BSUSC Vacancy : बिहार असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में सभी अनुभव व दिव्यांगता प्रमाणपत्रों की होगी जांच
- बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा नियुक्त सभी नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर के अनुभव और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों की जांच होगी।

बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग द्वारा नियुक्त सभी सहायक प्राध्यापकों के अनुभव और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों की जांच होगी। जांच के लिए विश्वविद्यालयों की ओर से जारी हुए अनुभव व दिव्यांगता प्रमाणपत्र की सूची तैयार की जा रही है। आयोग के सदस्य डॉ. अनिल कुमार सिन्हा ने बताया कि विश्वविद्यालयों की ओर से जारी अनुभव प्रमाणपत्र और सत्यापित किए गए दिव्यांगता प्रमाणपत्र की सूची संबंधित विवि को भेजी जाएगी। विश्वविद्यालयों में गठित कमेटी प्रमाणपत्रों की जांच कर आयोग को रिपोर्ट भेजेगी। बीआरएबीयू में अनुभव और दिव्यांगता प्रमाणपत्रों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी का कहना है कि विवि सेवा आयोग से ब्योरा आने के बाद जांच शुरू होगी।
जारी किए सैकड़ों अनुभव प्रमाणपत्र बीआरएबीयू से सैकड़ों की संख्या में अनुभव व दिव्यांगता प्रमाणपत्र जारी और सत्यापित किए गए हैं। विवि स्तर पर बिना जांच किए ही कॉलेजों से आए अनुभव प्रमाणपत्रों को जारी कर दिए जाने की आशंका है। हाल में ही मोतिहारी के एक कॉलेज में दिव्यांगता प्रमाणपत्र पर बहाल शिक्षक के मामले में फर्जीवाड़ा सामने आया है। शिक्षक ने आयोग में मूक बधिर का प्रमाणपत्र दिया था, लेकिन वह कक्षा में बोल कर पढ़ाती हैं। मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में भी अर्थशास्त्रत्त् में नियुक्त शिक्षक के वाणिज्य विषय का अनुभव प्रमाणपत्र देने का मामला सामने आया है।
- विश्वविद्यालय सेवा आयोग तैयार कर रहा एक-एक विश्वविद्यालय की सूची
- सूची तैयार करने के बाद सभी विश्वविद्यालयों को भेजा जाएगा इसका ब्योरा-विश्वविद्यालय की कमेटी एक-एक प्रमाणपत्र की जांच कर देगी रिपोर्ट
संबद्ध कॉलेजों से खूब जारी हुए प्रमाणपत्र
बीआरएबीयू से भेजे गए अनुभव प्रमाणपत्र संबद्ध कॉलेजों से जारी किए गए हैं। इसमें इतिहास में एक संबद्ध कॉलेज ने छह लोगों को पढ़ाने का अनुभव प्रमाणपत्र दिया, जबकि वह विषय कॉलेज में नहीं है। इसके बाद भी विवि स्तर से उसे पास कर आयोग को भेज दिया गया। नियुक्ति में अनुभव प्रमाणपत्र के लिए 10 अंक हैं।
जांच के लिए अतिथि शिक्षक भी आये सामने अनुभव प्रमाणपत्रों की सही से जांच हो, इसके लिए बीआरएबीयू के अतिथि शिक्षक भी सामने आ गये हैं। उनका कहना है कि जांच में लीपापोती नहीं होनी चाहिए। विवि स्तर से जांच में लीपापोती हुई तो अतिथि शिक्षक मामले को कोर्ट में भी लेकर जाएंगे।