बिहार चुनाव को लेकर महागठबंधन की गुरुवार को होने वाली बैठक से पहले सीट-गीत शुरू हो गया है। सीपीआई माले ने जहां 45 सीटों पर अपनी तैयारी की बात कही है। वहीं, मुकेश सहनी ने 60 सीटों की मांग को दोहराया है।
महागठबंधन में सीएम फेस के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि किसी को इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है। हम सरकार नहीं, बिहार बनाने का काम करेंगे। महागठबंधन मिलकर चुनाव लड़ेगा। समय आने पर सब तय हो जाएगा।
महागठबंधन के घटक दलों की चौथी बैठक 12 जून को होगी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के नेता शामिल होंगे। को-ऑर्डिनेशन कमेटी के सदस्यों के साथ ही इस बैठक में सभी उपसमितियों के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।
सिताब दियारा से 15 दिन पहले यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर हर सभा में लोगों से कह रहे हैं कि बिहार में बदलाव जरूरी है, नीतीश कुमार को हटाना जरूरी है, पीएम नरेंद्र मोदी कहें तो भी उनको वोट नहीं देना है। लेकिन भाजपा के वोट पर चोट से फायदा किसे होगा?
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम और राजद-कांग्रेस महागठबंधन के बीच अलायंस की बात बन गई तो बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले एनडीए को कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ सकता है।
साल 2020 के बिहार चुनाव में 20 सीटों पर लड़ने वाली ओवैसी की पार्टी के 5 विधायक जीते थे। पार्टी ने जो पांच सीटें जीती थीं, वो सभी पूर्वी बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में आती हैं, जिसमें अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज समेत चार जिले शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव से पहले 2020 में महागठबंधन को भरपूर सीटें देने वाले क्षेत्रों पर तोहफों की बरसात हो रही है। नीतीश कैबिनेट ने सासाराम, आरा, सिवान और औरंगाबाद के लिए पेयजल आपूर्ति और सीवर नेटवर्क के बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है।
बिहार चुनाव से पहले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी महागठबंधन से हाथ मिला सकते हैं। जिसके संकेत खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने दिए हैं। उन्होने कहा कि बिहार में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए बड़े अलायंस की जरूरत है। हमारी बात चल रही है।
पीएम मोदी के बिहार दौरे को महागठबंधन ने असफल करार दिया है। प्रदेश राजद कार्यालय में महागठबंधन की बैठक में मनोझ झा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों को रोजी-रोजगार देने के बारे में कुछ नहीं कहा। वहीं कांग्रेस के राजेश राम ने कहा कि उनके झूठे वादों और फरेबी जुमलों में अब कोई फंसने वाला नहीं है।
भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि महागठबंधन के अंदर सीटों को लेकर कोई तकरार नहीं है। पूर्व के चुनाव में जिन पार्टियों का स्ट्राइक रेट जैसा रहा है, उसी के अनुसार से सीटें भी मिल जाएंगी। जल्द ही सीटों और अन्य चुनावी रणनीति के लिए इंडिया गठबंधन की बैठक होगी।