राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेज सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होंगे
राज्य के सभी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों को चरणबद्ध तरीके से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाएगा। यहां के छात्रों को वर्तमान उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उन्हें अच्छे पैकेज पर...

राज्य के सभी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों को चरणबद्ध तरीके से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (उत्कृष्टता केन्द्र) बनाया जाएगा। वर्तमान उद्योगों की आवश्यतानुसार यहां के छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे जहां उद्योगों की जरूरत पूरी होगी, वहीं इन संस्थानों से पास करने वाले इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को अच्छे पैकेज पर नौकरी मिलने में आसानी होगी। राज्य में सबसे बाद में खुले भागलपुर और बाढ़ में पॉलिटेक्निक संस्थान को भी सेंटर ऑफ बनाया जाएगा। विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग की राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की जिम्मेदारी आईआईटी दिल्ली सहित देश और विदेश के बड़े इंजीनियिंग संस्थाओं को दी जाएगी। विभाग की ओर से अभी दिल्ली आईआईटी को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा गया है। इंटरनेट ऑफ थिंक्स, आर्टिफिशिएल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स, इंडस्ट्रियल ऑटोमाइजेशन, ड्रोन तकनीक, 5 जी एंड ऑप्टिकल फाइबर, इलेक्ट्रिकल वाहन सहित अन्य नए कोर्स में छात्र-छात्राओं को विशेष प्रशिक्षण मिलेगा। प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज एक या दो नए कोर्स का सेंटर ऑफ एक्सीलेंस होगा। जिस बड़े इंजीनियरिंग संस्थाओं के शिक्षक यहां विशेष प्रशिक्षण देंगे, उसी संस्थान की ओर से प्रशिक्षित छात्र-छात्राओं को विशेष प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। यह प्रमाण पत्र उन्हें शोध और नौकरी पाने में मदद करेगा।
अभी राज्य के 44 पॉलिटेक्निक संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बने : वर्तमान में राज्य के 44 पॉलिटेक्निक संस्थान सेंटर ऑफ एकसीलेंस बन गए हैं। इस पर 200 करोड़ की राशि खर्च हुई है। आईआईटी पटना को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी। प्रथम चरण में प्रत्येक इन संस्थानों में एक-एक कोर्स और दूसरे चरण एक और कोर्स का प्रशिक्षण शुरू कराया गया। 2022-23 से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पॉलिटेक्निक संस्थानों से दो बेच के छात्र-छात्राओं का प्रशिक्षण पूरा हो गया है। यहां से प्रशिक्षितों की परीक्षा लेकर प्रमाण पत्र भी मिल मिला है।
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राज्य के 44 पॉलिटेक्निक संस्थान सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बन चुके हैं। अब सभी जिलों में स्थापित इंजीनियरिंग कॉलेजों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाना है। इसकी जिम्मेदारी देश और विदेश के संस्थानों को दी जाएगी। इससे यहां से उत्तीर्ण को अच्छे पैकेज पर नौकरी मिलेगी।
सुमित कुमार सिंह, मंत्री, विज्ञान व प्रौद्योगिकी
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