विषय की जड़ता समाप्त हो रही है। उच्च शिक्षा के केंद्र ज्ञान संवर्धन के केंद्र में बदल रहे हैं। अब विज्ञान का विद्यार्थी भी भाषा अध्ययन कर रहा है इसी कारण अब पटना सांइस कॉलेज विज्ञान के लिए नहीं बल्कि शिक्षालय के रूप में जाना जाता है। आज विज्ञान का अनुप्रयोग समाज में हो रहा है इसे रोकने की आवश्यकता है। आखिर सत्र में पटना विवि के मनोविज्ञान के अवकाश प्राप्त पूर्व प्रोफेसर रणविजय नारायण सिन्हा ने कहा कि शोध में आंकड़ों का उपयोग सावधानी पूर्वक किया जाना चाहिए। इस सत्र का मंच संचालन डॉ. जितेंद्र कुमार मिश्रा ने किया। प्रथम दिन एक सत्र आनलाइन व दो सत्र मल्टीपरपस हाल में आयोजित हुआ। कार्यशाला के आखिरी दिन शोधार्थी की परीक्षा होगी।
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