Traffic Chaos in Nawada Illegal Auto and E-Rickshaw Stands Cause Major Congestion अवैध ऑटो व ई-रिक्शा पड़ावों से शहरवासी परेशान, रोज लगता है जाम, Nawada Hindi News - Hindustan
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अवैध ऑटो व ई-रिक्शा पड़ावों से शहरवासी परेशान, रोज लगता है जाम

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। सामान्यत: ऑटो और ई-रिक्शा आदि के लिए निर्धारित स्टैंड होते हैं लेकिन संभवत: नवादा इकलौता ऐसा शहर है, जहां किसी भी सड़क पर स्टैंड बना दिया गया दिख जाता है।

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाWed, 30 April 2025 02:27 PM
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अवैध ऑटो व ई-रिक्शा पड़ावों से शहरवासी परेशान, रोज लगता है जाम

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। सामान्यत: ऑटो और ई-रिक्शा आदि के लिए निर्धारित स्टैंड होते हैं लेकिन संभवत: नवादा इकलौता ऐसा शहर है, जहां किसी भी सड़क पर स्टैंड बना दिया गया दिख जाता है। मनमाने तरीके से ऑटो व ई-रिक्शा चालकों द्वारा सड़क पर स्टैंड बना दिए जाने से जाम की समस्या बढ़ कर रह गयी है। यह नजारा भी किसी एक जगह का नहीं है वरन शहर के अधिकतर मुख्य मार्गों का यही हाल दिख जाता है। ऐसी स्थिति में आए दिन लोग जाम की समस्या से परेशान रहते हैं। सबसे बड़ा आश्चर्य तो यह है कि सड़क पर वाहन खड़ी करने की समस्या से वाकिफ होने के बावजूद नगर परिषद से लेकर जिला प्रशासन संज्ञान नहीं ले रहा है और यह संकट चरम पर पहुंचता चला जा रहा है। रोचक तथ्य तो यह है कि अवैध स्टैंड में खड़ा रहने के बावजूद ऑटो व ई-रिक्शा चालकों को रसीद भी कटानी पड़ती है। डंके की चोट पर हो रही इस वसूली के खिलाफ आज तक किसी ने आवाज भी नहीं उठाई, जबकि प्रति ऑटो व ई-रिक्शा से 50 रुपए तक वसूली जारी है। हालांकि रंगदारी से कहीं-कहीं अधिक भी वसूले जाने की बात सामने आती रहती है। तमाम जगहों पर जारी है अवैध पार्किंग वर्षों से नवादा शहर में यत्र-तत्र स्टैंड बना दिए जाने और इन स्थानों का उपयोग अवैध पार्किंग की तरह करना एक गंभीर समस्या बनी हुई है। नवादा शहर में जाम एक आम बीमारी बन कर रह गई है। लोग इसके साथ एडजस्ट करते दिख जाते हैं। लेकिन शहर में सड़कों पर स्टैंड बना दिए जाने के कारण जाम की समस्या और भी बड़ी हो कर रह गई है। शहर में अवैध स्टैंड की भरमार है और यह जाम का प्रमुख कारण बन रही है। कायदे से शहरी क्षेत्र में कोई ऑटो व ई-रिक्शा पड़ाव नहीं रहना ही बेहतर विकल्प होता अथवा शहर के उस स्थान पर होता, जहां भरपूर खाली स्थान हो लेकिन ऐसा नहीं हो पाना सिरदर्दी बनी हुई है। इसका कोई भी स्थायी समाधान न तो नगर परिषद निकाल सका है और न ही जिला प्रशासन ने कोई पहल अब तक की है। इस परेशानी से दो-चार हो कर अनेक लोग कहते मिल जाते हैं कि दुर्भाग्य ही है कि नवादा में फंसे पड़े हैं। जिले के सारे गांव और कस्बों से लोगों की भी निर्भरता शहरी क्षेत्र पर है और दूर-दराज के गंतव्य के कारण सभी ऑटो व ई-रिक्शा का सहारा लेते हैं। इन्हीं सवारियों को उठाने की आपाधापी में शहर के सड़कों पर ट्रैफिक रूल्स ध्वस्त