New Initiative Friendship with Nature Launched in Nawada for Environmental Conservation and Mental Health अभिनव पहल : बरेव गांव से उठेगी प्रकृति मित्रता की पुकार , Nawada Hindi News - Hindustan
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अभिनव पहल : बरेव गांव से उठेगी प्रकृति मित्रता की पुकार

नवादा जिले के बरेव गांव से ओशमिन फाउंडेशन द्वारा 'फ्रेंडशिप विथ नेचर' अभियान की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में जागरूकता फैलाना है। इस अभियान के तहत...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाThu, 29 May 2025 01:39 PM
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अभिनव पहल : बरेव गांव से उठेगी प्रकृति मित्रता की पुकार

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। पर्यावरण और मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नई लहर की शुरुआत नवादा जिले के छोटे से गांव बरेव से होगी। अकबरपुर प्रखंड के बरेव गांव से ओशमिन फाउंडेशन द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस से पूर्व फ्रेंडशिप विथ नेचर नामक एक विशेष अभियान की शुरुआत होगी। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और आंतरिक शांति के लिए ग्रामीण चेतना को जागृत करना है। अभियान की जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से देते हुए संयोजक विश्वजीत तिवारी ने बताया कि ओशमिन फाउंडेशन के इस प्रेरणादायक अभियान के प्रेरणाश्रोत राकेश चंद्रा उर्फ ओशमिन इस अभियान के सूत्रधार हैं। दार्शनिक, योग शिक्षक और प्रेरणादायक वक्ता ओशमिन इस क्रम में ग्रामीण क्षेत्रों में निःशुल्क योग शिविर और ध्यान उत्सव आयोजित करने का सिलसिला शुरू करेंगे जबकि लोगों को मानसिक स्वास्थ्य और आत्मिक विकास की दिशा में जागरूक करेंगे।

बरेव गांव से उनके जुड़ाव का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि उनका बचपन यहीं यानी अपनी नानी के घर पर बीता है। नानी की स्मृति में इस गांव में 12 बोरवेल खुदवाए, ताकि वर्षों से जल संकट से जूझते गांव को राहत मिल सके। फ्रेंडशिप विथ नेचर अभियान के तहत बच्चों से बड़ों तक पर्यावरण चेतना के क्रम में चित्रकला प्रतियोगिता करायी जाएगी, जिसके माध्यम से गांव के बच्चों में प्रकृति के प्रति लगाव और जागरूकता का बीज बोया जाएगा। मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में ध्यान उत्सव की पहल ओशमिन ने ध्यान उत्सव नामक अभियान चलाया है, जो ग्रामीण भारत को मुफ्त ध्यान और योग की विधियों सिखा कर तनाव, चिंता और अवसाद से मुक्ति की राह दिखा रहा है। इस आंदोलन का उद्देश्य है, योग और ध्यान को केवल शहरी, संपन्न वर्गों की चीज न रहने देना, बल्कि उसे जन-जन, विशेषकर ग्रामीण भारत की आत्मा तक पहुंचाना। उनका दृष्टिकोण है कि पर्यावरण की रक्षा और मानसिक स्वास्थ्य की शुद्धि दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। बाहरी हरियाली और आंतरिक शांति दोनों को साथ लेकर चलना ही सतत विकास का वास्तविक मार्ग है। बरेव गांव आज एक मॉडल के रूप में उभर रहा है, जहां भावनाओं, जड़ों से जुड़ाव और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के सहारे सामाजिक परिवर्तन की नींव रखी जा रही है। ओशमिन की यह पहल दर्शाती है कि यदि भावना शुद्ध हो और उद्देश्य स्पष्ट, तो एक व्यक्ति भी पूरे गांव और फिर देश को बदलने की शुरुआत कर सकता है।

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