वार्ड 27 के नंदलाल बिगहा में नलजल की सुविधा नहीं, लोग रहते हैं परेशान
हिसुआ नगर परिषद का यह नवोदित वार्ड विकास की दिशा में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है। यहां के निवासियों का कहना है कि नलजल योजना में भ्रष्टाचार और मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। स्थानीय लोग छठ घाट और...

हिसुआ, संवाद सूत्र। हिसुआ नगर परिषद का यह वार्ड पूर्णतः नवोदित वार्ड है। इसका गठन नगर परिषद के विस्तारीकरण के वक्त किया गया। हिसुआ नगर के पूर्वी छोर पर स्थित यह वार्ड हिसुआ नगर परिषद के पूर्वी छोर में सीमा निर्धारित करता है। इस कारण इसे हिसुआ का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है। इससे पूर्व यह वार्ड धनमा पंचायत का हिस्सा रहा है। वार्ड का गठन तब के धनमा पंचायत में शामिल रहे नंदलाल बिगहा तथा उड़सा गांव के कुछ भाग को छोड़कर किया गया है। यह वार्ड पूर्णतः ग्रामीण इलाका कहलाता है। हलांकि शहर के अन्य नवोदित वार्डों की तुलना में यहां बिजली, शिक्षा और सड़क की बेहतर सुविधा है। गया-नवादा पथ के दक्षिणी छोर पर बसे इस वार्ड में भी अब धीरे-धीरे नई बसावटों का निर्माण तेजी से हो रहा है। खासकर उड़सा और नंदलाल बिगहा के गुफा मोड़ पर काफी तेजी से नई बसावटों का निर्माण हो रहा है। इस कारण अब धीरे-धीरे यह इलाका भी स्थानीय कारोबारियों को भाने लगा है और लोग जमीन खरीदकर अपना आशियाना बना रहे हैं। वार्ड की आबादी लगभग 05 हजार है जबकि 18 सौ के आसपास मतदाता यहां है। वार्ड में भूमिहार, महादलित और अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों की मिश्रित आबादी है। हालांकि अत्यधिक जागरूक होने के कारण भूमिहार मतदाता ही यहां की चुनावी जीत और हार तय करते रहे हैं। चुनावी लिहाज से यह वार्ड महादलित उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। वर्ष 2023 में पहली दफा सम्पन्न हुए निकाय चुनाव में हिसुआ प्रखंड की राजनीति में अपनी मजबूत पकड़ कायम रखते हुए विगत 15 वर्षों से लगातार उप प्रमुख की कुर्सी पर काबिज रहे धर्मवीर कुमार उर्फ पुकार सिंह पर विश्वास जताते हुए यहां की जनता ने उनके समर्थित उम्मीदवार श्रवण मांझी को जीताकर वार्ड के विकास की कमान उनके हाथों में सौंप दी है। धर्मवीर उर्फ पुकार सिंह हिसुआ की राजनीति के चाणक्य माने जाते रहे हैं, जिन्होंने अपने व्यक्तिगत व्यवहार और कुशल कार्य शैली से बहुत जल्द ही क्षेत्र की जनता के बीच अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे हैं। भ्रष्टाचार का जीता जागता उदाहरण है नंदलाल बिगहा की नलजल योजना तब के धनमा पंचायत के वार्ड नंबर 03 के रूप में शामिल रहे नंदलाल बिगहा में लोगों के घरों तक शुद्ध पेयजल आपूर्ति को लेकर लाखों रुपए खर्च कर नलजल की बोरिंग सहित अन्य कार्य कराए गए थे। लेकिन इस अति महत्वपूर्ण योजना में लूट-खसोट के कारण प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं कराए जाने से लाखों रुपए खर्च के बावजूद एक दिन भी पानी की आपूर्ति नहीं हो पायी। स्थानीय लोगों द्वारा योजना में घोटाले की जांच की मांग के बावजूद आजतक इसकी जांच नहीं कराई गई। यहां का नलजल योजना स्थानीय स्तर जारी भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है। स्थानीय ग्रामीण आज भी इसकी जांच की मांग कर रहे