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CBSE 12th Economics Exam analysis : सीबीएसई 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर देख खिले चेहरे, क्या बोले छात्र

  • CBSE 12th Economics Exam analysis : सीबीएसई 12वीं इकोनॉमिक्स की परीक्षा देने वाले ज्यादातर छात्रों ने कहा कि पेपर आसान और बैलेंस्ड था। छात्रों के अनुसार अर्थशास्त्र प्रश्नपत्र की कठिनाई का स्तर मध्यम था।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीWed, 19 March 2025 04:39 PM
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CBSE 12th Economics Exam analysis : सीबीएसई 12वीं इकोनॉमिक्स का पेपर देख खिले चेहरे, क्या बोले छात्र

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( सीबीएसई ) ने बुधवार को सुबह 10.30 बजे से 1.30 बजे तक के बीच कक्षा 12वीं के अर्थशास्त्र विषय की परीक्षा आयोजित की। परीक्षा देने वाले ज्यादातर छात्रों ने कहा कि पेपर आसान और बैलेंस्ड था। छात्रों के अनुसार अर्थशास्त्र प्रश्नपत्र की कठिनाई का स्तर मध्यम था। चंडीगढ़ की गुरसिमरन नाम की छात्रा ने ने कहा कि पेपर बैलेंस्ड था जिसमें डायरेक्ट और एप्लीकेशन बेस्ड प्रश्नों का मिश्रण था। मैक्रोइकॉनॉमिक्स सेक्शन उम्मीद से ज्यादा आसान था। पिछले साल के सवालों को हल करने से काफी मदद मिली। चंडीगढ़ की ही श्रुति शर्मा ने कहा, "मुझे न्यूमेरिकल प्रश्न आसान लगे। दिए गए समय में पेपर पूरा हो सकता था। आज माइक्रोइकॉनॉमिक्स हिस्सा अच्छा गया जो अच्छा स्कोर करने में मदद करेगा।'

वंशिका सलारिया नाम की स्टूडेंट ने कहा, 'अधिकतर प्रश्न एनसीईआरटी से थे, लेकिन कुछ पाठ्यक्रम से बाहर के थे। मुझे लगता है कि मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा, मैंने समय पर पेपर किया।' एक अन्य छात्र हरप्रीत ने कहा, 'कुल मिलाकर यह अच्छा पेपर था। असर्शन रीजनिंग प्रश्न अच्छे थे और बाकी पेपर भी आसान था।' कबीर प्रताप सिंह ने कहा, 'पेपर लंबा था और विस्तृत उत्तर लिखने में समय लगा। हालांकि पिछले पेपर की तुलना में यह बेहतर था और जिन्होंने अच्छी तरह से प्रैक्टिस की होगी, उन्हें अच्छा करना चाहिए।'

सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल, गाजियाबाद की अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष सुदेशना भट्टाचार्य ने कहा कि अर्थशास्त्र के पेपर की कठिनाई का स्तर आसान से मध्यम था। उन्होंने कहा, 'मैक्रोइकोनॉमिक्स में एसीक्यू बेस्ट प्रश्न थे, भारतीय अर्थव्यवस्था में वे एनसीईआरटी से ही थे। मैक्रोइकोनॉमिक्स में (AD-AS) डायग्राम आधारित प्रश्न वर्णनात्मक प्रश्न के साथ विकल्प के रूप में आए और इनका लेवल आसान था। अधिकांश प्रश्न डायरेक्ट थे। अन्य एप्लीकेशन बेस्ड थे। भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रश्नों का उत्तर देने के लिए एनसीईआरटी को अच्छी तरह से पढ़ना आवश्यक था और वे मध्यम स्तर के थे। न्यूमेरिकल प्रश्न आसान थे। केस स्टडी के साथ-साथ सब्जेक्टिव प्रश्न भी आसान थे। केवल 2-3 एमसीक्यू मुश्किल थे।'

गाजियाबाद के सेठ आनंदराम जयपुरिया स्कूल की छात्रा श्रेया गंभीर ने कहा, 'अर्थशास्त्र का बारहवीं कक्षा का पेपर औसत से बेहतर था। इसमें कुछ ऐसे प्रश्न थे जो हमारे शिक्षकों ने पहले से ही प्री-बोर्ड पेपर में शामिल किए थे। इसलिए हमें पता था कि उनका उत्तर कैसे देना है। इसके अलावा मेरे लिए पेपर थोड़ा लंबा था, लेकिन मैं समय पर पूरा करने में कामयाब रही। ईमानदारी से कहूं तो कठिनाई का स्तर औसत था बहुत कठिन नहीं लेकिन आसान भी नहीं। केस स्टडी में एक प्रश्न पैसेज से था; बाकी 2 प्रश्न केवल पुस्तक से थे।'

एक अन्य छात्रा सौम्या दुबे ने कहा, 'अर्थशास्त्र का बारहवीं कक्षा का पेपर कुल मिलाकर आसान था। प्रश्न ज्यादातर सीधे थे और न्यूमेरिकल प्रश्न आसान थे। एमसीक्यू के लिए थोड़ी एप्लीकेशन लगाने की आवश्यकता थी। केस स्टडी भी सीधे और नियमित थे।'

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गाजियाबाद के सिल्वरलाइन प्रेस्टीज स्कूल में पीजीटी अर्थशास्त्र अनुपम अग्निहोत्री ने कहा, '80 अंकों का प्रश्न पत्र इंटरनल चॉइस के साथ था। पेपर में कंपीटेंसी बेस्ड और मॉडरेट प्रश्नों का एक अच्छा मिश्रण रहा। पेपर औसत था और प्रश्न मुख्य रूप से सीबीएसई सैंपल पेपर-आधारित थे। सीधे सवाल सीधे और जवाब देने में आसान थे। एमसीक्यू और योग्यता-आधारित प्रश्न भी औसत कठिनाई के थे।'

विद्याज्ञान स्कूल बुलंदशहर की कक्षा 12 की छात्रा शिवानी ने कहा कि पेपर अच्छी तरह से सेट किया हुआ था। लंबा नहीं था। बिना किसी जल्दबाजी के सभी प्रश्नों को हल करने के लिए पर्याप्त समय मिला। प्रश्नों का वितरण उचित और सिलेबस के अनुरूप था। विद्याज्ञान की एक अन्य छात्रा प्राची ने बताया कि न्यूमेरिकल प्रश्न सीधे और मैनेज करने लायक थे। मुश्किल कुलकुलेशन के बजाय वैचारिक समझ को टेस्ट करने वाला पेपर था जिससे लगातार अभ्यास करने वाले छात्रों के लिए यह आसान हो गया।