IAF to get 10000 crore rupees indigenous I STAR spy planes for precision strikes डिफेंस सेक्टर में सरकार की बड़ी तैयारी, IAF को मिलेंगे जासूसी विमान! ₹10000 करोड़ का प्रोजेक्ट, Business Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़IAF to get 10000 crore rupees indigenous I STAR spy planes for precision strikes

डिफेंस सेक्टर में सरकार की बड़ी तैयारी, IAF को मिलेंगे जासूसी विमान! ₹10000 करोड़ का प्रोजेक्ट

रक्षा मंत्रालय तीन अत्याधुनिक जासूसी विमान खरीदने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर विचार करने जा रहा है, ताकि भारतीय वायुसेना को हवा से जमीन पर स्पष्ट तस्वीर मिल सके।

Varsha Pathak एएनआईSun, 8 June 2025 09:55 PM
share Share
Follow Us on
डिफेंस सेक्टर में सरकार की बड़ी तैयारी, IAF को मिलेंगे जासूसी विमान! ₹10000 करोड़ का प्रोजेक्ट

पाकिस्तान के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के बीच रक्षा मंत्रालय तीन अत्याधुनिक जासूसी विमान खरीदने के लिए 10,000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर विचार करने जा रहा है, ताकि भारतीय वायुसेना को हवा से जमीन पर स्पष्ट तस्वीर मिल सके और वह दुश्मन के जमीनी ठिकानों जैसे रडार स्टेशनों, वायु रक्षा इकाइयों और अन्य मोबाइल वस्तुओं पर सटीक हमले कर सके। न्यूज एजेंसी ANI की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का रक्षा मंत्रालय 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना की समीक्षा करने जा रहा है। इस परियोजना का लक्ष्य तीन एडवांस जासूसी विमान हासिल करना है। ये विमान भारतीय वायुसेना की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएंगे। ये हवा से जमीन पर खुफिया जानकारी प्रदान करेंगे। इससे दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला करना संभव होगा। ISTAR प्रणाली को DRDO द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया जाएगा।

क्या है डिटेल

रक्षा अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि खुफिया, निगरानी, ​​लक्ष्य प्राप्ति और रिकॉनिसैंस (आई-स्टार) के लिए 10,000 करोड़ रुपये की परियोजना को जून के चौथे सप्ताह में होने वाली रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में मंजूरी के लिए रखे जाने की उम्मीद है। रक्षा अनुसंधान और विकास द्वारा विकसित की जा रही जासूसी विमान परियोजना में बोइंग और बॉम्बार्डियर सहित विदेशी निर्माताओं से खुली निविदा के माध्यम से तीन विमानों का अधिग्रहण शामिल है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि विमान पर ऑनबोर्ड सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी होंगे, क्योंकि डीआरडीओ के सेंटर फॉर एयरबोर्न सिस्टम्स ने पहले ही उन्हें सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है। ये सिस्टम पहले ही CABS द्वारा प्रूव और डेवलप की जा चुकी हैं और उन्हें केवल उन तीन विमानों के साथ इंटीग्रेट करना होगा जिन्हें इस उद्देश्य के लिए अधिग्रहित और संशोधित किया जाएगा। ISTAR सिस्टम के विकास से भारत भी अमेरिका, ब्रिटेन, इजराइल और कुछ अन्य देशों सहित ऐसी क्षमता वाले चुनिंदा देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा।

ये भी पढ़ें:रातोंरात ₹3 वाले इस शेयर ने निवेशकों को बनाया था करोड़पति, अब ₹2 लाख का नुकसान
ये भी पढ़ें:बिक रही है ₹3 के शेयर वाली यह कंपनी, खरीदने की रेस में अडानी समेत कई दिग्गज

कहां होगा इस्तेमाल

ISTAR सिस्टम को बड़ी स्टैंड-ऑफ रेंज से उच्च ऊंचाई पर संचालित किया जाता है और इसका उपयोग खुफिया प्रोसेसिंग, एक्सप्लोइटेशन, प्रसार और सामान्य परिचालन चित्र के निर्माण के लिए किया जाएगा। ISTAR विमान एक ऐसी प्रणाली होगी जिसमें हवाई और जमीनी खंड शामिल होंगे।

जानें Hindi News, Business News की लेटेस्ट खबरें, शेयर बाजार का लेखा-जोखा Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।