MDM में क्यों निकलते हैं कीड़े-छिपकली और सांप? 38 लापरवाह अफसरों पर गिरी गाज, वेतन भी कटा
एमडीएम के लिए अलग से अधिकारी तैनात किए गये हैं लेकिन ये ठीक से काम नहीं करते। स्कूलों में मध्याह्न भोजन की जांच नहीं करने पर राज्य के 38 जिलों के प्रखंड साधन सेवी (बीआरपी) पर कार्रवाई की गयी है।

बिहार में सरकारी स्कूलों के एमडीएम यानि बच्चों के खाना में कीड़ा, छिपकली, सांप या अन्य जीव का पाया जाना आम हो गया है। अबतक बड़ी संख्या में बच्चों की स्कूल में खाना खाने के बाद मौत हो चुकी है। सैंकड़ों की संख्या में बच्चे बीमार हो चुके हैं। पिछले दिनों खिचड़ी में सांप के बाद छिपकली मिलने की घटना के बाद यह सवाल उठने लगा है कि आखिर एमडीएम में ये सब क्यों मिल जाते हैं जो आम आदमी के दैनिक खानपान में नहीं मिलते।
इसका उत्तर है अधिकारियों की लापरवाही। एमडीएम के लिए अलग से अधिकारी तैनात किए गये हैं लेकिन ये ठीक से काम नहीं करते। स्कूलों में मध्याह्न भोजन की जांच नहीं करने पर राज्य के 38 जिलों के प्रखंड साधन सेवी (बीआरपी) पर कार्रवाई की गयी है। बीआरपी पर आरोप है कि उन्होंने एक भी विद्यालय का टैब बेस्ड निरीक्षण नहीं किया। वहीं 26 जिलों के बीआरपी ने आधा अधूरा निरीक्षण किया।
20 फीसदी वेतन कटौती
मध्याह्न भोजन निदेशालय ने 13 जिलों के बीआरपी के वेतन में 20 फीसदी की कटौती की है तो 26 जिलों के बीआरपी को टैब के रखरखाव और मरम्मत मद में दिये जाने वाले एक हजार रुपये की कटौती की है। साथ में सभी को चेतावनी दी गयी है कि जांच के निर्धारित बिंदुओं का ससमय पालन करें। निदेशालय की मानें तो सभी बीआरपी से पहले स्पष्टीकरण मांगा गया था। मध्याह्न भोजन की जांच के लिए सभी बीआरपी को टैब बेस्ड निरीक्षण करना है। इसमें स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों को सही से खाना मिल रहा है या नहीं, खाने की गुणवत्ता का ख्याल रखा जा रहा है या नहीं, सभी बच्चों को सही से खाना परोसा जा रहा है या नहीं, इन तमाम जानकारी हर दिन निरीक्षण करने के बाद उसे टैब पर दिये गये लिंक में अपलोड करना है।
क्या कहते हैं अधिकारी?
मध्याह्न भोजन योजना की जांच नहीं करने पर निदेशालय सख्त है। सभी बीआरपी को 30 स्कूल या कुल स्कूल का 20 फीसदी निरीक्षण करना था। लेकिन प्रखंड साधन सेवी ने लापरवाही बरती है। -सतीश चंद्र झा, निदेशक, पीएम पोषण योजना बिहार
गुरुजी के पढ़ाने की निगरानी होगी
अब स्कूलों में गुरुजी के पढ़ाने के तरी़के की भी मॉनिटरिंग होगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने शनिवार को अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिया। वे विभाग के अधिकारियों के साथ प्राथमिक और माध्यमिक निदेशालय की समीक्षा कर रहे थे। इस क्रम में उन्होंने निदेशालय का प्रजेंटेशन भी देखा। स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति और बच्चों की गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई हर हाल में सुनिश्चित करना होगा। अपर मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कई निर्देश दिए। इसके तहत गर्मी छुट्टी के बाद स्कूलों का नियमित निरीक्षण होगा।