बेगूसराय में एक ही परिवार के 3 लोगों की संदेहास्पद मौत से सनसनी, पुलिस पर गंभीर आरोप
- ग्रामीणों ने बताया कि घटना के एक दिन बाद 29 मार्च की शाम बछवाड़ा थाने की पुलिस मजोसडीह गांव पहुंचकर बालमुकुंद सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए थाने पर ले गई थी। पुलिस कस्टडी में उनकी मौत हो गई।

बिहार के बेगूसराय में तीन दिनों में एक ही परिवार के तीन लोगों की संदेहास्पत मौत से सनसनी फैल गयी है। इस मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। मजोसडीह गांव में रविवार की रात एक अधेड़ की संदेहास्पद मौत हो गई। मृतक की पहचान मजोसडीह निवासी रामलगन सिंह के करीब 50 वर्षीय पुत्र बालमुकुंद सिंह के रूप में हुई है।
ग्रामीण दीपक कुमार सिंह, अरुण सिंह आदि ने बताया कि विगत दो दिन पूर्व राम लगन सिंह के घर में आपसी विवाद को लेकर स्वर्गीय राजेश कुमार सिंह की 22 वर्षीया पुत्री काजल कुमारी एवं बालमुकुंद सिंह की पत्नी शीलू देवी (35 वर्ष) के बीच हुई विवाद के बाद दोनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में पुलिस ने बाल मुकुंद सिंह को हिरासत में थाना ले गई थी।
घटना के बाद सामाजिक रूप से दोनों शवों का दाह- संस्कार कर दिया गया था। ग्रामीणों ने बताया कि घटना के एक दिन बाद 29 मार्च की शाम बछवाड़ा थाने की पुलिस मजोसडीह गांव पहुंचकर बालमुकुंद सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए थाने पर ले गई थी। पुलिस हिरासत में ले जाने के दौरान बालमुकुंद सिंह काफी स्वस्थ थे किंतु कुछ देर बाद ही ग्रामीणों को सूचना मिली कि बालमुकुंद सिंह की तबीयत खराब है। उन्हें उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बछवाड़ा में भर्ती कराया गया, जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर उपचार के लिए बेगूसराय रेफर कर दिया गया। बेगूसराय ले जाने के दौरान उनकी मौत हो गई।
ग्रामीणों ने बछवाड़ा थाने पर पुलिस की पिटाई से बालमुकुंद की मौत होने का आरोप लगाया है। समाचार प्रेषण तक बालमुकुंद सिंह का शव उनके मजोसडीह स्थित गांव में पैतृक आवास के बाहर रखा गया था। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस शव के पोस्टमार्टम में रुचि नहीं ले रही है।
ग्रामीणों ने बछवाड़ा थाने पर पुलिस की पिटाई से बालमुकुंद की मौत होने का आरोप लगाया है। समाचार प्रेषण तक बालमुकुंद सिंह का शव उनके मजोसडीह स्थित गांव में पैतृक आवास के बाहर रखा गया था। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस शव के पोस्टमार्टम में रुचि नहीं ले रही है।
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इधर, घटना के संबंध में तेघड़ा डीएसपी डा रविंद्र मोहन प्रसाद ने बताया कि ग्रामीणों का सारा आरोप गलत व मनगढ़ंत है। उनकी मौत हार्ट अटैक से होने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि पोस्मार्टम से बचने के ग्रामीणों के आरोप का जवाब पुलिस नहीं दे रही है।