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एमएई वाले भी बन सकेंगे BEd कॉलेजों में शिक्षक, NCTE ने दी मंजूरी, पहले सिर्फ MEd वाले थे योग्य

  • एमएड ही नहीं बल्कि एमएई की पढ़ाई करनेवाले भी अब बीएड कॉलेजों में शिक्षक बन सकेंगे। एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) ने इसकी मंजूरी दे दी है।

Pankaj Vijay लाइव हिन्दुस्तान, प्रमुख संवाददाता, मुजफ्फरपुरTue, 15 April 2025 11:23 AM
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एमएई वाले भी बन सकेंगे BEd कॉलेजों में शिक्षक, NCTE ने दी मंजूरी, पहले सिर्फ MEd वाले थे योग्य

मास्टर ऑफ आर्ट्स इन एजुकेशन (एमएई) की पढ़ाई करनेवाले भी अब बीएड कॉलेजों में शिक्षक बन सकेंगे। एनसीटीई (राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद) ने इसकी मंजूरी दे दी है। एमएई करनेवाले अभ्यर्थी बीएड कॉलेजों में फाउंडेशन कोर्स में आवेदन कर सकेंगे। एमडीडीएम कॉलेज में बीएड की पूर्व अध्यक्ष और वर्तमान में जेएसपीएम विवि पुणे में प्राध्यापक डॉ. मौसमी चौधरी ने बताया कि एनसीटीई के इस नये बदलाव से मास्टर ऑफ आर्ट्स इन एजुकेशन करनेवाले छात्रों को काफी फायदा होगा।

अबतक बीएड कॉलेजों में सिर्फ एमएड करने वाले छात्र ही शिक्षक पद के लिए आवेदन कर सकते थे, लेकिन अब एमएई वाले भी ओवदन कर सकेंगे। एनसीटीई ने पिछले दिनों बीएड कॉलेजों में बदलाव पर देशभर से फीडबैक मांगे थे। फीडबैक में विश्वविद्यालयों और बीएड कॉलेजों ने सुझाव दिया कि फाउंडेशन कोर्स में एमएड के साथ एमएई वाले भी आवेदन कर सकें, ऐसा प्रावधान बनाया जाए। एनसीटीई ने अपनी सालाना बैठक में इसपर मंजूरी दे दी।

55 प्रतिशत नंबर की है अनिवार्यता: मास्टर ऑफ आर्ट्स इन एजुकेशन के छात्रों को बीएड कॉलेज में शिक्षक बनने के लिए 55 प्रतिशत नंबर की अनिवार्यता रहेगी। इसके अलावा नेट या पीएचडी अभ्यर्थियों को रहनी चाहिए। डॉ. मौसमी चौधरी ने बताया कि बीएड कॉलेजों में एमएई वाले अभ्यर्थियों की बहाली से शिक्षकों की संख्या में वृद्धि होगी। एनसीटीई ने नई शिक्षा नीति के तहत यह परिवर्तन किया है।

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एमएड कॉलेजों में 50 छात्र तक ही ले सकेंगे दाखिला, नैक मूल्यांकन भी अनिवार्य

एनसीटीई के अनुसार एमएड कॉलेजों में 50 छात्र तक ही दाखिला ले सकेंगे। एमएड कॉलेज को नैक भी कराना होगा। एमएड में विवि और कॉलेज स्थानीय स्तर के अनुसार 30 प्रतिशत तक सिलेबस में बदलाव कर सकेंगे। बीआरएबीयू में एमएड के तीन कॉलेज हैं। इन तीनों कॉलेजों में 150 सीटों पर छात्रों का दाखिला होता है। एमएड कॉलेज में एक प्रोफेसर, दो एसो़ प्रोफेसर और चार सहायक प्राध्यापक को रखना अनिवार्य है।

बीएड की तर्ज पर एमएड में भी सामान्य परास्नातक के कोर्स का प्रस्ताव

एनसीटीई ने बीएड के साथ एमएड कॉलेजों को भी मल्टी डिसिस्प्लनरी कोर्स के तहत चलाने का निर्देश दिया है। नई शिक्षा नीति के तहत अब बीएड कॉलेजों में बीएड के साथ साइंस, आर्ट्स और कॉमर्स के भी कोर्स चलाने होंगे। बीएड की तर्ज पर एमएड में भी सामान्य परास्नातक के कोर्स चलाने के लिए एनसीटीई ने प्रस्ताव तैयार किया है। जल्द ही इसे गजट के तौर पर जारी किया जायेगा।