बिहार चुनाव लड़कर क्या बनेंगे चिराग पासवान? अरुण भारती के बयान से अटकलें शुरू
लोजपा-रामविलास के सांसद अरुण भारती के बयान, ‘बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर चिराग पासवान इसी साल बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं’, पर अटकलों का दौर शुरू हो गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का समय जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक गलियारे में सरगर्मियां शुरू हो गई हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान भी इस साल बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ सकते हैं। उनके जीजा अरुण भारती ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि चिराग को बिहार में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिलने पर बात होती है, तो वह इस साल विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। वैसे तो चिराग का प्लान है कि वह 2030 के इलेक्शन के समय ही केंद्र की राजनीति छोड़कर बिहार लौटेंगे। लोजपा-आर के नेता और कार्यकर्ता उन्हें 2030 का सीएम कैंडिडेट भी बता रहे हैं। मगर, अरुण भारती के बयान से सवाल उठ रहे हैं कि चिराग इसी साल बिहार लौटते हैं, तो क्या बनेंगे। केंद्रीय मंत्री का पद छोड़कर बिहार में वे क्या बनेंगे?
लोजपा-रामविलास के जमुई से सांसद अरुण भारती ने सोमवार को कहा कि चिराग पासवान 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक चाहते हैं कि चिराग बिहार में बड़ी जिम्मेदारी संभालें। इस पर एनडीए में सहयोगी दलों के बीच चर्चा की जाएगी। इसके बाद पार्टी फैसला लेगी। वो बड़ी जिम्मेदारी क्या होगी, इस पर भारती ने कुछ स्पष्ट नहीं कहा।
बीते रविवार को एलजेपी-आर की युवा विंग की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक हुई। इसमें पदाधिकारियों ने चिराग पासवान को मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लिया। साथ ही उन्हें 2025 का बिहार चुनाव लड़ने का न्योता भी दिया।
चिराग बोल चुके हैं- मेरा फोकस बिहार है
वैसे तो चिराग पासवान पहले ही कह चुके हैं कि उनका केंद्र से ज्यादा बिहार की राजनीति पर फोकस है। वह फिलहाल केंद्र में ही रहेंगे और 2030 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बिहार लौटेंगे। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता चिराग को 2030 का सीएम फेस के रूप में भी प्रचारित कर रही है। ऐसे में उनके इस साल होने वाले बिहार चुनाव में लड़ने की संभावना बहुत कम ही नजर आ रही है।
हालांकि, अरुण भारती के हालिया बयान ने अटकलों को जोर दे दिया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि चिराग पासवान अपने समर्थकों और सहयोगी दलों का मन टटोल रहे हैं। बिहार में आगामी अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा का चुनाव होना है। एनडीए में अब सीट शेयरिंग पर चर्चाओं का दौर भी शुरू होने वाला है।
बताया जा रहा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में 5 में से 5 सीटें जीतने वाली लोजपा-रामविलास आगामी बिहार इलेक्शन में 40 विधानसभा सीटों पर लड़ने का मन बना रही है। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सामने सीट शेयरिंग चुनौती से कम नहीं होगा। अंदरखाने चर्चा है कि बीजेपी और जेडीयू चिराग की पार्टी को 25 से 30 सीटों पर मनाने की तैयारी में है।
दरअसल, बिहार में 243 विधानसभा सीटें हैं, बीजेपी और जेडीयू कम से कम 100-100 सीटें खुद लड़ना चाहती हैं। ऐसे में अन्य सहयोगियों को बाकी की 43 सीटों में ही मैनेज करना होगा। इनमें चिराग की लोजपा-रामविलास के अलावा जीतनराम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम शामिल है।
चिराग के 2030 के बजाय इसी साल विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावनाओं को सीट शेयरिंग से जोड़कर देखा जा रहा है। लोजपा-रामविलास इसके जरिए बीजेपी और जेडीयू पर थोड़ा दबाव बना सकती है। इससे चिराग की पार्टी को सीटों के लेनदेन में कुछ फायदा हो सकता है।