हो कर रह गए हैं। ---------------------- अवैध पड़ाव से है भारी परेशानी, बन रहा संकट नवादा। नवादा जिला मुख्यालय स्थित प्रमुख सड़कों पर बार-बार जाम की समस्या से लोगों को रूबरू होना पड़ता है। अघोषित पड़ावों के अलावा चलते-चलते रूक करऑटो व ई-रिक्शा चालक किसी भी सड़क के बीचोबीच अथवा दुकान आदि के आगे ही आड़ा-तिरछा कर अपने वाहन लगा कर सवारी उठाने लगते हैं, जिससे जाम की आम समस्या की कौन कहे, पैदल चलने वाले भी परेशानहाल रहते हैं। कई बार अचानक से आगे वाहन के ठहराव के कारण लोग दुर्घटनाग्रस्त भी हो जाते हैं और इसको लेकर गाली-गलौज से लेकर मारपीट तक की नौबत आ जाती है। दु:खद तो यह है कि आम राहगीरों को हर दिन ऐसी भारी फजीहत झेलनी पड़ती है। प्रजातंत्र चौक, प्रसाद बिगहा, इंदिरा चौक, लाल चौक, पुरानी खुरी नदी पुल, नई खुरी नदी पुल के अलावा सोनारपट्टी मोड़ आदि स्थानों पर अवैध ऑटो व ई-रिक्शा स्टैंड बना कर सवारियों को ढोए जाने के कारण शहर की ट्रैफिक व्यवस्था खराब होते चले जाने की समस्या विकराल होकर रह गई है। मेन रोड में प्रजातंत्र चौक के समीप से लेकर प्रसाद बिगहा तक का अवैध ठहराव तो अब शहर का नासूर बन कर रह गया है, जिसका कोई समाधान नहीं निकल पा रहा है। इसके अलावा भगत सिंह चौक के समीप, सरकारी बस पड़ाव व डायट के आगे जबकि सद्भावना चौक फ्लाइओवर के समीप और नीचे के अवैध पड़ाव बड़ा संकट साबित हो रही हैं। इन स्थानों के अलावा भी कई स्थान हैं, जहां अलग ही सिरदर्दी बनी रहती है। --------------------- रूट निर्धारण की जिला प्रशासन की पहल भी साबित रही नाकाफी नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। जाम की समस्या के समाधान को लेकर जिला प्रशासन रूट का निर्धारण करने की पहल करती है। कई रूट वन वे बना दी गई है लेकिन अमल हो नहीं पा रहा है। शहर में कई मार्गों पर वन वे की व्यवस्था है लेकिन इसमें कोताही आम है। वन वे की व्यवस्था को भी ऑटो व ई-रिक्शा वाले ही ध्वस्त करने पर तुले रहते हैं। सख्ती से सड़क के नियमों का पालन किए जाने को लेकर जिला प्रशासन प्रतिबद्ध नहीं दिख रहा है। अभी हाल में जाम के झाम से कराहते शहर को निजात दिलाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत मार्ग निर्धारण किया गया। नवादा शहर को विभिन्न सात मार्गों में बांटा गया, जिससे हो कर ई-रिक्शा का परिचालन किया जाना है। नवादा सदर अनुमंडल पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने शहर के ई-रिक्शा चालकों के साथ बैठक कर यातायात संबंधी समस्या का निदान निकालने की पहल की। ई-रिक्शा संचालकों की उपस्थिति में सर्वसम्मति से यह निर्धारित किया गया कि तय किए गए रूट से ही ई-रिक्शा का परिचालन किया जाना है। इसकी अवहेलना करने पर जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि यह भी कहा गया कि अपवाद में अगर कोई रिक्शा रिजर्वेशन, इमरजेंसी अथवा मरीज आदि को लेकर जा रहा हो तो उसे छूट प्रदान की गई है। बस इसी लूज प्वाइंट का लाभ उठा कर अब भी ई-रिक्शा वाले शहर की व्यवस्था में खलल डालते नजर आ रहे हैं। सदर एसडीओ ने सख्ती से कहा था कि सभी ई-रिक्शा चालकों को खुद से संबंधित कागजातों को थाने में