DM Imposes Fine on BDO for Negligence in Water Supply Scheme Implementation निर्माण के बिना ही नल का जल योजना की राशि खर्च, बीडीओ पर जुर्माना, Patna Hindi News - Hindustan
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निर्माण के बिना ही नल का जल योजना की राशि खर्च, बीडीओ पर जुर्माना

डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने फुलवारीशरीफ के बीडीओ पर हर घर-नल का जल योजना में लापरवाही के लिए 5000 रुपये का जुर्माना लगाया। शिकायतकर्ता वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि योजना के तहत राशि खर्च होने के बाद भी...

Newswrap हिन्दुस्तान, पटनाFri, 28 March 2025 07:05 PM
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निर्माण के बिना ही नल का जल योजना की राशि खर्च, बीडीओ पर जुर्माना

सात निश्चय के अंतर्गत हर घर-नल का जल की राशि खर्च के बाद भी निर्माण नहीं होने पर डीएम डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने फुलवारीशरीफ के बीडीओ को दोषी मानते हुए पांच हजार का जुर्माना लगाया है। डीएम ने कहा कि बीडीओ के स्तर से इस मामले में घोर लापरवाही बरती गई है। शुक्रवार को यह कार्रवाई लोक शिकायत निवारण न्यायालय में सुनवाई के दौरान की गई। इस दौरान 17 मामले निपटाये गये। फुलवारीशरीफ प्रखंड के नहरपुर गांव निवासी वीरेन्द्र कुमार की ओर से डीएम के लोक शिकायत निवारण न्यायालय में अपील वाद दायर किया गया है। उनकी शिकायत थी कि विकसित बिहार के सात निश्चय अंतर्गत हर घर नल का जल की राशि खर्च कर दी गई, लेकिन स्थल पर काम नहीं हुआ। सुनवाई में पाया कि बीडीओ, फुलवारीशरीफ की ओर से इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्हें पूर्व व वर्तमान वार्ड सदस्यों के विरुद्ध नीलाम पत्र वाद दायर कर राशि वसूली की विधिवत कार्रवाई का निर्देश दिया गया परन्तु उन्होंने वसूली के लिए कोई कार्रवाई नहीं की। डीएम ने कहा कि बीडीओ की यह कार्यशैली अत्यंत आपत्तिजनक है। धन राशि की अवैध तरीके से निकासी और व्यय बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। योजना के क्रियान्वयन में अनियमितता और अनधिकृत रूप से राशि की निकासी के लिए जो भी दोषी हो उसके विरुद्ध नीलाम पत्र वाद दायर करते हुए अवैध रूप से व्यय किए गई राशि की विधिवत वसूली की जानी थी, ऐसा नहीं किया गया। पीड़ित ने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, पटना सदर के समक्ष 27 अगस्त 2024 को ही परिवाद दायर किया गया था। सात महीने की अवधि में भी परिवाद प्रखंड विकास पदाधिकारी, फुलवारीशरीफ के स्तर पर ही लंबित है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह अत्यंत खेदजनक है। लोक प्राधिकार का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। उनकी इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का समाधान नहीं हो सका है। मामले में बीडीओ पर पांच हजार का जुर्माना लगाया गया। अगली सुनवाई के पहले संबंधित लोगों से राशि वसूल करने का निर्देश दिया गया।

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