prashant kishor targets cm nitish kumar on caste census give one month time to bihar government जातीय जनगणना, भूमि सर्वे और दलितों के लिए जमीन पर CM नीतीश से सवाल; जवाब के लिए पीके ने 1 महीने का दिया अल्टीमेटम, Bihar Hindi News - Hindustan
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जातीय जनगणना, भूमि सर्वे और दलितों के लिए जमीन पर CM नीतीश से सवाल; जवाब के लिए पीके ने 1 महीने का दिया अल्टीमेटम

  • पटना में प्रेस वार्ता कर जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 2-3 साल में जातीय जनगणना के नाम पर सबसे ज्यादा रोटी सेंकी गई है। जातीय जनगणना जिन्होंने 500 करोड़ रुपये खर्च कराया। उनकी नीयत किसी जाति का भला करना नहीं था। बल्कि उनकी नीयत कुछ और ही थी।

Nishant Nandan लाइव हिन्दुस्तान, पटनाMon, 21 April 2025 12:26 PM
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जातीय जनगणना, भूमि सर्वे और दलितों के लिए जमीन पर CM नीतीश से सवाल; जवाब के लिए पीके ने 1 महीने का दिया अल्टीमेटम

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव को लेकर बिहार में सियासी हलचल तेज है। इस बीच जनसुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने राज्य की नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला है। प्रशांत किशोर ने जातीय जनगणना, भूमि सर्वे और महादलितों के लिए भूमि समेत कई अहम मुद्दों पर नीतीश सरकार को घेरते हुए तीखे सवाल पूछे हैं। इतना ही नहीं पीके ने सरकार से यह भी कहा है कि अगर एक महीने के अंदर उनके सवालों के जवाब नहीं मिले तो वो सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे। पटना में प्रेस वार्ता कर जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 2-3 साल में जातीय जनगणना के नाम पर सबसे ज्यादा रोटी सेंकी गई है।

जातीय जनगणना जिन्होंने 500 करोड़ रुपये खर्च कराया। उनकी नीयत किसी जाति का भला करना नहीं था। बल्कि उनकी नीयत कुछ और ही थी। प्रशांत किशोर ने मांग की है कि नीतीश सरकार ने जातीय जनगणना कराने के बाद केंद्र सरकार को आरक्षण बढ़ाने के लिए जो सिफारिश की थी उसकी क्या स्थिति है। आरक्षण बढ़ाने के लिए यह सिफारिश कब भेजी गई? उन्होंने यह भी कहा कि जातीय गणना पर स्वेत पत्र राज्य सरकार जारी करे और बताये कि इसकी रिपोर्ट आने के बाद जो घोषणाएं हुईं, उस पर अब-तक क्या-क्या कार्रवाई हुई। कितने लोगों को इसका लाभ दिया गया।

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प्रशांत किशोर ने बिहार में भूमि सर्वे का मुद्दा उठाया। प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में साल 2013 में भूमि सर्वे का काम किया गया। लेकिन आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों में बिहार के बाद जमीन सर्वे का काम हुआ और उन्होंने आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर सर्वे का काम पूरा भी कर लिया। प्रशंत किशोर ने दावा किया कि बिहार में भूमि सर्वे के नाम पर लूट और भ्रष्टाचार हो रहा है। उनका दावा है कि अब तक कुल जमीन के महज 20 फीसदी का ही सर्वे हो सका है। प्रशांत किशोर ने कहा कि जमीन सर्वे की वजह से घरों में झगड़ा बढ़ा है।

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि दलित-महादलित के नाम पर काफी दिनों से राजनीति चल रही है। साल 2006 में महादलित विकास मिशन बनाया गया था। इसमें दलित समाज के भूमिहिनों को 3 डिसमिल जमीन घर बनाने के लिए करने का वादा किया था। योजना शुरू हुई 2008। सरकार के द्वारा उपलब्ध आंकड़े के मुताबिक 2 लाख 34 हजार परिवारों को ही आज तक यह 3 डिसमिल जमीन दी गई है। केंद्र सरकार की एक कमेटी बता रही है कि इसमें 1 लाख 20 हजार परिवार ऐसे हैं जिसको जमीन तो मिली लेकिन पोजेशन नहीं मिला। तो नीतीश सरकार यह बताए कि ऐसे भूमिहिनों को आखिर कब तक जमीन उपलब्ध करवाया जाएगा।

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नीतीश सरकार को एक महीने का समय

प्रशांत किशोर ने अपने मुद्दों पर जवाब देने के लिए नीतीश सरकार को एक महीने का समय दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को एक महीने का समय दे रहे हैं। 11 मई से इन मुद्दों पर राज्य के हर गांव में बैठककर हस्ताक्षर अभियान हमलोग शुरू करेंगे। 11 जुलाई को इन मुद्दों पर एक करोड़ लोगों का हस्ताक्षर के साथ राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौपेंगे। आगे सत्र के दौरान विधानसभा का भी जन सुराज घेराव करेगा।

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