शिक्षा और जनसेवा के लिए समर्पित है कुमार ज्ञानेश का जीवन
बिहार में नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में आज यदि कोई नाम अग्रणी पंक्ति में शामिल है तो वह है नाम है कुमार ज्ञानेश जी का। कुमार ज्ञानेश की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह यह भी दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने प्रयासों से पूरे राज्य के हेल्थकेयर सिस्टम में सुधार की नींव रख सकता है।

बिहार में नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में आज यदि कोई नाम अग्रणी पंक्ति में शामिल है तो वह है नाम है कुमार ज्ञानेश जी का। कुमार ज्ञानेश की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह यह भी दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने प्रयासों से पूरे राज्य के हेल्थकेयर सिस्टम में सुधार की नींव रख सकता है। एक ऐसे शख्सियत जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत दिल्ली जैसे बड़े शहर से की, पर अपने राज्य और समाज के लिए कुछ कर गुजरने की भावना ने उन्हें वापस अपने जड़ों की ओर खींच लाया। आज वे पिछले 10 वर्षों से नर्सिंग शिक्षा को समर्पित होकर काम कर रहे हैं और इस क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। कुमार ज्ञानेश की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह यह भी दिखाती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने प्रयासों से पूरे राज्य के हेल्थकेयर सिस्टम में सुधार की नींव रख सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान आने वाले समय में और अधिक महत्वपूर्ण साबित होगा।
शिक्षा और करियर की दिशा
कुमार ज्ञानेश ने बीबीए और एमबीए की पढ़ाई नई दिल्ली से की। इसके बाद उन्होंने दरभंगा से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। एक तरफ प्रबंधन की समझ, दूसरी तरफ विधिक ज्ञान इन दोनों को साथ लेकर उन्होंने जब करियर की योजना बनाई तो उनके मन में अपने समाज के लिए कुछ योगदान देने की भावना सर्वोपरि थी।
10 साल पहने उन्होंने अपने पहले कॉलेज की स्थापना की। शुरुआत नर्सिंग कॉलेज से की गई। उस समय बिहार में नर्सिंग कॉलेजों की संख्या बहुत सीमित थी। उन्होंने देखा कि सरकारी अस्पतालों में भी बिहार से बाहर की नर्सें कार्यरत हैं, तब उन्होंने यह ठान लिया कि अब इस कमी को दूर करना है और अपने ही राज्य में गुणवत्ता पूर्ण नर्सिंग शिक्षा की व्यवस्था करनी है।

नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी : प्रियदर्शिनी नर्सिंग इंस्टिट्यूट
आज उनका कॉलेज प्रियदर्शिनी नर्सिंग इंस्टिट्यूट चार प्रमुख कोर्स कराता है:
1. ए.एन.एम (Auxiliary Nurse Midwifery)
o यह कोर्स किसी भी शैक्षणिक पृष्ठभूमि के छात्र कर सकते हैं।
o यह प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा से संबंधित होता है।
o इसकी आवश्यकता ग्राम स्तर पर अधिक होती है।
2. जी.एन.एम (General Nursing and Midwifery)
o इसमें अंग्रेजी की जानकारी जरूरी होती है।
o कोर्स की अवधि तीन वर्ष होती है।
o यह जिला स्तर पर सेवाएं देने के लिए तैयार करता है।
3. बीएससी नर्सिंग (B.Sc. Nursing)
o इसमें प्रवेश के लिए 45% अंकों के साथ 12वीं (साइंस स्ट्रीम) जरूरी होती है।
o यह कोर्स छात्रों को पेशेवर नर्सिंग सेवाओं के लिए तैयार करता है।
4. पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग
o यह उनके लिए है जिन्होंने पहले से जीएनएम कोर्स किया हुआ हो।
o यह उनके करियर में उच्च स्तर की विशेषज्ञता जोड़ता है।
प्रियदर्शिनी नर्सिंग इंस्टिट्यूट की विशेषताएं
कुमार ज्ञानेश द्वारा स्थापित यह संस्थान अन्य संस्थानों से कई मायनों में अलग है। सबसे प्रमुख बात यह कि यह शहर के शोर-शराबे से दूर एक शांत वातावरण में स्थित है, जहां शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल मिलता है। यह कॉलेज 6 एकड़ के भव्य परिसर में फैला हुआ है।
यहां बिहार के बाहर से भी प्रशिक्षित शिक्षक पढ़ाने आते हैं, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलती है। इसके अलावा दरभंगा मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण और नौकरी के अवसर भी मिलते हैं। कुमार ज्ञानेश का यह भी दावा है कि उनके यहां से पढ़े छात्र बिहार के लगभग हर सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं।
हर कोर्स के लिए 100 सीटें उपलब्ध हैं और सलेक्शन प्रोसेस का 50% हिस्सा राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के माध्यम से, जबकि बाकी 50% सीटें कॉलेज के अपने टेस्ट के जरिए भरी जाती हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शी और योग्यता-आधारित है।
कॉलेज में उपलब्ध सुविधाएं...
• अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब,
• समृद्ध लाइब्रेरी,
• बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर,
• और हाई-क्वालिटी फैकल्टी उपलब्ध हैं।

भविष्य की योजनाएं
कुमार ज्ञानेश सिर्फ नर्सिंग शिक्षा तक सीमित नहीं रहना चाहते। उनकी दूरदर्शिता और समर्पण का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वे अब इस कॉलेज को एमएससी नर्सिंग में भी मान्यता दिलाने की दिशा में प्रयासरत हैं। इसके साथ ही एक आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज की स्थापना की योजना है। जबकि संस्थान द्वारा पैरा मेडिकल और फार्मेसी कोर्सेज भी जल्द ही शुरू किए जाने की उम्मीद है। इन योजनाओं से यह साफ जाहिर होता है कि वे बिहार को हेल्थकेयर एजुकेशन का हब बनाना चाहते हैं।
सेवा का संदेश
कुमार ज्ञानेश मानते हैं कि नर्सिंग केवल एक प्रोफेशन नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है। उनके अनुसार, "एक डॉक्टर मरीज का ऑपरेशन कर देता है और कुछ ही समय उसके साथ बिताता है, लेकिन एक नर्स उस मरीज के साथ सप्ताह भर या उससे भी अधिक समय तक रहती है और उसकी सेवा करती है।" वे युवाओं से अपील करते हैं कि वे इस पेशे को छोटा न समझें। सेवा की भावना से कार्य करें, क्योंकि समाज को आपकी जरूरत है। नर्सिंग सेक्टर वह क्षेत्र है जहां इंसानियत सबसे पहले होती है।
पता : प्रियदर्शिनी नर्सिंग इंस्टिट्यूट, दरभंगा
( अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति / संस्थान की है)
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