UPSC Topper Story: आईआईटी कानपुर से की पढ़ाई, ग्वालियर की बेटी ने यूपीएससी मे हासिल की 7वीं रैंक
- UPSC CSE Topper 2024 Success Story: ग्वालियर की बेटी आयुषी बंसल ने सिविल सर्विसेज परीक्षा मे शानदार छलांग लगाते हुए आज घोषित फाइनल रिजल्ट मे सातवीं रेंक हासिल की है।

UPSC Topper Ayushi Bansal: ग्वालियर की बेटी आयुषी बंसल ने सिविल सर्विसेज परीक्षा मे शानदार छलांग लगाते हुए आज घोषित फाइनल रिजल्ट मे सातवीं रेंक हासिल की है। वैसे तो वे पहले भी दो बार यूपीएससी क्रेक कर चुकी हैं लेकिन वे आईपीएस बन पर रही थी लेकिन इस बार सातवी रेंक हासिल कर उन्होंने आख़िरकार अपना वह मुकाम पा ही लिया जिसके लिए वे कड़ी मेहनत कर रहीं थी।
ग्वालियर की आयुषी की यात्रा कोई बहुत आसान नही रही। उनके पिता भारतीय जीवन बीमा निगम मे कार्यरत थे घर मे सब कुछ ठीकठाक चल रहा था।आयुषी के पिता का अचानक देहावसान हो गया।आयुषी की माँ भी एलआईसी मे कार्यरत थी।माँ पर अब दोहरी जिम्मेदारी आ गई। लेकिन उन्होंने इसे निभाया भी इसलिए आयुषी अपनी सफलता के लिए सारा श्रेय अपनी माँ राधा बंसल को ही देती हैं।आयुषी ने आईंआईंटी कानपुर से पढ़ाई की और फिर यूपीएससी की तैयारी मे जुट गई।
आयुषी बंसल की शुरुआती पढ़ाई ग्वालियर में एक प्राइवेट कॉन्वेंट स्कूल मे हुई। इसके बाद जब हायर सेकेंडरी मे आई तो आयुषी ने दिल्ली के एक नामी स्कूल से पढ़ाई करने की इच्छा अपनी माँ से जताई। हालांकि ये आसान नहीं था बल्कि परिवार के लिए कठिन और बड़ा कदम था। आयुषी कभी अकेले ग्वालियर से बाहर ही नहीं गई थीं और फिर स्कूलिंग के राजधानी दिल्ली जाना चाहती थीं। मां की मंजूरी मिली तो आयुषी पढ़ाई के लिए दिल्ली पहुंच गई।
कड़ी मेहनत रंग लाई और अच्छी रैंक से पास हुई। फिर उन्होंने कानपुर आईआईटी से ग्रेजुएशन किया और आईपीएस बनने से पहले दो नामी कंपनियों में नौकरी भी की। इसके बाद आयुषी बंसल ने अपना फोकस यूपीएससी पर किया।सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC CSE) 2022 में हुआ। उन्होंने भारत में 188वीं रैंक हांसिल की थी. लेकिन इस उपलब्धि के पीछे उनके कड़े संघर्ष से भरी हुई है।उनके पिता संतोष बंसल एलआईसी में काम करते थे।जब वे छोटी थीं, उस दौरान डबरा की तरफ से बाईक से लौटते समय उनका एक्सीडेंट हो गया।आयुषी और उनकी माँ तो इस एक्सीडेंट मे सिर्फ घायल हुई लेकिन आयुषी ने अपने पिता को खो दिया। उनके पिता के निधन के बाद उनके स्थान पर माँ को अनुकम्पा नियुक्ति मिली। पिता के गुजरने के बाद घर चलाने की जिम्मेदारी मां के कंधों पर थी।उनकी मां ने नौकरी, घर और बच्चे तीनो को संभाला।आयुषी की मां भी एलआईसी में कार्यरत हैं।
आयुषी कहती हैं कि उनसे ज्यादा मां के जीवन में संघर्ष रहा, जिन्होंने जमाने से लड़कर उन्हें पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया।आईपीएस बनने के बाद ग्वालियर पहुंची आयुषी ने बातचीत मे कि चंबल क्षेत्र के पुराने हालत और वर्तमान हालातों पर वे यहां की बेटियों के लिए क्या सोचती हैं पूछने पऱ उन्होंने कहा था इस क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव आया है, यहां पुलिस, शासन-प्रशासन सभी ने बहुत अच्छे कदम उठाए हैं, जिसकी वजह से बेटी-बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा फलीभूत होते दिखाई दे रहा है।आज ग्वालियर चंबल अंचल की महिलाएं काफी आगे बढ़ रही हैं।
बेटी की इस सफलता पर आयुषी की माँ राधा बंसल ने टेलीफोनिक से बातचीत करते हुए इसका श्रेय बेटी की कड़ी मेहनत और भगवान की कृपा को दिया।उन्होंने बताया कि आयुषी की अभी आईपीएस की ट्रेनिंग मे और नक्सल इलाके मे कही हैँ जहाँ मोबाईल भी नही हैं इसलिए अभी उनसे सम्पर्क नही हो पर रही हैं।