क्रूड के दाम गिरे तो रॉकेट बन गए ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर
- आज कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC) में तेजी आई, जिससे उनके शेयर 5 प्रतिशत तक बढ़ गए।

ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आने के बाद भारत की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयर आज रॉकेट बन गए। आज कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC) में तेजी आई, जिससे उनके शेयर 5 प्रतिशत तक बढ़ गए। इन कंपनियों के शेयर तीन साल में अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई थीं।
बीएसई पर बीपीसीएल 3.2 प्रतिशत चढ़कर 264.20 रुपये, एचपीसीएल 4.8 प्रतिशत बढ़कर 342.30 रुपये और आईओसी 3.7 प्रतिशत बढ़कर 126.75 रुपये पर पहुंच गया। इनके अलावा निफ्टी ऑयल एंड गैस इंडेक्स में शामिल कैस्ट्रॉल इंडिया के शेयर करीब 8 पर्सेंट ऊपर हैं। आईजीएल में 4.12 पर्सेंट की तेजी है। एमजीएल, हिन्दपेट्रो, गुजरात गैस, रिलायंस भी हरे निशान पर है।
क्यों गिरे क्रूड के दाम
ब्रेंट क्रूड के दाम गिरने के पीछे OPEC+ का वह ऐलान है, जिसमें कहा गया है कि उसने उत्पादन कटौती को धीरे-धीरे खत्म करने की योजना बनाई है। तेल उत्पादक देशों के इस गठबंधन का लक्ष्य अगले दो साल में बाजार में रोजाना 2.2 मिलियन बैरल क्रूड वापस लाना है। यह 2022 से हुई 5.9 मिलियन बैरल प्रतिदिन की आपूर्ति कटौती का 38% है।
आज ब्रेंट फ्यूचर्स 39 सेंट यानी 0.56% बढ़कर $69.69 प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड (WTI) फ्यूचर्स 39 सेंट यानी 0.59% बढ़कर $66.70 प्रति बैरल पर पहुंच गया।
चार सत्रों में 6.5% गिरा भाव
ब्रेंट पिछले चार सत्रों में 6.5% गिरकर दिसंबर 2021 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि WTI उसी अवधि में 5.8% गिरकर मई 2023 के बाद से अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया।
गिरते क्रूड कीमतों के बीच बेहतर मार्जिन मिलने की उम्मीद
एमके ग्लोबल ने कहा कि $70 प्रति बैरल पर ब्रेंट OMCs के लिए एक "स्वीट स्पॉट" हो सकता है, जिससे उन्हें ऑटो फ्यूल पर बेहतर मार्जिन मिल सकेगा। इस क्रूड कीमत पर, डीजल और पेट्रोल के लिए सकल मार्केटिंग मार्जिन क्रमशः 8 रुपये और 12 रुपये प्रति लीटर है। एमके का मानना है कि यह एलपीजी बिक्री पर सिलेंडर के लगभग 250 रुपये के नुकसान को कवर करने के लिए काफी है।
पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ने की आशंका
हालांकि रिटेल फ्यूएल की कीमतों में कटौती या एक्साइज ड्यूटी बढ़ने की आशंका है, लेकिन एमके को पेट्रोलियम मंत्रालय और OMCs के अधिकारियों के बयानों के आधार पर सरकारी समर्थन की उम्मीद है, जिसमें 200 अरब रुपये की एलपीजी सब्सिडी भी शामिल हो सकती है।
ब्रेंट क्रूड के 70-75 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर रहने की उम्मीद के साथ, भारत की ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को लगातार मुनाफा हो सकता है, जबकि अपस्ट्रीम उत्पादकों और गैस कंपनियों को नजदीकी समय में मार्जिन दबाव का सामना करना पड़ सकता है।