बेंगलुरु कांड के बाद शहर में नया स्टेडियम बनाने की मांग, लेकिन इस समय क्या हैं विकल्प? जानिए
बेंगलुरु में एक नया और बड़ा स्टेडियम बनाने की मांग उठ गई है, क्योंकि 4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर जो हुआ, उसकी कल्पना करना भी दुखद होगा। अब नए विकल्प क्या हैं, उनके बारे में जान लीजिए।

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर 4 जून को जो हुआ, वह क्रिकेट जगत के लिए एक बदनुमा दाग की तरह था। आईपीएल 2025 चैंपियन बनने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु यानी आरसीबी ने अपने होम ग्राउंड पर जश्न मनाने का फैसला किया। इस दौरान बहुत ज्यादा भीड़ स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हो गई। जितने ज्यादा से ज्यादा दर्शकों को स्टेडियम में एंट्री मिलनी थी, मिल गई, लेकिन इसके बाद जो हुआ, वह भयावह था। भगदड़ और दम घुटने से 11 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों लोग घायल हो गए। ऐसे में अब बेंगलुरु में नया और बड़ा स्टेडियम बनाने की मांग उठी है।
बेंगलुरु के इस स्टेडियम की दर्शक क्षमता 35 से 40 हजार के बीच है, जबकि अकेले शहर के लोगों की संख्या 1.5 करोड़ है। इसके अलावा स्टेडियम में पर्याप्त पार्किंग की सुविधा भी नहीं है। जब ये स्टेडियम बना था तो उस समय बेंगलुरु की आबादी 16 लाख थी। ये बात 1970 की है, लेकिन अब 2025 चल रहा है तो एक बड़ा स्टेडियम इस समय के हालातों के हिसाब से बनना चाहिए, जिसमें पार्किंग और पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कनेक्टिविटी हो। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट की मानें तो नए स्टेडियम को लेकर मांग उठी है।
शहर की आबादी तो बढ़ी ही है, लेकिन 18 साल में आईपीएल भी बहुत आगे बढ़ चुका है। मौजूदा स्टेडियम उस तरह के लोड को उठा नहीं पा रहा है। सरकारी भूमि आवंटन के बावजूद, नए स्टेडियम के निर्माण की दिशा में कोई वास्तविक प्रगति नहीं हुई है। हालांकि, तुमकुरु के पास हाल ही में एक इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गई है, जो कई वर्षों में कर्नाटक को क्रिकेट के लिए एक नया घर मिलने की दिशा में सबसे नजदीकी कदम है। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु यानी आरसीबी के लिए भी वह नया होम बन सकता है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) को कोलार, चिकमगलुरु, मंगलुरु, उडुपी और पुत्तूर में भूमि आवंटित की गई थी। हालांकि, ये स्थल बड़े पैमाने पर अविकसित हैं, केवल चारदीवारी ही बनी हुई है। बल्लारी और दावणगेरे में भी ऐसी ही स्थिति है। तुमकुरु के पास एक नए क्रिकेट स्टेडियम के लिए 41 एकड़ भूमि आवंटित करते समय मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मैसूर में KIADB के माध्यम से अतिरिक्त सरकारी भूमि देने का वादा किया था। फिर भी, तुमकुरु परियोजना के अलावा, किसी अन्य स्थान पर उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई है।
यहां तक कि तुमकुरु परियोजना भी क्रिकेट प्रेमियों की जरूरतों को पूरा करने की संभावना नहीं है, क्योंकि यह बेंगलुरु से 91 किमी दूर स्थित है - जो वास्तव में शहर की सीमा के भीतर स्टेडियम बनाने की प्रशंसकों की मांग से बहुत दूर है। यह तब है जब KSCA के पास शहर के नजदीक व्यवहार्य विकल्प मौजूद हैं। इसका एक उदाहरण केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल हवाई अड्डे के पास नई राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी परिसर है, जिसमें संभावित रूप से चिन्नास्वामी की तुलना में तीन गुना अधिक बैठने की क्षमता वाला 85-यार्ड का मैदान हो सकता है।