माले के 45 सीट के दावे से बिफरी सीपीआई, महागठबंधन मीटिंग से पहले लेफ्ट में घमासान
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन की गुरुवार को होने वाली महागठबंधन की बैठक से पहले वाम दलों में सीटों को लेकर तकरार हो गई है। सीपीआई-माले के 45 सीटों पर चुनाव लड़ने के दावे पर सीपीआई ने आपत्ति जताई है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर महागठबंधन की 12 जून, गुरुवार को होने वाली आगामी बैठक से पहले लेफ्ट में सीटों पर घमासान छिड़ गया है। सीपीआई माले की ओर से 45 से 50 सीटों पर लड़ने की तैयारी करने का दावा करने पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) बिफर गई है। सीपीआई के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने इसे चिंताजनक स्थिति बताया। उन्होंने गुरुवार को महागठबंधन की बैठक में इस मुद्दे को उठाने की बात कही है।
सीपीआई के राज्य सचिव ने कहा कि माले ने न सिर्फ समन्वय समिति में बनी समझदारी का उल्लंघन किया, बल्कि विवादों को हवा देने का काम किया है। यह इंडिया गठबंधन (महागठबंधन) की सेहत के लिए नुकसानदेह है। संबंधित दल अथवा दलों के गठबंधन से प्रतिबद्धता पर प्रश्न चिह्न भी खड़ा करता है।
उन्होंने इस प्रकार की भ्रामक और नुकसानदेह बयानबाजियों को महागठबंधन की बैठक में उठाने के इरादे का इजहार किया। पांडेय ने कहा कि समन्वय समिति की पूर्व की बैठकों में आम सहमति बनी थी कि गठबंधन के सभी दल विधानसभा की सभी 243 सीटों पर मिल-जुलकर तैयारी करेंगे और हर सीट सभी की अपनी होगी।
उन्होंने कहा कि पूर्व में यह भी सहमति बनी थी कि गठबंधन का कोई भी दल या उसके नेता अपने हिस्से की सीटों को लेकर किसी प्रकार की सार्वजनिक बयानबाजी नहीं करेंगे। बता दें कि एक दिन पहले ही माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा था कि उनकी पार्टी 45 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है।
बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है। विपक्षी महागठबंधन में तेजस्वी यादव की आरजेडी, कांग्रेस के अलावा तीनों लेफ्ट पार्टियां सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई माले शामिल है। इसके अलावा मुकेश सहनी की वीआईपी भी इस बार महागठबंधन में रहकर ही चुनाव लड़ेगी। बिहार चुनाव को लेकर गठबंधन की पूर्व में बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन अभी तक सीटों पर चर्चा नहीं शुरू हुई है। इस बीच वाम दलों में सीटों को लेकर घमासान छिड़ गया है।