बोले पटना : दानापुर की कॉलोनियों में जलजमाव, कच्ची सड़क पर पैदल चलना भी दुश्वार
दानापुर नगर परिषद के वार्ड-11 में जल जमाव और खराब सड़कें बड़ी समस्या बन चुकी हैं। स्थानीय लोग लंबे समय से प्रशासन से उचित जल निकासी और पक्की सड़कों की मांग कर रहे हैं।
दानापुर नगर परिषद के वार्ड-11 के अंतर्गत कई कॉलोनियां पिछले कुछ वर्षों में विकसित हुई हैं। इनमें प्रमुख हैं - न्यू मैनपुरा, धनेश्वरी नगर, नागेश्वरी कॉलोनी और बालाजी नगर। इन कॉलोनियों की बड़ी आबादी को शहरी इलाके की कौन कहे, गांव जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं। कॉलोनी के निवासी लंबे अरसे से जल जमाव की समस्या से जूझ रहे हैं। जल निकासी की व्यवस्था नहीं है और खुल नाले का पानी सड़कों पर बहता है। सड़कें भी कच्ची और उबड़-खाबड़ हैं। यहां बहुमंजिले भवन और बड़े-बड़े अपार्टमेंट बने हैं। विकास की उम्मीद के बीच लोगों ने यहां बसना शुरू किया था, लेकिन साल-दर-साल बीतने के बाद भी इलाके की सूरत नहीं बदली।
दानापुर नगर परिषद के वार्ड-11 के अंतर्गत धनेश्वरी नगर एक बड़ी आबादी वाला मोहल्ला है। यहां के लोग जल जमाव की समस्या से लंबे समय से जूझ रहे हैं। कॉलोनी में व्यवस्थित ड्रेनेज सिस्टम का अभाव है, जिसके कारण हल्की बारिश में भी सड़कें तालाब में तब्दील हो जाती हैं। घनी आबादी वाले इस इलाके में जहां एक ओर आधुनिक अपार्टमेंट और दूसरी ओर कई मैरेज हॉल हैं। स्थानीय निवासी अशोक कुमार बताते हैं कि मुख्य पटना से नजदीक होने के बावजूद धनेश्वरी नगर में आज भी पक्की सड़कें नहीं हैं। अधिकतर सड़कें कच्ची हैं, जो बारिश में कीचड़ से भर जाती हैं। इन कच्ची सड़कों पर वाहन चलाना तो दूर पैदल चलना भी मुश्किल होता है। सड़कों की खराब हालत के कारण अक्सर दुर्घटनाएं होती हैं। आम दिनों में भी कीचड़ और गंदा पानी सड़क पर जमा रहता है। इसी से होकर लोगों को आना-जाना पड़ता है। पैदल राहगीरों ने अपनी सुविधा के लिए जल जमाव के बीच दो-चार सड़क पर रख दिया है, जिसकी मदद से लोग सड़क पार कर पाते हैं। अशोक कुमार ने बताया कि बाइक चालकों को भी सड़क से गुजरने में डर लगता है कि कहीं फिसल न जाएं। कई वर्षों से यहां की यहीं स्थिति ऐसी ही है। सड़कों के किनारे कूड़े का ढेर भी लगा रहता है।
नियमित रूप से कूड़ा न उठने के कारण गंदगी रहती है। यहां आवारा पशुओं का भी जमावड़ा लगा रहता है। कॉलोनी में कई खुले नाले वे आगे कहते हैं कि मुख्य सड़क के साथ-साथ कॉलोनियों में बड़े-बड़े कई खुले नाले हैं। कई अपार्टमेंट के प्रवेश द्वार पर ही ये विशाल नाले खुले पड़े हैं, जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इन खुले नालों के कारण यहां आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। माता-पिता अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से चिंतित रहते हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि खेलते-खेलते बच्चे कभी भी इन नालों में गिर सकते हैं। यह स्थिति बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा है। बारिश के दिनों में कीचड़ से सनीं रहती हैं सड़कें स्थानीय निवासी विकास कुमार बताते हैं कि वार्ड 11 की मुख्य सड़क और कॉलोनियों की कई सड़कें आज भी कच्ची हैं। बारिश के दिनों में ये सड़कें कीचड़ से सनीं रहती हैं, जिससे पैदल चलना और वाहन चलाना दोनों ही मुश्किल हो जाता है। सड़कों पर कूड़े का अंबार लगा रहता है। वे कहते हैं कि नाले का गंदा पानी सड़कों पर जमा रहता है जिससे हर तरफ गंदगी और बदबू है। जलजमाव न केवल आवागमन को बाधित करता है, बल्कि मच्छरों और अन्य बीमारियों के पनपने का प्रमुख कारण भी है। कई बार समस्या उठा चुके स्थानीय निवासी रवि सिंह का कहना है कि जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं होने से हमें हर दिन स्वास्थ्य संबंधी चिंता के साथ जीना पड़ता है। जलनिकासी नहीं होने से खाली प्लॉटों में पानी भरा रहता है।
उन्होंने कहा कि हमलोग कई बार समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए प्रशासन और जन प्रतिनिधियों से शिकायत कर चुके हैं। लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकाला गया है। दानापुर के आसपास के इलाके आज अच्छी अवस्था में है। पक्की सड़कें, अंडरग्रांउड नाले और साफ-सफाई हर सुविधा है। लेकिन इस वार्ड में अनगिनत समस्या हैं। सरकार हमलोगों पर भी ध्यान दे। दर्द द दास्तां स्थानीय निवासी प्रमिला देवी बताती हैं कि वार्ड-11 के लोगों को जलजमाव और खुले नाले से कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जलनिकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण गंदा पानी परती जमीन में गिराया जा रहा है। इससे कई खाली जमीन