जेनसोल इंजीनियरिंग के प्रमोटर हिरासत में, फंड डायवर्जन के मामले में कार्रवाई
पिछले सप्ताह सेबी ने जेनसोल के प्रमोटर बंधु- अनमोल और पुनीत जग्गी-को शेयर बाजार में प्रवेश से रोक दिया था और उनकी सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड की फोरेंसिक जांच का आदेश दिया था।

जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड के प्रमोटर पुनीत सिंह जग्गी को हिरासत में ले लिया गया है। यह कार्रवाई कथित वित्तीय कदाचार और फंड के हेर-फेर के आरोपों के बीच विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत की गई है। पिछले सप्ताह भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जेनसोल के प्रमोटर बंधु- अनमोल और पुनीत जग्गी-को शेयर बाजार में प्रवेश से रोक दिया था और उनकी सूचीबद्ध कंपनी जेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड की फोरेंसिक जांच का आदेश दिया था।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के सूत्रों ने बताया कि ईडी ने छापेमारी की और कंपनी के एक प्रमोटर पुनीत सिंह जग्गी को दिल्ली के होटल से हिरासत में लिया। वहीं, दूसरे आरोपी अनमोल जग्गी अभी विदेश में हैं। सूत्र के मुताबिक विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत कंपनी के दिल्ली, गुरुग्राम और अहमदाबाद स्थित परिसरों पर छापे मारे गए।
सेबी के आदेश पर आधारित है कार्रवाई
ईडी की कार्रवाई सेबी के आदेश पर आधारित है, जिसमें दावा किया गया था कि जेनसोल इंजीनियरिंग ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद और ईपीसी अनुबंधों के लिए ‘पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन’ और ‘आईआरडीईए लिमिटेड’ से ऋण प्राप्त किया था। हालांकि, सूत्रों के अनुसार कंपनी ने इन निधियों का उपयोग इच्छित उद्देश्यों के लिए करने के बजाय, प्रवर्तकों या उनके रिश्तेदारों के नाम पर या विभिन्न शेल कंपनियों में परिसंपत्तियां खरीदने में लगाया।
पावर फाइनेंस का कितना बकाया
सार्वजनिक क्षेत्र की पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन ने बताया था वह जेनसोल इंजीनियरिंग से 307 करोड़ रुपये के लंबित बकाये की वसूली को लेकर आगे की कार्रवाई करने और सभी संभावित विकल्प टटोलने में सक्रिय रूप से जुटी है। पीएफसी ने बयान में कहा कि कर्ज अदायगी का बेहतर रिकॉर्ड दिखाने के लिए फर्जी दस्तावेज जारी करने के संबंध में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में कंपनी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गयी है।
बता दें कि पावर फाइनेंस ने जनवरी, 2023 में जेनसोल इंजीनियरिंग को 633 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया था। यह वित्तपोषण 6,000 ईवी की खरीद के लिए दिया गया था। इसके तहत ब्लूस्मार्ट मोबिलिटी की ‘ऑनलाइन’ कार बुकिंग सेवा के लिए पट्टे पर देने के लिए 5,000 इलेक्ट्रिक वाहन खरीद को लेकर 587 करोड़ रुपये और कार्गो संचालन के लिए 1,000 इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन की खरीद को लेकर 46 करोड़ रुपये मंजूर किये गये थे। हालांकि, कंपनी के अनुसार तिपहिया वाहनों के लिए कर्ज का लाभ नहीं उठाया गया।
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