गर्मी बढ़ते ही डायरिया मरीजों की भी बढ़ने लगी संख्या
सहरसा में बढ़ते तापमान और गर्म हवाओं के कारण लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। डिहाइड्रेशन और डायरिया के मरीजों की संख्या सरकारी और निजी अस्पतालों में बढ़ गई है। गर्मी में खासकर बच्चों को अधिक...

सहरसा, हिन्दुस्तान संवाददाता। जिले में तापमान बढ़ने और गर्म हवा चलने से लोगों पर सबसे ज्यादा प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। ऐसे मौसम में डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होने का खतरा रहता है। सरकारी और निजी अस्पतालों में से उल्टी दस्त यानी डायरिया के अधिकाधिक मरीज आ रहे हैं। सदर अस्पताल लगभग आठ से दस डायरिया मरीज आते है। जिसमें महिला पुरुष के अलावा बच्चा भी डायरिया से पीड़ित हैं। सदर अस्पताल के अलावा निजी क्लिनिक में भी गर्मी जनित मरीजों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। चिकित्सकों का कहना है कि ऐसे मौसम में सावधानी बरतने की जरूरत है।
जिले में अभी से ही भीषण गर्मी पड़ रही है, इसके साथ ही पुरबा हवा भी गर्म चल रही है। गर्मी बढ़ने के साथ ही लोग बीमार हो रहे हैं। खासतौर से बच्चों पर मौसम का ज्यादा प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है। सदर अस्पताल प्रतिदिन मरीज इलाज के लिए भर्ती होते हैं। हालांकि कुछ मरीज जल्द ठीक भी हो रहे हैं । ओपीडी में कार्यरत कर्मी के मुताबिक गर्मी के मौसम में सबसे ज्यादा मरीज डायरिया के आ रहे हैं। अधिकांश मरीजों के ठीक होने पर डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इन दिनों गर्मी को लेकर एकाएक मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। गैस की बीमारी की सबसे अधिक मरीज : गर्मी के बीच उचित खानपान नहीं रहने से अधिकांश लोग पेट में गैस से पीड़ित हो रहे हैं। चिकित्सक के अनुसार अभी आम का मौसम है। अधिकांश आम गैस से पकाकर बाजार में बिक रहा है। जिस आम को खाकर अधिकांश लोग गैस से पीड़ित हो रहे हैं। गर्मी में सदर अस्पताल मरीजों की बढ़ी परेशानी : भीषण गर्मी में सदर के माॅडल अस्पताल में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। खासकर पर्ची कटाने एवं दवा काउंटर पर भारी भीड़ सुबह से लग जाती है। उमसभरी गर्मी में लाइन में खड़े मरीज व परिजन काफी परेशान हो जाते हैं। जिससे मरीजों द्वारा हंगामा भी किया जाता है। इसके साथ ही ओपीडी के एक ही गैलरी वाले कई बिमारियों के डाक्टर केबिन रहने से सुबह होते ही ओपीडी गैलरी से लेकर बैठक वाले क्षेत्र पूरी तरह भर जाता है। जिससे मरीजों और परिजनों को काफी परेशानी होती है। डिहाइड्रेशन के लक्षण : तेज सिरदर्द होना। त्वचा सूखी होना। ज्यादा देर तक पेशाब न आना। पेशाब पीले रंग का आना, चक्कर आना, घबराहट महसूस होना। मुंह सूखना, सुस्ती और थकान होना। कमजोरी महसूस होना। बचाव : धूप से बचाव के लिए सिर पर कैप या कपड़ा रखें। पानी और तरल पदार्थों का सेवन ज्यादा करें। मौसमी फल तरबूज, खरबूजा, ककड़ी आदि का सेवन करें। काम करते समय पानी की बोतल साथ रखें। दही और लस्सी का सेवन करें। पानी में नमक डालकर पीएं। डायरिया होने पर बच्चों को ओआरएस का घोल पिलाएं। कहते सदर अस्पताल चिकित्सक : गर्मी को लेकर डायरिया मरीज की संख्या बढ़ी है। गर्मी के मौसम में डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी होने की संभावना ज्यादा रहती है। लोगों को गर्मी से अधिकाधिक परहेज बरतने की जरूरत है। डा अखिलेश प्रसाद, वरीय चिकित्सक, सदर अस्पताल कहते निजी क्लिनिक चिकित्सक : अभी के मौसम में लोगों को गर्मी से बचने की जरूरत है। समय समय पर पानी और ठंडा पेय पदार्थ का सेवन तथा पाचन योग्य खाना चाहिए। ताकि गैस न बने। निजी क्लिनिक में भी गर्मी जनित रोगियों की संख्या काफी बढ़ गई है। डा विनय कुमार सिंह पूर्व चिकित्सा पदाधिकारी।
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