फिल्म जिसको बनाने में लगा 7 साल का वक्त, हिट रहा हिंदू एक्टर का मुस्लिम किरदार, खूब मिली तारीफें
आमिर खान ने फिल्म में हिंदू शख्स का किरदार निभाया था और मुकेश ऋषि इसमें सलीम के किरदार में नजर आए थे। उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग रोल के लिए नॉमिनेट किया गया था।

Bollywood Kissa: बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान की साल 1999 में आई फिल्म 'सरफरोश' कई मायनों में खास थी। इस आइकॉनिक मूवी को आप ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम पर देख सकते हैं जिसकी IMDb रेटिंग 8.1 है। फिल्म को बनाने में तकरीबन 15 करोड़ रुपये की लागत आई थी और फिल्म का ग्रॉस वर्ल्डवाइड कलेक्शन 32 करोड़ 42 लाख रुपये रहा था। कम लोग जानते हैं कि इस फिल्म को बनाने में निर्देशक जॉन मैथ्यू को 7 साल का वक्त लगा था। फिल्म में मुकेश ऋषि ने इंस्पेक्टर सलीम का रोल किया था जिसे खूब तारीफें मिलीं और बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड में नॉमिनेट भी हुए।
आमिर और जॉन के बीच हुआ मनमुटाव
फिल्म के लिए की गई रिसर्च, प्रोडक्शन, पोस्ट प्रोडक्शन और बाकी चीजें मिलाकर साल 1992 में शुरू हुई यह फिल्म साल 1999 में जाकर सिनेमाघरों में रिलीज हुई। फिल्म को बनाने में कई तरह की चुनौतियां आईं जिसमें आमिर खान और जॉन मैथ्यू के बीच हुआ मनमुटाव भी शामिल था। हालांकि कुछ ही वक्त में दोनों में सुलह हो गई और फिर एक बार दोनों जी-जान से इस फिल्म को बनाने में जुट गए। यह पहली बार था जब आमिर खान पुलिस ऑफिसर के किरदार में नजर आए थे। इससे पहले उन्होंने 'बाजी' फिल्म में कमांडो का किरदार निभाया था। इसे कन्नड़ और तेलुगू भाषा में रीमेक भी किया गया था। कन्नड़ में इसी फिल्म को 'सत्यमेव जयते' नाम से रीमेक किया गया था। वहीं तेलुगू भाषा में इसे 'अस्त्रम' नाम से बनाया गया।
इसमें नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी आए थे नजर
'सरफरोश' में आमिर खान के अलावा नसीरुद्दीन शाह और मुकेश ऋषि के किरदार की भी काफी तारीफ हुई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पहली बार था कि जब मुकेश विलेन के किरदार में नहीं दिखे। उनके काम की खूब तारीफ हुई और साल 2000 में उन्हें फिल्मफेयर के लिए नॉमिनेट किया गया। इस फिल्म को उस वक्त रिलीज किया गया जब भारत-पाकिस्तान के बीच कारगिल पर तनाव चल रहा था। इस वजह से भी फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर पुश मिला। फिल्म में एक छोटा सा सीन नवाजुद्दीन सिद्दीकी का भी है, वह एक कैदी के तौर पर नजर आए थे।
मुकेश के लिए सबसे मुश्किल था यह सीन
मुकेश ऋषि ने बताया था कि फिल्म में उनके लिए सबसे मुश्किल हिस्सा दुआ करने वाला रहा था। ऐसा इसलिए क्योंकि असल में मुकेश ऋषि हिंदू और आमिर खान मुसलमान हैं, लेकिन फिल्म में आमिर खान ने हिंदू किरदार किया था और मुकेश मुस्लिम किरदार करते नजर आए थे। फिल्म को खूब तारीफें मिलीं, लेकिन कम लोग जानते हैं कि इसमें नसीरुद्दीन के उस सीन पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति थी जिसमें वह बकरे को काटकर खाते हैं। आखिर में यह सहमति बनी कि सिर्फ नसीरुद्दीन शाह वाला हिस्सा दिखाया जाएगा।
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