जमा कराना होगा। वाहन संबंधी कागजातों समेत चालक का लाइसेंस और वाहन का इंश्योरेंस प्रपत्र भी जमा कराने को कहा गया था ताकि इन पर नकेल कसी जा सके। लेकिन दुर्भाग्य से पुरानी अफरा-तफरी वाली व्यवस्था ही जारी है। ----------------- सात मार्ग निर्धारित किए गए थे ई-रिक्शा वालों के लिए नवादा। ई-रिक्शा चालकों के लिए शहर में सात मार्ग निर्धारित किए गए थे। रेलवे स्टेशन से इंदिरा चौक, रजौली स्टैंड, सद्भावना चौक तक, रेलवे स्टेशन से प्रजातंत्र चौक, भगत सिंह चौक, आईटीआई तक, रेलवे स्टेशन से प्रजातंत्र चौक, मंगर बिगहा, बुधौल बस स्टैंड तक, पार नवादा से लाल चौक, प्रजातंत्र चौक, रेलवे स्टेशन तक, आईटीआई से भगत सिंह चौक, प्रजातंत्र चौक, रेलवे स्टेशन तक, आईटीआई से पुरानी कचहरी रोड, पार नवादा तक तथा गोंदापुर से नारदीगंज मोड़, कलाली रोडलाल चौक, प्रजातंच चौक, रेलवे स्टेशन, 03 नंबर बस स्टैंड तक रूट का निर्धारण किया गया था, जिसकी अवहेलना बुरी तरह से जारी है। इस कारण जाम की समस्या का समाधान फिलहाल निकलता नहीं दिख रहा। -------------------- आमजनों की व्यथा : ऑटो व ई-रिक्शा वालों के कारण शहर में लगातार रहने वाले जाम का बुरा असर कारोबार पर पड़ने लगा है। दिन भर की जाम के झंझट के कारण शहरवासी शाम को खरीदारी करने के लिए निकलते हैं लेकिन इस वक्त भी कमोबेश जाम की परेशानी बनी ही रहती है, जिस कारण कारोबार बुरी तरह से प्रभावित होने लगा है। न जाने कब जिला प्रशासन इस मामले को लेकर सख्त होगा और कब जाम की समस्या का समाधान निकल पाएगा। -श्रवण कुमार, पारनवादा, नवादा। शहर में जाम पूरी तरह से ऑटो व ई-रिक्शा चालकों की देन है। हालांकि अन्य कारण भी जिम्मेवार हैं लेकिन इनकी तो मनमानी जारी है। जिला प्रशासन सिर्फ खानापूर्ति न करे। बल्कि स्थायी रूप से जाम की समस्या का समाधान निकाले। पुरानी बाजार की मुख्य सड़कें के पगडंडी जैसा स्वरूप धारण कर लेने के कारण ऑटो व ई-रिक्शा के प्रवेश करते ही जाम उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में दुकानदारों को बुरे दिन देखने की नौबत आ गयी है। -बिनोद कुमार, पुरानी बाजार, नवादा। ऑटो व ई-रिक्शा के कारण लग रही जाम नवादा शहर के लिए बड़ी समस्या बनी रहती है। जाम के कारण दुकानों पर ग्राहको की आवाजाही प्रभावित होती है तो मुख्य मार्ग से जुड़े घरों में लोग कैद हो कर रह जाने को बाध्य रहते हैं। जाम का हाल यह है कि मुख्य सड़कों से सम्बद्ध सम्पर्क मार्गों से हो कर लोग जाम से बचने के लिए निकलने लगते हैं लेकिन ऑटो व ई-रिक्शा वाले भी इधर घुस कर परेशानी खड़ी करने से बाज नहीं आते हैं। -सैयद फिरोज, भदौनी, नवादा। ऑटो व ई-रिक्शा वालों की मनमानी के कारण हर दिन रहने वाला शहर का जाम तो अब डराने लगा है। समझ ही नहीं आता कि कब घर से निकला जाए और बाजार के कार्य निबटाए जाएं ताकि जाम का संकट न झेलना पड़े। कितने भी सोच-विचार कर घर से निकलने पर जब अनचाहे जाम को झेलने की नौबत आ ही जाती है। जिला प्रशासन सख्ती बरते और स्थायी समाधान निकाले, यही आग्रह आमजनों की है, जिस पर प्रशासन ध्यान दे। -राकेश कुमार, गढ़पर, नवादा।

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