रजिस्ट्री ऑफिस के 54 साल पुराने अभिलेखों से छेड़छाड़, पांच पर प्राथमिकी
नवादा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि।नवादा रजिस्ट्री ऑफिस के अभिलेखागार में संरक्षित 54 साल पुराने अभिलेखों से छेड़छाड़ करने का एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है।

नवादा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। नवादा रजिस्ट्री ऑफिस के अभिलेखागार में संरक्षित 54 साल पुराने अभिलेखों से छेड़छाड़ करने का एक गंभीर मामला प्रकाश में आया है। मामला वर्ष 1971 व 1978 के अभिलेखों से छेड़छाड़ व अभिलेखों से कई मूल पृष्ठों के गायब कर दिये जाने से जुड़ा है। मामले में संज्ञान लेते हुए नवादा के डीएम सह जिला निबंधक रविप्रकाश के निर्देश पर नवादा के जिला अवर निबंधक द्वारा प्राधिकृत पदाधिकारी के माध्यम से नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। जिला निबंधन कार्यालय के कार्यालय अधीक्षक सह प्रभारी अभिलेखपाल महेन्द्र रविदास द्वारा 20 मई को दर्ज नगर थाना कांड संख्या- 531/25 में रजिस्ट्री ऑफिस के सर्चर व पक्षकार समेत कुल पांच लोगों को नामजद किया गया है।
इनमें नवादा स्टेशन रोड के निवासी स्व. गया सिंह के पुत्र रंजीत कुमार सर्चर (नामजद व्यक्ति), दस्तावेज संख्या- 11352 वर्ष 1971 व 1978 के लाभुक पक्षकार नरहट प्रगना के देदौर निवासी गंगा शंकर, अभिलेखागाार का बाइंडर शिवन कुमार व उसका पुत्र (संदिग्ध व्यक्ति), मो. मकसूद आलम, दफ्तरी (संदिग्ध व्यक्ति) व मोनू कुमार, कम्प्यूटर ऑपरेटर, अभिलेखागार (संदिग्ध व्यक्ति) शामिल हैं। नकल के आवेदन से हुआ खुलासा 08 अप्रैल 2025 को निबंधित दस्तावेज के नकल हेतु पक्षकार राजेश कुमार द्वारा रजिस्ट्री ऑफिस में आवेदन दिया गया। पक्षकार का सहयोग कार्यालय में सर्चर के रूप में कार्यरत रंजीत कुमार द्वारा किया जा रहा था। जिस नकल के लिए आवेदन दिया गया था वह 1978 का दस्तावेज संख्या- 11352, जिल्द संख्या- 98 तथा पृष्ठ संख्या- 598 से 601 से संबंधित था। अभिलेखागाार से उक्त दस्तावेज निकाले जाने के बाद पृष्ठ संख्या- 598 की जांच में पाया गया कि इस पृष्ठ पर तथ्यों से छेड़छाड़ की गयी है। पृष्ठ संख्या- 598 से 601 के अतिरिक्त उक्त जिल्द के पृष्ठ संख्या- 597 से भी छेड़छाड़ मालूम पड़ा। इस दौरान जिल्द संख्या- 98 के पृष्ठ संख्या - 597 से 691 तक की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि 1978 के दस्तावेज संख्या- 11352, जिल्द संख्या- 98 के पृष्ठ संख्या- 597 से 601 किसी दूसरे वर्ष के जिल्द से हटाकर इसमें जोड़ दिया गया है। इसके समाधान के लिए 1971 के जिल्द संख्या- 98 की जांच की गयी। जांच के क्रम में 431 से 442 तक के 12 पृष्ठ गायब पाये गये। इसके अलावा 1978 के दस्तावेज संख्या- 11352, जिल्द संख्या- 134 के पृष्ठ संख्या- 59 से 64 उस जिल्द में संधारित नहीं पाये गये। जबकि कार्यालय अभिलेख से स्पष्ट है कि 04 मार्च 2025 को उक्त जिल्द का नकल निकाला गया था, जिसका आवेदन रंजीत कुमार ने ही दिया था। 1971 का दस्तावेज 1978 में जोड़ा गया! जांच के क्रम में यह सामने आया कि 1971 के जिल्द संख्या- 98 के पृष्ठ संख्या- 431 से 442 को हटाकर 1978 के जिल्द संख्या- 98 में पृष्ठ संख्या- 597 से 691 जोड़ा गया व उस वर्ष के समान दस्तावेज संख्या- 11352, जिल्द संख्या- 134 के पृष्ठ संख्या- 59 से 64 को गायब करने का कुकृत्य किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि 01 नवम्बर 2023 को 1971 के जिल्द संख्या- 98 से दस्तावेज संख्या- 11352, जिसका पृष्ठ संख्या- 438 से 441 का नकल निर्गत किया गया है, जिसका आवेदन रंजीत कुमार द्वारा ही दिया गया था। इसके बाद 08 अप्रैल 2025 को नकल हेतु आवेदन दिया गया। जिस समय अभिलेख से छेड़छाड़ की जा चुकी थी। रंजीत ने कार्यालय आना छोड़ा जिला अवर निबंधक के मुताबिक मामले के खुलासे के बाद से रंजीत कुमार ने निबंधन कार्यालय आना छोड़ दिया है। जिससे इस मामले में उसकी संलिप्तता और संदिग्ध प्रतीत होती है। जांच में पायी गयी गड़बड़ियों के बाद मामला नवादा के डीएम सह जिला निबंधक के संज्ञान में आया। जिसके बाद उनके आदेश पर मामले में पांच लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी। इस मामले में रंजीत कुमार एवं गंगा शंकर के अलावा तीन अन्य कार्यालय के कर्मियों की भूमिका संदिग्ध बतायी गयी है। जिनके विरुद्ध जांच व पूछताछ को आवश्यक बताया गया है। वर्जन नवादा निबंधन कार्यालय में पुराने अभिलेखों से छेड़छाड़ से संबंधित एक प्राथमिकी नगर थाने में दर्ज करायी गयी है। मामले की जांच करायी जा रही है। सभी पक्षों के बयान के बाद ही इस बारे में पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। ------------ हुलास कुमार, सदर एसडीपीओ-01.
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