पर सालो भर जल जमाव रहता है। इससे उठने वाली दुर्गंध से आसपास के लोग परेशान रहते हैं। साथ ही मच्छर पनपते हैं, जिससे बीमारियों का अंदेशा बना रहता है। स्थानीय लोगों की मांग है कि निकाय जल्द से जल्द जलनिकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करे, ताकि स्वास्थ्य और स्वच्छता संबंधी समस्याओं से राहत मिल सके। नागेश्वरी नगर में हरियाली का अभाव नागेश्वरी नगर और इसके आसपास की कॉलोनियों में हरियाली का अभाव है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि कॉलोनियों में इक्का-दुक्का पेड़ ही नजर आते हैं, जिससे गर्मी के दिनों में छाया और ठंडक की भारी कमी महसूस होती है। लोगों का मानना है कि पेड़ों की यह कमी न सिर्फ पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह कॉलोनी के सौंदर्य को भी प्रभावित करती है। लगातार बढ़ती गर्मी और वायु प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए नागरिकों की मांग है कि क्षेत्र में अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं।
शिकायतें
1. दानापुर स्थित वार्ड 11 की कॉलनियों में जल जमाव है। बरसात में गलियों में पानी भर जाता है। 2. घनी आबादी के बीच कई मेनहोल के ढक्कन खुले हैं। इससे हादसों का भय रहता है। 3. इलाके में पार्क और हरियाली की घोर कमी है। लोगों को टहलने-घूमने में परेशानी होती है। 4. कॉलोनी में पक्की सड़कें नहीं होने से वाहन चालकों को परेशानी होती है। 5. कई अपार्टमेंटो के बाहर गहरे गड्ढे हैं, जिनमें पानी जमा है। इसमें अक्सर गाड़ियां और पालतू जानवर चले जाते हैं।
सुझाव
1. वार्ड 11 में जलनिकासी की समस्या को जल्द दूर किया जाए। कॉलोनी में पक्के नाला का निर्माण किया जाए। 2. अभियान चलाकर खुले मेनहोल को जल्द से जल्द ढका जाए। 3. इलाके में ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए जाएं। इसके साथ ही पार्क की व्यवस्था की जाए। 4. कॉलोनी की कच्ची सड़कों का जल्द पक्कीकरण किया जाए। 5. पानी और गंदगी से भरे गड्ढ़ों को भरा जाए। परती जमीन में पानी न गिराया जाए।
जक्कनपुर थाना से पंच शिवमंदिर तक 800 मीटर लंबी सड़क का निर्माण शुरू
पटना नगर निगम के वार्ड संख्या 31 के लोगों की करीब दो दशक पुरानी उम्मीद अब पूरी होने वाली है। चांदमारी रोड चौराहा से पंच शिवमंदिर होते हुए जक्कनपुर थाना तक सड़क निर्माण शुरू कर दिया गया है। लगभग 800 मीटर लंबी सड़क के निर्माण पर लगभग चार करोड़ का खर्च आएगा। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने ‘बोले पटना अभियान के तहत 18 मई के अंक में ‘पग-पग गड्ढे, पैदल राह भी कठिन शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। यहां के निवासियों का कहना था कि जर्जर सड़क पर इतने गड्ढे हैं कि पैदल चलना भी मुश्किल है। पटना नगर निगम ने इस खबर पर संज्ञान लेते हुए सड़क निर्माण कार्य शुरू करा दिया है। निर्माण के लिए पुरानी सड़क को तोड़ा जा रहा है। इसका मलबा हटाया जायेगा। फिर नये सिरे से सड़क बनेगी। पार्षद का यह भी कहना है कि निर्माण एजेंसी से कहा गया है कि चांदमारी रोड से पंच शिवमंदिर तक जर्जर सड़क का 15 जून तक निर्माण कर दें, ताकि लोगों को बरसात में दिक्कत का सामना न करना पड़े। इसीलिए बहुत तेजी से निर्माण कार्य किया जा रहा है। स्थानीय वार्ड पार्षद राधा शर्मा ने बताया कि बहुत प्रयास के बाद यह सड़क बनाई जा रही है। पिछले कई वर्षों से इस सड़क की स्थिति खस्ताहाल थी। स्थानीय लोग भी सड़क बनाने को लेकर कई बार मांग कर चुके थे। जक्कनपुर थाना के सामने पड़ने वाला इलाका बंगाली टोला, रामबिलास चौक, आजाद नगर, बुद्धनगर, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क चौराहा तक की सड़क काफी खराब है। इलाके की 50 हजार की आबादी का रोजाना इस सड़क से वास्ता पड़ता है। यह सड़क वार्ड संख्या 29, 30, 31, 34 और 35 को भी जोड़ती है। पांच वार्ड के लोग इस मुख्य सड़क से निकलते हैं। वार्ड पार्षद राधा शर्मा का कहना है कि 20 साल पहले इस सड़क का निर्माण हुआ था। दो साल पहले नमामि गंगे परियोजना से जब सीवर पाइप लाइन इस क्षेत्र में बिछाने का काम शुरू हुआ तो मुख्य सड़क की खुदाई कर दी गई। पहले से जर्जर सड़क और खराब हो गई। सड़क पर चलना तक मुश्किल हो गया था। जर्जर सड़क के कारण कई जगहों पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो गई थी। इधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क खराब तो है ही, साथ ही मेनहोल भी टूटे हुए हैं। लोगों ने सड़क निर्माण के साथ ही मेनहोल को ढकने की भी मांग की है। यहां जलनिकासी की समस्या है। सड़क बनने से इन समस्याओं से निजात मिलेगी।
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