वीटीआर में टाइगर वॉर, हमले में एक बाघ की मौत; दूसरा कहां गया- तलाश में जुटा वन विभाग
गश्ती के दौरान वनकर्मियों की टीम को बाघ का शव दिखा। टीम ने तत्काल इसी सूचना वरीय अधिकारियों को दी। दूसरे बाघ की तलाश की जा रही है।

बिहार के बेतिया स्थित वाल्मीकि टाइगर प्रोजेक्ट (वीटीआर) में मंगुराहा वनक्षेत्र के भिखनाठोरी के पास आपसी भिड़ंत में बाघ की मौत हो गई है। गुरुवार को गश्ती के दौरान उसका शव मिला। वीटीआर के निदेशक सह वन संरक्षक नेशामनी के ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर दो बाघों के पगमार्क मिले हैं। इनमें से एक बाघ का पगर्माक थोड़ा बड़ा है। मृत बाघ के शरीर पर कई जगह गंभीर जख्म के निशान मिले हैं। गर्दन पर भी गहरा जख्म है। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा। दूसरे बाघ की तलाश की जा रही है ताकि उसका भी इलाज किया जा सके।
वीटीआर सूत्रों के अनुसार, गुरुवार को गश्ती के दौरान वनकर्मियों की टीम को बाघ का शव दिखा। टीम ने तत्काल इसी सूचना वरीय अधिकारियों को दी। डीएफओ पीयूष वर्णवाल के नेतृत्व में वेटरिनरी डॉक्टर समेत अधिकारियों की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच की। वहां से बाघ का शव मंगुराहा वन कार्यालय लाया गया है। बाघ की धारियों से उसकी पहचान की जा रही है। टाइगर की आपसी लड़ाई के कारणों की तलाश की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।
सूत्रों के अनुसार भिड़ंत में घायल दूसरे बाघ की तलाश में टीम जुट गई है ताकि समय रहते उसका इलाज कराया जा सके। बता दें कि बीते 22 मई को वाल्मीकिनगर वनक्षेत्र के हरनाटांड़ के नौरंगिया दोन में आपसी भिड़ंत में बाघिन की मौत हो गई थी। वह चार वर्ष की थी। उसके शरीर पर भी गहरे जख्म के निशान मिले थे। ताजा घटना की जानकारी मिलने के बाद वीटीआर के आस पास के इलाके में लोग सतर्क हो गए हैं। पहले भी बाघ कई लोगों और उनके जानवरों को मार चुका है। इस वजह से आस पास के लोग डरे हुए हैं। वन विभाग भी अलर्ट मोड में है।