Nitish Kumar s Your City Your Voice Initiative Fails to Engage Public Lacks Seriousness from Officials आपका शहर, आपकी बात कार्यक्रम हो रहा विफल, Sitamarhi Hindi News - Hindustan
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आपका शहर, आपकी बात कार्यक्रम हो रहा विफल

सीतामढ़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजना 'आपका शहर, आपकी बात' पूरी तरह विफल होती नजर आ रही है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि अधिकारी केवल हस्ताक्षर करने आते हैं और किसी भी समस्या को गंभीरता से...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीSat, 31 May 2025 06:14 PM
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आपका शहर, आपकी बात कार्यक्रम हो रहा विफल

सीतामढ़ी। राज्य सरकार की बहुप्रचारित योजना आपका शहर, आपकी बात अपने उद्देश्य से पूरी तरह भटकती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरु की गई इस योजना का मकसद था कि आम जनता की समस्याओं और सुझावों को सीधे स्थानीय प्रशासन तक पहुंचाया जाए, ताकि शहरी विकास की योजनाएं लोगों की जरूरतों के अनुरूप बन सकें। लेकिन हकीकत में यह कार्यक्रम सिर्फ एक औपचारिकता बनकर रह गया है। कार्यक्रम के संचालन में अधिकारियों की गंभीर लापरवाही सामने आ रही है। न केवल प्रतिनियुक्त अधिकारी कार्यक्रम में नियमित रुप से अनुपस्थित रहते हैं, बल्कि अब नगर निगम के अधिकारी भी इस कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।

नतीजतन, यह योजना अपना मूल उद्देश्य पूरा नहीं कर पा रही है। केवल हस्ताक्षर कराने व खानापूर्ति कर चले जा रहे निगम कर्मी: स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया है कि कार्यक्रम में अधिकारी केवल हस्ताक्षर कराने आते हैं और खानापूर्ति करके चले जाते हैं। वार्ड 33 एवं 34 के लोगों ने बताया कि उन्हें अपने सुझाव और शिकायतें दर्ज कराने का अवसर नहीं मिल पा रहा। यहां तक कि कुछ स्थानों पर तो लोगों को कार्यक्रम की जानकारी तक नहीं दी गई। 34 के पार्षद पूजा कुमारी ने बतायी उनके वार्ड में बीते 24 मई 2025 को ही निगम कार्यालय में निर्धारित था। लेकिन निगम से उन्हें जानकारी 24 मई को दी गयी। सीधे 12 बजे दिन में निगम कर्मी आकर कार्यक्रम में चलने का आग्रह कर रहे हैं। लेकिन वहां पहुंचने पर न कोई लोग था न ही कोई प्रतिनियुक्त अधिकारी मौजूद थे। लोगों का यह भी कहना है कि कार्यक्रम का क्रियान्वयन सिर्फ नगर निगम की वेबसाइट तक ही सीमित रह गया है, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठता है कि क्या यह योजना जनता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए है या सिर्फ एक दिखावटी प्रयास? विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की योजनाएं तभी सफल हो सकती हैं जब उन्हें ईमानदारी से लागू किया जाए और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए। यदि जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह योजना जनता के बीच सरकार की साख को और कमजोर कर सकती है।

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