राज्यसभा और विधान परिषद में भी आरक्षित हो एससी-एसटी की सीटें; जीतनराम मांझी की मांग
अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए विधान परिषद और राज्यसभा की सीट आरक्षित हो, जिसमें मतदाता भी सिर्फ इसी वर्ग के हों। ये मांग हम के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने उठाई।

हम के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए विधान परिषद और राज्यसभा की सीट आरक्षित हो, जिसमें मतदाता भी सिर्फ इसी वर्ग के हों। सोमवार को वे तारामंडल सभागार में हम की ओर से आयोजित डॉ. भीम राव आंबेडकर जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने 60 साल से अधिक के शासन में दलितों की शिक्षा के लिए काम नहीं किया। देश की सारक्षता दर लगभग 80 प्रतिशत है,जबकि अनुसूचित जाति के लोगों की साक्षरता लगभग 30 फीसदी ही है।
उन्होने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बाबा साहेब आंबेडकर को सम्मान नहीं दिया। 1990 में बीपी सिंह की सरकार बनने के बाद उन्हें भारत रत्न मिला। उन्होंने कहा कि दलित समाज के लोगों को जाति भेद भूलकर अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा देना चाहिए। हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने समारोह में दलित सेवा दल (डीएसडी) बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का सामाजिक संगठन होगा, जिसके माध्यम से गरीबों को सहायता देने का प्रयास होगा।
मांझी ने कहा कि कांग्रेस और राजद को आंबेडकर जयंती मनाने का हक नहीं है। कांग्रेस और राजद के नेता बाबा साहब के विचारों के विपरीत कार्य करते हैं। विपक्षी नेता कहते हैं कि संविधान खतरे में हैं। सच्चाई यह है कि संविधान को कोई खतरे में डाल ही नहीं सकता। समारोह को हम के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार, विधायक प्रफुल्ल मांझी, राष्ट्रीय प्रवक्ता श्यामसुंदर शरण, राजेश पांडेय, नंदलाल मांझी, राजेश्वर मांझी और कमाल परवेज ने भी संबोधित किया। संचालन शंकर मांझी ने किया।