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पेड़ पर रहती है यक्षिणी; लोगों की कौन सी मान्यता के आगे रुक गया सूरत में टैक्सीवे का उद्घाटन

गुजरात के सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एक 10 फुट ऊंचे पेड़ की वजह से टैक्सीवे को खोला नहीं जा रहा है। इसकी वजह है स्थानीय लोगों की मान्यता। 63 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए 2,905 मीटर लंबे पैरेलल टैक्सीवे 31 मार्च से इस्तेमाल के लिए तैयार है।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तान, सूरतWed, 16 April 2025 12:00 PM
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पेड़ पर रहती है यक्षिणी; लोगों की कौन सी मान्यता के आगे रुक गया सूरत में टैक्सीवे का उद्घाटन

गुजरात के सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एक 10 फुट ऊंचे पेड़ की वजह से टैक्सीवे को खोला नहीं जा रहा है। इसकी वजह है स्थानीय लोगों की मान्यता, जिनका मानना है कि पेड़ में एक अच्छी यक्षिणी रहती है। 63 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए 2,905 मीटर लंबे पैरेलल टैक्सीवे 31 मार्च से इस्तेमाल के लिए तैयार है। हालांकि, जब तक नए स्ट्रेच के बगल में खड़े पेड़ को नहीं हटाया जाता, तब तक इसका उपयोग नहीं किया जा सकता।

अधिकारियों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) द्वारा निरीक्षण किए जाने से पहले इसे हटाना होगा, जो जल्द ही होने की उम्मीद है। इस मामले को जो चीज सबसे जटिल बना रही है वह है स्थानीय लोगों की मान्यता। उनका मानना है कि पेड़ को काटने से अभिशाप लग सकता है। इलाके के कई लोग इसे पवित्र मानते हैं और इसे काटने की कोशिश करने वाले को दुर्भाग्य की चेतावनी देते हैं। एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पेड़ को काटने के बजाय उसे दूसरे स्थान पर लगाने का फैसला किया है।

अधिकारी ने कहा, "शुरू में हमने पेड़ को काटने की योजना बनाई थी, लेकिन हम स्थानीय भावनाओं का सम्मान करते हैं। इसके बजाय, हम मॉनसून से पहले एयरपोर्ट के फायर स्टेशन के पास पेड़ को प्रत्यारोपित करेंगे ताकि यह स्वाभाविक रूप से बारिश के पानी के साथ अपनी जड़ें पकड़ ले और पनप सके।" अधिकारी ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से टैक्सीवे को चालू करने और अनिवार्य निरीक्षण करने का अनुरोध किया गया है।

टीओआई को अधिकारियों ने बताया कि नए टैक्सीवे पर स्थित 'लालबाई माता' मंदिर की मूर्ति को हटा दिया था, जो इस पेड़ से सटा हुआ था। उसे दो साल पहले पास में बने नए मंदिर में ट्रांसफर कर दिया था। जब 2019 में टैक्सीवे की योजना बनाई गई थी, तो पास के भीमपुर, डुमास और गवियार के ग्रामीणों ने मंदिर को तोड़ने का विरोध किया था। उस समय, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने एयरपोर्ट परिसर के अंदर एक नया मंदिर बनाने के लिए 10 लाख रुपये आवंटित किए, ताकि ग्रामीण साल के दौरान कभी भी 'लालबाई माता' की पूजा करने आ सकें।

मूर्ति हटाने के बाद, पेड़ के साथ पुरानी संरचना अभी भी मौजूद है। हवाई अड्डे के अधिकारी ने आश्वासन दिया कि कलेक्टर और पुलिस की मदद से पुराने मंदिर की संरचना को हटा दिया जाएगा। वरिष्ठ एयरपोर्ट अधिकारी ने कहा, "हम ग्रामीणों के साथ किसी भी टकराव से बचने के लिए कलेक्टर और पुलिस से अनुमति लेने के बाद पुराने मंदिर को हटा देंगे और पेड़ को भी प्रत्यारोपित करेंगे।"

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