ब्रिज मेंटनेंस पॉलिसी तैयार कर रही नीतीश सरकार, पिछले साल धड़ाधड़ गिर गए थे पुल
बिहार का पथ निर्माण विभाग पुलों के रखरखाव के लिए ब्रिज मेंटनेंस पॉलिसी तैयार कर रहा है। जल्द ही इसे मंजूरी के लिए नीतीश कैबिनेट को भेजा जाएगा।

बिहार में पिछले साल मॉनसून सीजन में एक के बाद एक धड़ाधड़ पुल-पुलिया गिर गए थे। इससे सबक लेते हुए नीतीश सरकार अब ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी तैयार कर रही है। इसके तहत राज्य के पुलों के बेहतर रखरखाव के लिए हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। पथ निर्माण विभाग की ओर से नई नीति का काम अंतिम चरण में है। जल्द ही नीतीश कैबिनेट से मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बुधवार को ब्रिज मेंटेनेंस पॉलिसी की समीक्षा की। मंत्री ने कहा कि पॉलिसी से संबंधित शेष कार्यों को जल्द पूरा कर कैबिनेट में भेजा जाएगा। इस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य ससमय पुलों का रखरखाव और मजबूतीकरण पर ध्यान देना है। हर महीने पुलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग होगी। बिहार में लगभग 3500 से अधिक छोटे-बड़े पुल है।
पुलों का बनेगा हेल्थ कार्ड
मंत्री ने कहा कि पुलों के रखरखाव की नीति आने के बाद इनका हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इस कार्ड से पुलों पर होने वाले गड्ढे, जलजमाव, क्रैक आदि का ससमय पता लग सकेगा। इसके बाद संबंधित इंजीनियरों को इनकी मरम्मत की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इस पॉलिसी को मंजूरी मिलने के बाद इंजीनियरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आईआईटी के विशेषज्ञों से ली जा रही मदद
उन्होंने कहा कि इस नीति को बनाने में आईआईटी दिल्ली, आईआईटी रूड़की, आईआईटी मद्रास और आईआईटी पटना से भी मदद ली जा रही है। वर्ष 2022 से प्रयास है कि इस पॉलिसी को लागू किया जाए। जिस तरह ओपीआरएमसी के तहत सड़क मेंटेन करने में बिहार अलग स्थान रखता है, उसी प्रकार आने वाले दिनों में इस पॉलिसी से पुलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग और रखरखाव हो सकेगा। इस पॉलिसी के आने पर पुलों की जीवन अवधि में वृद्धि होगी। पुलों का स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट कराया जा रहा है।
हर पुल की होगी रेटिंग
पहले चरण में 250 मीटर से अधिक लम्बाई के 85 पुलों का थर्ड पार्टी स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट आईआईटी पटना और आईआईटी दिल्ली से कराया जाएगा। इसके तहत पुलों का डाटा संग्रहित होगा। पुलों का भार परीक्षण भी होगा। प्रत्येक पुल की रेटिंग की जाएगी। ब्रिज हेल्थ इंडेक्स और मेंटेनेंस प्रायोरिटी इंडेक्स का मूल्यांकन होगा। इसके बाद ही पुलों का हेल्थ कार्ड बनेगा। स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट कार्य का क्रियान्वयन पुल निर्माण निगम करेगा। पुलों का रेट्रोफिटिंग व जीर्णोद्धार एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा। मंत्री ने कहा कि पुलों पर भारी वाहनों का ठहराव प्रतिबंधित है। संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया गया है।
पिछले साल धड़ाधड़ गिरे थे पुल
साल 2024 में मॉनसून सीजन के दौरान किशनगंज, अररिया, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, छपरा और सीवान समेत अन्य जिलों में एक दर्जन से ज्यादा पुल-पुलिस ध्वस्त हो गए थे। यह मुद्दा देश भर में चर्चा का विषय बना था। सवाल उठने के बाद नीतीश सरकार ने जांच बैठाई और संबंधित इंजीनियरों, अधिकारियों और ठेकेदारों पर कार्रवाई भी की थी।