पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्मारिका समिति से कुलपति ने किया जवाब-तलब
-स्मारिका में नामांकन से लेकर परीक्षा में धांधली प्रकाशित होने पर विश्वविद्यालय प्रशासन हुआ सख्त पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता। अमूमन स्मारिका प्रका

पूर्णिया, हिन्दुस्तान संवाददाता।अमूमन स्मारिका प्रकाशित करने वाले संस्थान अपनी उपलब्धियों का स्मारिका में उल्लेख करते हैं पर पूर्णिया विश्वविद्यालय ऐसा संस्थान है जो अपने स्थापना दिवस पर जारी स्मारिका में उपलब्धियों के साथ संस्थान की धांधली को भी प्रकाशित कर कर दिया है। हालांकि स्मारिका में नामांकन से लेकर परीक्षा तक में धांधली प्रकाशित होने के बाद पूर्णिया विश्वविद्यालय प्रशासन सजग हो गया है और इस मामले में सख्त रवैया अपनाते हुए स्मारिका समिति से जवाब तलब किया है। इसके साथ सोमवार को पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्मारिका समिति की बैठक बुलाई गई है, जिसमें कुलपति स्मारिका प्रकाशन में कैसे भूल हो गई, इस मुद्दे पर समिति के साथ मंथन करेंगें और अनुकूल कदम उठायेंगे। -----
-पीजी नामांकन बड़े पैमाने पर धांधली का दावा :
-18 मार्च को आठवें स्थापना दिवस सह वार्षिक सम्मेलन के उपलक्ष्य पर जारी स्मारिका में पूर्णिया विश्वविद्यालय में नामांकन व परीक्षा से लेकर मूल्यांकन तक धांधली होने का जिक्र किया गया है। स्मारिका के पेज 141 से लेकर पेज 145 में विश्वविद्यालय का बदलता स्वरूप अतीत से वर्तमान अनुभवात्मक मूल्यांकन दृष्टि शीर्षक से छपे आलेख में पूर्णिया विश्वविद्यालय के साकारात्मक पहलुओं से अधिक नाकारात्मक पहलुओं को इंगित किया गया है। पीजी नामांकन की मेरिट लिस्ट में बड़े पैमाने पर धांधली होने का दावा किया गया है। विश्वविद्यालय पर आरोप लगाया गया है कि सर्वाधिक अंक वाले छात्र का नाम नामांकन मेरिट लिस्ट में था ही नहीं। प्रीपीएचडी 2023 में वैसे अभ्यर्थियों को पास किये जाने का आरोप है जिन्हें अपने विषय का सही ज्ञान भी नहीं है। स्मारिका के पेज 142 में आरोप है कि दो माह बीत जाने पर भी आरटीआई का जवाब नहीं दिया जाता है। स्मारिका के पेज 142 में यह भी आरोप है कि आंतरिक परीक्षा में सर्वाधिक अंक उन छात्रों को मिलता है जो शिक्षक के चहेते या उनकी अपनी जाति के होते हैं। इस बात को पुख्ता से रखने के लिए मुहावरे का इस्तेमाल किया गया है। स्मारिका के पेज 143 में 2 वर्ष में हुई कक्षाओं को नाकाफी बताया गया है। यह भी दावा किया गया है कि परीक्षा उर्तीण करने के लिए गेस पेपर का सहारा लेना छात्रों की मजबूरी बन गई है। स्तरहीन शिक्षा के चलते पूर्णिया विश्वविद्यालय को यूजीसी से 12 बी की रैंकिंग प्राप्त नहीं हो सकी। स्मारिका के पेज 144 में दावा किया गया है कि परीक्षा के साथ-साथ मूल्यांकन में गड़बड़ी पायी गई है। सीजीपीए निकालने के तरीके पर गंभीर आपत्ति जतायी गयी है। आरोप लगाया गया है कि परीक्षा नहीं देने वालों को पास ही नहीं किया जाता, उसे अपने सत्र का गोल्ड मेडलिस्ट भी घोषित कर दिया जाता है। स्थापना दिवस समारोह के दौरान जारी की गयी स्मारिका के इस आलेख से पूर्णिया विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ गये हैं।
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-कुलपति ने 24 मार्च को बुलाई बैठक : मीडिया पदाधिकारी :
पूर्णिया विश्वविद्यालय के मीडिया पदाधिकारी डॉ. संतोष कुमार सिंह ने बताया कि स्मारिका में प्रकाशित आलेख को विश्वविद्यालय प्रशासन ने संज्ञान में लिया है। कुलपति प्रो विवेकानंद सिंह ने 24 मार्च को स्मारिका समिति की बैठक बुलाई है, जिसमें स्मारिका में छपे आलेख को लेकर समिति सदस्यों से पक्ष रखने को कहा जायेगा। बैठक के उपरांत ही इस मामले में पूर्णिया विश्वविद्यालय के द्वारा कोई भी कार्रवाई की जायेगी।
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