पस्त बाजार में लगातार टूट रहा मुकेश अंबानी की कंपनी का यह शेयर, ₹13 पर आया भाव
- मुकेश अंबानी की कंपनी हैथवे केबल एंड डाटाकॉम लिमिटेड के शेयर लगातार चर्चा में हैं। इस साल कंपनी के शेयर में काफी सुस्त नजर आ रहे हैं। हैथवे केबल एंड डाटाकॉम लिमिटेड के शेयर इस साल अब तक कंपनी के शेयर 20% तक गिर गए हैं।

Hathway Cable and Datacom Limited Share: मुकेश अंबानी की कंपनी हैथवे केबल एंड डाटाकॉम लिमिटेड के शेयर लगातार चर्चा में हैं। इस साल कंपनी के शेयर में काफी सुस्त नजर आ रहे हैं। हैथवे केबल एंड डाटाकॉम लिमिटेड के शेयर इस साल अब तक कंपनी के शेयर 20% तक गिर गए हैं। छह महीने में कंपनी के शेयर 40% तक गिर गए हैं। कंपनी के शेयर बीते गुरुवार को 2% तक गिरकर 13.22 रुपये पर बंद हुए थे। बता दें कि हैथवे केबल एंड डेटाकॉम को वित्त वर्ष 2020 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने टेकओवर कर लिया था। केबल टेलीविजन डिस्ट्रिब्यूटर कंपनी ने 19.8 बिलियन रुपये का कर्ज खत्म कर दिया, पांच साल के भीतर पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो गई। बता दें कि स्थानीय शेयर बाजार में गुरुवार को गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 200 अंक लुढ़क गया था। रियल्टी, आईटी तथा वाहन शेयरों में बिकवाली के कारण सेंसेक्स में लगातार पांचवें दिन गिरावट देखी गई थी।
कंपनी का कारोबार
हैथवे केबल मुख्य रूप से दो सेगमेंट में काम करती है- केबल टेलीविजन (CATV) और ब्रॉडबैंड इंटरनेट। ब्रॉडबैंड कारोबार वर्तमान में रेवेन्यू में 32% का योगदान देता है, यह सबसे बड़ी वृद्धि क्षमता वाला सेगमेंट है। हैथवे ने अपने ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर में भारी निवेश किया है, 73,000 किलोमीटर से अधिक ऑप्टिक फाइबर की तैनाती की है, जिससे यह 1.1 मिलियन (m) ग्राहकों तक पहुंच सकता है। भारत में ब्रॉडबैंड बाजार बढ़ रहा है, जो डिजिटल खपत और घर से काम करने के चलन से प्रेरित है, जिससे हैथवे को अपने मजबूत फाइबर नेटवर्क के कारण प्रतिस्पर्धात्मक लाभ मिल रहा है।
दिसंबर तिमाही के नतीजे
हैथवे केबल एंड डेटाकॉम लिमिटेड ने 31 दिसंबर 2024 को समाप्त तीसरी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं। वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में हैथवे ने 5.1 बिलियन रुपये के समेकित रेवेन्यू की सूचना दी। हालांकि, इसकी प्रॉफिटेबिलिटी में उतार-चढ़ाव देखा गया है, वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 136 मिलियन रुपये रहा। दूरसंचार विभाग (डीओटी) से 32 बिलियन रुपये की कुल मांग नोटिस जैसी चुनौतियों के बावजूद, कंपनी अपने कानूनी रुख पर आश्वस्त है और उसने इस राशि के लिए प्रावधान नहीं किया है।