Heatwave Precautions District Health Department Prepares for Rising Temperatures लू ग्रसित मरीजों के लिए सभी प्रखंड अस्पताल में लू वार्ड तैयार, Purnia Hindi News - Hindustan
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लू ग्रसित मरीजों के लिए सभी प्रखंड अस्पताल में लू वार्ड तैयार

-लू से बचाव के लिए धूप में जाने से बचें, अधिक पानी का करें सेवन :पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। बढ़ते गर्मी के कारण लोगों को लू और गर्म हवाओं के प्रभ

Newswrap हिन्दुस्तान, पूर्णियाThu, 10 April 2025 05:29 AM
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लू ग्रसित मरीजों के लिए सभी प्रखंड अस्पताल में लू वार्ड तैयार

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। बढ़ते गर्मी के कारण लोगों को लू और गर्म हवाओं के प्रभाव से ग्रसित होने की संभावना बढ़ गई है। इससे सुरक्षित रहने के लिए लोगों को विभिन्न सावधानियों का ध्यान रखने की जरूरत है। गर्मी के मौसम में ज्यादा सावधानी नहीं रखने पर लोग विभिन्न मौसमी बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। गर्मी में मौसमी बीमारियों से ग्रसित लोगों को समय पर सुरक्षित करने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से तैयार हो गया है। इस मौसम में लू ग्रसित मरीजों के उपचार के लिए सभी प्रखंड के अस्पतालों में लू वार्ड बनाया गया है जहां लू ग्रसित मरीजों को आवश्यक चिकित्सिकीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को गर्मी के मौसम में सावधानी के साथ दैनिक जीवनयापन सुविधा का लाभ उठाने की अपील की गई है जिससे कि लोग लू ग्रसित होने से सुरक्षित रहते हुए स्वस्थ जीवन का लाभ उठा सकें।

-लू से बचाव के लिए धूप में जाने से बचें, अधिक पानी का करें सेवन :

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया की बढ़ते गर्मी में लू ग्रसित होने से सुरक्षा के लिए लोगों को पहले से सावधानी बरतने की आवश्यकता है। धूप में अधिक समय तक रहने और बिना सावधानी बरते दैनिक कार्य करने से लोग लू ग्रसित हो सकते हैं। लू से सुरक्षा के लिए लोगों को धूप में बाहर निकलने से बचना चाहिए। इस दौरान घर में अधिक से अधिक पानी का सेवन करना चाहिए। गर्मी से सुरक्षा के लिए लोगों को ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए। हल्के रंग के ढीले एवं पूरी बांह के कपड़ों का उपयोग करना चाहिए। गर्मी में बाहर निकलना आवश्यक हो तो बाहर निकलते समय छाता और धूप वाले चश्में का उपयोग करना चाहिए जिससे कि लोग लू ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकें। सिविल सर्जन डॉ कनौजिया ने कहा कि लू से बचाव के लिए लोगों को खाली पेट नहीं रहना चाहिए। बच्चों को वाहन में अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। लोगों को धूप में नंगे पांव नहीं चलना चाहिए। गर्मी के दौरान बहुत अधिक भारी काम करने से परहेज करना चाहिए। जरूरी होने पर सावधानी और सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करते हुए भारी काम करना चाहिए जिससे कि लोग लू ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकते हैं।

-लू लगने पर उपयोग करें ओआरएस का घोल :

सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि लू ग्रसित होने पर लोगों को घर में ही लू से सुरक्षा के लिए घरेलू पदार्थों का उपयोग करते हुए लू से सुरक्षित रहने का उपयोग करना चाहिए। घर में लू से सुरक्षा के लिए लोगों को ओआरएस का घोल, नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी आदि का उपयोग करना चाहिए। लू से सुरक्षा के लिए लोगों को खाली पेट नहीं रहना चाहिए। घर से निकलने से पहले हल्का भोजन जरूर करना चाहिए। धूप में बाहर निकलते समय शरीर को ढ़क कर रहना चाहिए। लू ग्रसित होने पर बेहोशी या चक्कर का आना, उल्टी, सिरदर्द, अधिक प्यास लगना, दिल का धड़कन तेज होना आदि हो सकता है। ऐसी स्थिति होने पर नजदीकी अस्पताल में चिकित्सकों से संपर्क करते हुए चिकित्सिकीय सहायता का लाभ उठाना चाहिए ताकि लोग लू ग्रसित होने से सुरक्षित रह सकें।

-लू ग्रसित मरीजों को चिकित्सिकीय सहायता के लिए सभी प्रखंड अस्पताल में लू वार्ड तैयार :

एपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला ने कहा कि लू से ग्रसित मरीजों को चिकित्सिकीय सहायता प्रदान करने के लिए जिले के सभी प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों में लू वार्ड बनाया गया है। लू वार्ड में आवश्यक बेड के साथ ग्रसित मरीजों का उपचार के लिए सभी सुविधा उपलब्ध है। इसके लिए सभी प्रखंड अस्पतालों में लू वार्ड बनाते हुए ग्रसित मरीजों के लिए अलग बेड तैयार रखा गया है। ग्रसित मरीजों को अस्पताल में भर्ती करते हुए चिकित्सकों द्वारा आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। लू वार्ड के लिए सभी अस्पतालों में अलग वार्ड बनाये के साथ साथ मरीजों की सुरक्षा के लिए लू वार्ड में एसी, कूलर एवं पंखा उपलब्ध रखी गई है जिसका ग्रसित मरीजों को लाभ उपलब्ध कराई जाएगी।

-लू लगने पर क्या करें :

लू लगे व्यक्ति को छांव में लिटा देना चाहिए। ग्रसित व्यक्ति के कपड़े तंग हो तो उसे ढीला करें या हटा दें। ठंडे गीले कपड़े से शरीर पोछें या पानी से नहाना चाहिए। व्यक्ति को ओआरएस/नींबू-पानी/नमक-चीनी का घोल का सेवन करना चाहिए जिससे कि शरीर में जल की मात्रा बढ़ सकें। यदि व्यक्ति पानी की उल्टियां करे या बेहोश हो तो उसे कुछ भी खाने या पीने नहीं देना चाहिए। शरीर के तापमान कम करने के लिए कूलर, पंखे आदि का उपयोग करना चाहिए। गर्दन, पेट एवं सिर पर गीला तथा ठंडा कपड़ा रखना चाहिए। पैर में तकिया का उपयोग करने हुए पैर को उठा कर रखना चाहिए। व्यक्ति को छांछ, नींबू पानी, शरबत का सेवन करवाया चाहिए। लू लगने पर व्यक्ति की हालत में एक घंटे में सुधार नहीं होने पर नजदीकी अस्पताल में भर्ती करते हुए चिकित्सकों द्वारा उपचार कराना चाहिए।

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