Rana Daggubati on Deepika Padukone and Animal director Sandeep Reddy Vanga Controversy 'कोई किसी पर दबाव नहीं बना रहा', काम के घंटों पर दीपिका-संदीप विवाद पर बोले राणा दग्गुबाती, Bollywood Hindi News - Hindustan
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'कोई किसी पर दबाव नहीं बना रहा', काम के घंटों पर दीपिका-संदीप विवाद पर बोले राणा दग्गुबाती

कैसे सिनेमा के हिसाब से वर्किंग कंडिशन बदल जाती हैं इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा- जैसे महाराष्ट्र में 12 घंटे की शिफ्ट होती है। तेलुगू सिनेमा में 8 घंटे की शिफ्ट होती है।

Puneet Parashar लाइव हिन्दुस्तानSat, 7 June 2025 11:09 PM
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'कोई किसी पर दबाव नहीं बना रहा', काम के घंटों पर दीपिका-संदीप विवाद पर बोले राणा दग्गुबाती

बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण का संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'स्पिरिट' से अचानक बाहर होना पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा। एक तरफ जहां दीपिका पादुकोण का पक्ष इस बारे में चर्चा का विषय रहा, वहीं दूसरी तरफ संदीप रेड्डी वांगा ने भी दीपिका पादुकोण का नाम लिए बगैर सोशल मीडिया पर खुलकर लिखा। दीपिका के फिल्म छोड़ने और संदीप रेड्डी वांगा की नाराजगी के बीच जिस बात पर सबसे ज्यादा सुर्खियां बनीं, वो थे शूटिंग पर काम के घंटे। अब फिल्म 'बाहुबली' में भल्लालदेव का किरदार निभा चुके एक्टर राणा दग्गुबाती ने इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी है।

'प्रति व्यक्ति आय के आधार पर देखेंगे तो..'

द लल्लनटॉप के साथ बातचीत में राणा दग्गुबाती ने कहा, "हमें यह समझना चाहिए कि भारत एक विकासशील देश है। हम एक पूरी तरह से विकसित हो चुके मुल्क नहीं हैं। अगर आप प्रति व्यक्ति आय के आधार पर देखेंगे तो हमारी अर्थव्यवस्था शायद दुनिया में 186वें नंबर पर है।" राणा ने सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोणों को ध्यान में रखते हुए कहा, "एक ऐसे देश में जहां 1.8 बिलियन लोग हों और उनमें 70-80 फीसदी महज 100 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं, जब हम इसे ध्यान में रखकर सोचते हैं तो हमें समझ आता है कि अभी हमें कितना आगे जाना है।"

राणा ने बताई अपनी इंडस्ट्री की बात

राणा जो कि तेलुगू सिनेमा के काफी मशहूर एक्टर हैं, उन्होंने बताया कि वर्क कल्चर सिर्फ प्रोफेशनल नहीं होता, यह पर्सनल भी होता है। प्रभास के को-स्टार रह चुके एक्टर ने कहा, "मैं एक ऐसी इंडस्ट्री से आता हूं जो मद्रास से आई है। जिसमें कुछ परिवार थे और सैकड़ों अन्य लोग जो अपना बोरिया-बिस्तर लेकर दूसरे शहर में आए और काम शुरू किया। तो मेरे लिए यह सिर्फ काम नहीं है, यह एक लाइफस्टाइल है।" कैसे सिनेमा के हिसाब से वर्किंग कंडिशन बदल जाती हैं इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा- जैसे महाराष्ट्र में 12 घंटे की शिफ्ट होती है। तेलुगू सिनेमा में 8 घंटे की शिफ्ट होती है।

'कोई किसी पर दबाव नहीं बना रहा है'

राणा ने कहा, "लेकिन जहां महाराष्ट्र में काम 9 बजे से शुरू होता है, तेलुगू सिनेमा में सुबह 7 बजे से ही शुरू हो जाता है। अगर आप लोकेशन पर या स्टूडियो में हैं, अगर आप सेट पर शूट कर रहे हैं तो इससे समीकरण बदल जाते हैं। चीजें कभी भी एक जैसी नहीं होती हैं।" एक्टर्स के ज्यादा काम करने या उन पर दबाव बनाए जाने के बारे में राणा ने कहा, "कोई किसी पर दबाव नहीं बना रहा है, यह एक नौकरी है। ठीक वैसे, जैसे आप पर कोई किसी शो को करने के लिए दबाव नहीं बनाता है, हमेशा आपकी अपनी चॉइस होती है। हर कोई तय करता है कि उसकी जिंदगी में क्या जरूरी है। ऐसे भी एक्टर हैं जो सिर्फ 4 घंटे काम करते हैं। उनका वही तरीका है।

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