बिहार चुनाव में महागठबंधन से हाथ मिलाएगी ओवैसी की पार्टी; AIMIM नेता ने कहा- बात चल रही है
बिहार चुनाव से पहले एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी महागठबंधन से हाथ मिला सकते हैं। जिसके संकेत खुद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने दिए हैं। उन्होने कहा कि बिहार में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए बड़े अलायंस की जरूरत है। हमारी बात चल रही है।

बिहार चुनाव से पहले सियासी गठजोड़ की कवायद भी तेज हो गई हुई है। जानकारी के मुताबिक एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी महागठबंधन स हाथ मिला सकते हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल ईमान ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि हमारी महागठबंधन से बात चल रही है। लेकिन फैसला आरजेडी और कांग्रेस को लेना है। बिहार में सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए एक बड़ा अलायंस बनाने की जरूरत है। बिहार में कोई एक ऐसा दल नहीं है, जो ये काम कर सके। ये बात 2019 में भी हम लोगों ने कही थी।
उन्होने कहा कि जिन लोगों से हमारी बातचीच चल रही है, उनकी तरफ से कोई निगेटिव रिस्पॉन्स भी नहीं आया है। दोस्ती में हमेशा मामला बड़े और छोटे का होता है। छोटे की इच्छा हमेशा दोस्ती करने की होती है, लेकिन जब तक बड़ा हाथ न बढ़ाए। एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि आरजेडी और कांग्रेस सत्ता की लड़ाई लड़ रही है। एआईएमआई तो न्याय की लड़ाई लड़ रही है। ऐसे में राजद और कांग्रेस को दिल बड़ा करना है, फैसला उनको करना है। ऐसे में जब बात बनेगी, तब बढ़ेगी।
हमारी इच्छा है कि बिहार से सांप्रदायिक शक्तियों को बाहर निकाला जाए। दलितों, वंचितों और अल्पसंख्यकों के न्याय के लिए एक सरकार बने, जिसमें हमारी हिस्सेदारी हो। बिहार में अभी मौजूदा नीतीश और बीजेपी की सरकार सौहार्य बिगाड़ रही है। आपको बता दें हाल ही में बिहार दौरे पर आए एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने 50 सीटों पर लड़ने की बात कही थी। 2020 में एआईएमआईएम ने बसपा राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP)के साथ थर्ड फ्रंट बनाया था। एआईएमआईएम ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिसमें से पांच सीटें जीती थीं।
हालांकि बाद में AIMIM के 4 विधायक राजद में चले गए थे। और अब सिर्फ एक मात्र विधायक अख्तरूल ईमान हैं। पार्टी को इन 20 सीटों पर डाले गए वोटों का 14.28% वोट मिला था। एआईएमआईएम ने जो पांच सीटें जीती थीं, वो सभी पूर्वी बिहार के मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में आती हैं, जिसमें अररिया, पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज सहित चार जिले शामिल हैं।