नदी के तटबंध पर कटाव निरोधक कार्य में जुटा बाढ़ नियंत्रण विभाग
सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। विश्वास पूरा है विश्वास हम होगे कामयाब एक दिन उक्त बाते को चरितार्थ प्रखंड के लौवान गांव के शेख मुहम्मद कलीमुद्दीन उर्फ बिकाऊ की भागिनी शगुफ्ता नाज ने एक बार फिर 18 वा...

सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले में मानसून आने पर अत्याधिक बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति आने के पूर्व विभिन्न तटबंधों को मरम्मत करने की तैयारी में बाढ़ नियंत्रण विभाग जुट गया है। इसको लेकर बालू का स्टॉक, बालू से भरी बोरी सहित अन्य जरूरी सामग्रियों की व्यवस्था करने का कार्य शुरू हो गया है। गौर करने वाली बात है कि 68 किमी लंबे गोगरा तटबंध में विभिन्न जगहों पर चिह्नित रेनकट, रैट होल, फाक्स होल सहित अन्य जानवरों द्वारा बनाया गया होल का मरम्मत शुरू कर दिया गया है। साथ ही अन्य सारी तैयारियां की जा रही है। हर साल जिले में मानसून 15 जून के आसपास आता है।
ऐसे में समय से पूर्व तैयारी कर बाढ़ जैसी हालात होने पर वैसी स्थितियों से निपटने का इंतजाम भी विभाग कर रहा है। बताते चलें कि जिले के सरयू नदी के गुठनी, दरौली, रघुनाथपुर, सिसवन तक सात नंबर गोगरा तटबंध पर अत्याधिक बारिश होने पर दबाव बढ़ने लगता है। वहीं बाढ़ जैसी हालात आने पर तटबंधों का काटव शुरू हो जाता है। इससे तटबंध के आसपास के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा लकड़ी नबीगंज प्रखंड के कुछ हिस्सों में गंडक नदी में बाढ़ आने के चलते गांवों में पानी प्रवेश कर जाता है। इसको लेकर वहां कटाव निरोधी कार्य की तैयारी चल रही है। सरयू नदी के किनारे वाले गांवों के लोग को होती परेशानी जिले में अत्यधिक बारिश पर बाढ़ जैसी हालात से गोगरा तटबंध के किनारे स्थित सिसवन प्रखंड के सिसवन गांव से लेकर गुठनी तक करीब 68 किमी तटबंध पर दबाव बढ़ने लगता है। इससे सिसवन के साईपुर, ग्यासपुर, गंगपुर सिसवन, दरौली के केटवलिया, अमरपुर, करमाहा, गुठनी के सोनहुला, तीरबलुआ सहित अन्य गांवों के सामने वाले तटबंधों पर दबाव बढ़ने से कई जगहों पर कटाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे में यहां के लोगों की मुसीबत काफी बढ़ जाती है। बाढ़ से बचाव के लिए सरयू नदी के गोगरा तटबंध पर के चिह्नित जगहों पर बाढ़ कटाव निरोधक कार्य बाढ़ नियंत्रण विभाग के जेई की देखरेख में चल रहा है। सरयू नदी से सटे इलाकों में बाढ़ के पानी से फसल हो जाती बर्बाद सरयू नदी के किनारे वाले जिले के गुठनी, दरौली, रघुनाथपुर, सिसवन आदि प्रखंडों के विभिन्न गांवों के किसानों की खरीफ सीजन की फसल बाढ़ आने पर डूब जाती है। इससे किसानों को काफी क्षति होती है। ऐसे में तटवर्ती इलाके के किसानों को काफी नुकसान होता है। इन क्षेत्र के लोगों को अत्याधिक बारिश और नदी में पानी बढ़ने से चिंता सताने लगती है। स्थानीय लागों ने बताया कि तटबंध पर भले ही बाढ़ नियंत्रण विभाग हर साल रेनकट, रैट होल, फॉक्स होल का मरम्मत कार्य करता है। बावजूद इसके कहीं न कहीं तटबंध से रिसाव व टूटने की स्थिति बन ही जाती है। क्या कहते हैं अधिकारी विगत वर्ष मानसून के बारिश के दौरान सरयू नदी में जल स्तर बढ़ जाने से कई स्थानों पर कटाव हुए थे। इस वर्ष ऐसी समस्या उत्पन्न न हो सके। इसके लिए विभाग ने कार्य योजना तैयार इन जगहों की मरम्मत कार्य में जुट गया है। साथ ही गोगरा तटबंध के विभिन्न जगहों पर बालू का स्टॉक, बोरी में पैकिंग के साथ जेई की देखरेख में रेनकट, रैट होल, फॉक्स होल का मरम्मत का कार्य भी चल रहा है। इसे जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा। - मदन चंद्र चौधरी कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, सीवान
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