हैं। अपनी व्यथा सुनाते हुए स्थानीय ग्रामीण कहते हैं कि लाखों खर्च के बावजूद एक दिन भी पानी की आपूर्ति नहीं किया जाना स्थानीय भ्रष्टाचारी अधिकारियों एवं भ्रष्ट नेताओं के गठजोड़ का जीवंत उदाहरण है, जिसकी बार-बार जांच की मांग किए जाने के बावजूद भी इसे जानबूझ कर दरकिनार कर दिया गया है। स्थानीय लोग आज भी अपनी नजरों के सामने किये गए इस महाघोटाला को अपनी जेहन में संजोये हुए लगातार जांच की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही लोग पंचायती राज के वक्त हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के घोटाले की जांच की भी मांग कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि तब के समय मोटा कमीशन तय कर ऐसे लोगों को आवास योजना का लाभ दिया गया था, जो किसी दूसरे शहरों में जाकर बहुत पहले बस चुके हैं। जिन्हें आवास योजना का लाभ दिलाकर दूसरे के बने घर का फोटो खींचकर भारी घोटाला किया गया था। देवी स्थान स्थित तालाब में मॉडर्न छठ घाट निर्माण की है मांग वार्ड का महत्त्वपूर्ण भाग रहे नंदलाल बिगहा स्थानीय लोगों के आस्था का महत्त्वपूर्ण केंद्र रहा है। यहां के पवित्र स्थल हरमन्दिर जी, जिन्हें लोग 52 कोठरी और 53 द्वार के नाम से भी जानते हैं, आज भी जिले में नानक शाही परम्परा का मुख्य वाहक के रूप में प्रसिद्ध है। इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। इस नानक शाही मंदिर की स्थापना यहां के जमींदार के द्वारा कराई गई थी। जिन्होंने कोई वंशज नहीं होने के कारण अपनी सारी सम्पति इस मंदिर को दान कर दी थी। इसी प्राचीन मंदिर जी के समीप स्थित हरमन्दिर जी सरोवर से जलभराई करने के साथ ही यहां छठ त्यौहार में भी काफी भीड़ जुटती है। लेकिन वर्तमान समय में अब इस सरोवर की सीढ़ियां ध्वस्त हो चुकी हैं। इसके निर्माण की कई बार पहल किए जाने के बाद भी मंदिर के सेवायत का विरोध भारी पड़ जा रहा है। वर्तमान में इसके निर्माण में व्यवधान उत्पन्न करने से अब यह सरोवर खतरनाक स्थिति तक पहुंच गया है। अतः स्थानीय लोग इस जगह से अलग देवी मंदिर के समीप मौजूद तालाब की साफ-सफाई कर इस तालाब के आसपास सौंदर्यीकरण कराकर छठ घाट निर्माण की मांग कर रहे हैं। श्मशान घाट पर शेड निर्माण की है मांग वार्ड 27 के नंदलाल बिगहा में काफी बड़ा श्मशान घाट है, जहां आज भी गांव के लोग काफी संख्या में शवदाह करने आते हैं। यह श्मशान घाट गांव से कुछ दूरी पर दक्षिण दिशा में स्थित मनमा बाध में है। इसका क्षेत्रफल काफी बड़ा है, लेकिन हाल के दिनों में उसके आसपास के किसान धीरे-धीरे उसे अपने खेत में मिलाकर श्मशान घाट की काफी बड़ी भूमि पर अतिक्रमण कर चुके हैं। इससे अब इसका आकार काफी सिकुड़ कर रह गया है। स्थानीय लोग इसकी महत्ता को ध्यान में रखते हुए इसके चारों ओर भूमि की मापी कराकर इसे अतिक्रमणमुक्त कराने के साथ ही यहां पर शव यात्रा के दौरान आने वाले लोगों के बैठने के लिए शेड का निर्माण और पेयजल के लिए चापाकल लगाने की मांग नगर परिषद कर रहे हैं। ---------------------------------------- नगर परिषद की वर्तमान स्थिति से लोगों में है नाराजगी हिसुआ। ग्राम पंचायत से हटकर यह इलाका विस्तारीकरण के बाद जब नगर परिषद का भाग बना तो स्थानीय लोगों में इलाके के विकास के प्रति एक उत्साह जगी थी कि अब इस इलाके का कायाकल्प हो पायेगा। वार्ड 