हत्या से पहले सुरभि को बेरहमी से पीटा था; खराब मिले CCTV कैमरे, पटना का कोल्ड ब्लडेड मर्डर
पटना के सुरभि राज हत्याकांड में बड़ा खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि कातिल ने उनकी बेरहमी से मारपीट की थी। उसके बाद साइलेंसर लगी पिस्टल से गोलियां मारी थी। हत्या के तार उनके करीबियों से जुड़ते दिख रहे हैं।

पटना के अगमकुआं में अस्पताल संचालिका सुरभि राज की हत्या से पहले कातिल ने उनकी बेरहमी से मारपीट की थी। सुरभि के मृत शरीर पर चोट के निशान भी मिले हैं। पिटाई के बाद उन्हें गोलियां दागी गईं। पिस्टल में साइलेंसर का इस्तेमाल किया गया। अस्पताल संचालिका की हत्या के तार उनके करीबियों से जुड़ने के संकेत मिल रहे हैं। मौका-ए-वारदात की तस्वीर यह बताती है कि यह एक ‘कोल्ड ब्लडेड मर्डर’ है।
आशंका है कि कातिल ने वारदात से पहले से ही सब कुछ तय कर रखा था। जिस दफ्तर में हत्या हुई, उसके आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरे खराब मिले। लिहाजा जांच करने गई पुलिस को यह पता नहीं चल सका कि वारदात से पहले वहां कौन गया था। कातिल ने बेहद शातिराना अंदाज में सभी सबूत को हटा दिया। जिस कमरे में सुरभि को मौत के घाट उतारा गया वहां से सारे खून और अन्य साक्ष्य धो डाले गये। तफ्तीश में पता चला है कि सफाई का काम अस्पताल के कर्मी ने ही किया।
सोमवार को पटनासिटी के एएसपी 1 अतुलेश झा ने अस्पताल के एक दर्जन कर्मियों से अगमकुआं थाने पर पूछताछ की। सूत्रों की मानें तो सुरभि के परिजनों से भी पूछताछ की गई है। पुलिस ने सुरभि के अस्पताल में काम करने वाली एक महिला कर्मी को हिरासत में लिया है। उसकी गतिविधियां संदेहास्पद प्रतीत हो रही हैं। हजम नहीं हो रहा अस्पताल के कर्मियों का बयान: पुलिस टीम ने अस्पताल के कर्मियों से पूछताछ की। पहली बार हुई पूछताछ में सभी ने बताया कि उन्होंने गोलियों की आवाज नहीं सुनी। आखिरी बार एक बजकर 20 मिनट पर सुरभि को अस्पताल में देखा गया था। उसके बाद उन्हीं के कमरे से सटे चैंबर में मीटिंग चल रही थी।
पिता ने अस्पताल के कर्मियों पर जताया संदेह
सुरभि के पिता राजेश सिन्हा के बयान पर पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने हत्या की साजिश में अस्पताल के कर्मियों के शामिल होने का संदेह जताया है। सुरभि के पिता ने पुलिस को दिए बयान में कहा कि उनके दामाद राकेश रौशन ने शनिवार दोपहर कॉल कर बेटी के गिरने और बेहोश होने की सूचना दी थी। सूचना पर वे अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि बेटी की गोली मार हत्या कर दी गई है। उधर रविवार को पोस्टमार्टम के बाद गुलबी घाट पर शव का दाह संस्कार करा दिया गया।
इन सवालों का जवाब तलाश रही पुलिस
ऐसा कैसे हो सकता है कि सुरभि के कमरे के बगल में ही बैठक चल रही हो और वारदात से वहां के कर्मी अनभिज्ञ रहे? सुरभि के कमरे में जाने का रास्ता भी एक ही है, इसके बावजूद कौन व्यक्ति वहां घुसा इसका पता किसी को नहीं चल सका।
कमरे में गिरे खून और साक्ष्य को किसने और क्यों साफ करवाया? घटना की जानकारी अस्पताल के कर्मियों को ढाई बजे हुई और पुलिस को लगभग चार बजे सूचना दी गई। इतनी देर क्यों ?
छह गोलियां लगने के बाद काफी खून गिरा होगा। अस्पताल के कर्मियों से जब पुलिस ने पूछा कि खून को क्यों धोया गया तो उनका जवाब हैरान कर देने वाला था। कर्मियों व अन्य लोगों का कहना था कि उन्हें लगा कि सुरभि गिर गई हैं, जिससे उन्हें इतनी चोट लगी है।
गोली लगने का आभास अस्पताल में मौजूद किसी शख्स को नहीं हुआ। संभव है कि 6 गोलियां लगने से गिरी सुरभि को देखने के बाद ऐसा लगे कि महज जमीन पर गिरने के कारण उन्हें इतनी चोट आई है?