वह बहुत दवाब में थे, मैंने उन्हें इस्लाम की ओर झुकते देखा है… एआर रहमान के दोस्त ने याद किया पुराना वक्त
- एआर रहमान को लंबे समय से जानने वाले उनके डायरेक्टर दोस्त ने बताया है कि जब वह और उनका परिवार इस्लाम की ओर जा रहे थे तब वह साथ थे। उन्होंने ही फकीरों और रहमान के परिवार के बीच ट्रांसलेटर की भूमिका निभाई थी।

एआर रहमान और डायरेक्टर सिनेमैटोग्राफर राजीव मेनन के बीच पुरानी दोस्ती है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि वह रहमान को तबसे जानते हैं जब वह एआर रहमान नहीं बल्कि दिलीप कुमार थे। रहमान शर्मीले थे और कम बोलते थे। राजीव ने कहा कि अब वह आइकन बन गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि रहमान और उनके परिवार का झुकाव जब इस्लाम की तरफ हो रहा था, वो वक्त उन्होंने देखा है।
बहनों की शादी का था तनाव
राजीव मेनन ने O2 India से बाचीत में रहमान से अपनी दोस्ती के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि रहमान के घर पर जब गुलबर्गा से फकीर आते तो उन्होंने दोनों के बीच कड़ी बनने का काम किया था। फकीर उनके परिवार को इस्लाम अपनाने में मदद कर रहे थे लेकिन उन लोगों को हिंदी नहीं आती थी। वह बोले, 'एक समय था जब उन लोगों को हिंदी नहीं आती थी तो मैं ट्रांसलेटर की भूमिका निभाता था। मैंने उनका बदलाव और धर्म की तरफ झुकाव और आस्था देखी है। मैंने देखा कि रहमान ने परिवार में काफी दवाब झेला, खासकर बहनों की शादी को लेकर। म्यूजिक ने उन्हें इन सबसे उबरने में मदद की।'
म्यूजिक से मिलती थी शांति
राजीव ने बताया कि रहमान बोलते थे कि म्यूजिक से वह सब भूल जाते हैं। उन्हें लगता था कि ईश्वर ने उन्हें दिक्कतें दी हैं तो वह अपने म्यूजिक से चीजों का उजला पक्ष देख सकते हैं।
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