नेपाल में बारिश से बागमती में उफान, मुजफ्फरपुर में कई चचरी पुल बह गए; 50 हजार की आबादी प्रभावित
तेज जलधारा में मुजफ्फरपुर के अतरार घाट पर बना चचरी का पुल भी बह गया। तकरीबन डेढ़ से दो सो मीटर का बना यह पुल बहने से औराई प्रखंड के लोगों का लाइफ लाइन कहा जाने वाला रास्ता अवरुद्ध हो गया है।

नेपाल की तराई क्षेत्र में अधिक बारिश की वजह से बागमती नदी के जलस्तर में अचानक उफान आ गया। सोमवार अहले सुबह से जलस्तर में तीव्र गति से वृद्धि देखी जा रही है। 10:00 बजे के बाद काफी तेज गति से जलस्तर बढ़ने लगा जिससे मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के मधुबन प्रताप स्थित बागमती तटबंध दक्षिणी तट पर बने बांस बल्ली से बने चचरी पुल बह गए। तेज जलधारा में अतरार घाट पर बना चचरी का पुल भी बह गया। तकरीबन डेढ़ से दो सो मीटर का बना यह पुल बहने से औराई प्रखंड के लोगों का लाइफ लाइन कहा जाने वाला रास्ता अवरुद्ध हो गया है।
माना जा रहा है कि अगले चार महीने तक आवागमन सुचारु नहीं हो पाएगा। जलस्तर में बढोतरी से बागमती तटबंध से विस्थापित मधुबन प्रताप, बभनगामा पश्चिमी, बाड़ा बुजुर्ग, बाड़ा खूर्द, महुवाड़ा, चैनपुर, राघोपुर , तरवन्ना , चहुंटा कश्मीरी टोला समेत एक दर्जन गांवों के बारह हजार आबादी के अलावा औराई प्रखंड मुख्यालय से सरकारी निजी स्तर पर काम करने वाले लोगों का भी आवागमन बाधित हो गया है। मुजफ्फरपुर मुख्यालय जाने में औराई से दूरी जहां 25 से 27 किलोमीटर हुआ करता था ,वह दूरी अब 55 किलोमीटर की हो गई है।
मुजफ्फरपुर के औराई का क्षेत्र भौगोलिक दृष्टि से पांच नदियों से घिरा हुआ है। बागमती सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। नदी के जलस्तर में उफान से तकरीबन 50 हजार लोगों का आवागमन का मार्ग बाधित हो गया है। अतरार घाट के चचरी पुल निर्माता छोटन सहनी, मधुबन प्रताप के चचरी पुल निर्माता मनोज सहनी ने बताया कि लाखों रुपया लगाकर पुल का निर्माण किया था जो बस एक पल में बह गया। इस दौरान एक बाइक सवार भी चचरी पुल पर फंस गया था, जिसे स्थानीय लोगों द्वारा सहयोग कर मधुबन प्रताप घाट पर बचाया गया।
जलस्तर बढने से विस्थापित परिवारों में भी दहशत का माहौल बनता जा रहा है। हालांकि चौर और गांव की ओर अभी जलस्तर नहीं फैला है लेकिन बाढ़ का खतरा भांप लोग नाव की व्यवस्था,आशियाना बचाव, बुजुर्ग, महिला,बीमार व मवेशी के बचाव की तैयारी में जुट गए हैं। एक बार फिर लोग बागमती तटबंध के अंदर रहने वाले और तटबंध पर जीवन बसर करने वाले तकरीबन 12000 की आबादी को ऊंचे सुरक्षित स्थान पर किराए का मकान ढूंढना पड़ेगा। औराई सीओ गौतम कुमार सिंह ने बताया कि चचरी पुल बह गया है। अभी गांव व तटबंध पर स्थिति सामान्य है। राजस्व कर्मचारी को स्थिति पर नजर रखने की नसीहत दी गई है।
विदित हो कि वर्ष 2007 से लेकर वर्ष 2010 तक बागमती तटबंध का निर्माण किया गया था। विस्थापित परिवारों के सामने शर्त यही रखा गया था कि हर हाल में तटबंध निर्माण के साथ ही लोगों को पुनर्वासित कर दिया जाएगा। लेकिन,ऐसा नहीं हुआ और लोग जलस्तर बढ़ने और घटने के बीच लगातार 15 वर्षों से जंगली जानवरों तथा बाढ़ के बीच जीवन बसर करने को विवश हैं। अगले 48 घंटों में बिहार में बारिश की संभावना जताई गयी है। इससे स्थिति और बिगड़ सकती है।