27 के नंदलाल बिगहा में बुनियादी सुविधाओं का शुरुआत से ही काफी आभाव था। जिसे धीरे-धीरे ही सही स्थानीय पार्षद अब दूर करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। अब तक नगर परिषद के प्रत्येक वार्ड में मात्र दो योजनाओं पर कार्य कराया गया है और ये दोनों कार्य नंदलाल बिगहा में ही कराया गया है। दोनों योजनाओं के तहत नाली और गली के निर्माण के साथ ही पेवर ब्लॉक बिछाने का कार्य कराया गया है। स्थानीय प्रबुद्ध लोगों कि मानें तो लोग नगर परिषद हिसुआ के कछुआ चाल चलने वाली प्रवृर्ति के कारण सभी काफी नाराज हैं। लोगों का कहना है कि निकाय चुनाव हुए दो वर्ष बीत गए लेकिन अब तक इस नई बोर्ड ने विकास कार्यों में तीव्रता नहीं दिखाई है। नगर परिषद के पूरे क्षेत्र में मूलभूत समस्याओं का अम्बार है। स्थानीय लोग कहते हैं कि आपसी मतभेदों को भूलकर सभी अधिकारी और जनप्रतिनिधि नगर के विकास के प्रति समर्पित हो कर कार्य करेंगे तब ही नगर का चहुंमुखी विकास सम्भव है। ---------------------------------------- आम लोगों की व्यथा: हमारे गांव में छठ घाट की स्थिति काफी भयावह है। जिस जगह पर छठ मनाया जाता है वहां की सीढ़ियां टूट जाने के कारण अब वह काफी खतरनाक हो गया है। उसके निर्माण पर भी बार-बार रोक लगा दिया जाता है। इसलिए देवी स्थान स्थित तालाब में छठ घाट निर्माण कराया जाए। -साहिल राज, वार्ड वासी। यहां के श्मशान घाट को धीरे-धीरे काटकर खेत बनाया जा रहा है। वक्त रहते ध्यान अगर नहीं दिया गया तो उसका अस्तित्व ही समाप्त कर दिया जायेगा। वहां पर शेड और चापाकल निर्माण की कवायद होनी चाहिए। इस स्थान का उन्नयन नहीं हो पाना निराशाजनक साबित हो रहा है। -सुधांशु पटेल सोना, वार्ड वासी। नंदलाल बिगहा के लोगों का आजतक नलजल का ख्वाब पूरा नहीं हो सका है। इस गांव में एक बड़ी आबादी महादलितों की भी है, जिसका ध्यान रखते हुए यहां शीघ्र ही नलजल योजना की शुरुआत होनी चाहिए। इस योजना पर काम बेहद जरूरी है ताकि गर्मी के दिनों में बड़ी राहत हो। -रामेश्वर राजवंशी, वार्ड वासी। विकास के प्रति वार्ड पार्षद का अब तक का प्रयास काफी सराहनीय रहा है। नाली-गली के साथ ही पेवर ब्लॉक बिछाया गया है। छठ घाट निर्माण के साथ ही स्कूल के समीप एक पुलिया की भी आवश्यकता है। इस ओर भी स्थानीय पार्षद को गंभीरता पूर्वक ध्यान देने की आवश्यकता है। -नीलू कुमारी, वार्ड वासी। ---------------------------------------- क्या कहते हैं जिम्मेदार: नगर परिषद की वर्तमान स्थिति से हर कोई वाकिफ है। गतिरोध के बावजूद भी विकास कार्य कराने में सफल रहा हूं। अबतक मात्र दो ही योजनाओं की स्वीकृति मिल सकी है, जो परेशानी का सबब रही है। नंदलाल बिगहा में छठ घाट, स्कूल के समीप दियासलाई के पेड़ के समीप पुल निर्माण, श्मशान घाट पर शेड और चापाकल निर्माण के साथ ही नलजल योजना की शुरुआत के लिए प्रयासरत हूं। नलजल के लिए पुराने बोरिंग के धंस के बाद अपने स्तर से दूसरा बोरिंग भी कराया हूं, लेकिन दुर्भाग्यवश वह भी कामयाब नहीं हो सका। इसके साथ हीं उड़सा में भी कई योजनाओं पर कार्य कराने का प्रस्ताव नगर परिषद में लम्बित है। इसकी स्वीकृति मिलते ही कार्य आरम्भ कराया जायेगा। -श्रवण मांझी, वार्ड पार्षद, वार्ड 27, हिसुआ नगर परिषद, नवादा।
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